सफर जिंदगी का / journey of life
प्रस्तावना / Preface
सफर जिंदगी का एक ऐसा सफर जिसमे अनगिनत रास्ते होते है। जो हमें अक्सर भ्रमित करने का काम करते है। इसीलिए कहते है कि जिन्दगी इतनी आसान होती नहीं है जितना हम उसे समझते है क्योंकि जिन्दगी के सफर में हम जो सोचते है ,जो करना चाहते है वह कभी होता नहीं है क्योंकि हम हमेशा अपनी जिंदगी के आधार को छोड़कर विपरीत जिंदगी पाना चाहते है और यही हमारे जीवन का सफर भ्रमित रास्तों पर चला जाता है। जिससे हमारी जिन्दगी विकास हीन हो जाती है इसलिए हमें अपनी जिन्दगी को उस रास्ते पर लेकर चलना चाहिए जो रास्ता भगवान ने हमारे लिए बनाया है क्योंकि ऐसे रास्ते पर चलकर ही जिंदगी का सफर आसान बनता है लेकिन व्यक्ति आज अपने लोभ ,स्वार्थ और मोह में इतना अँधा हो चूका है कि वह जिंदगी के सफर का असली मकसद भूल चूका है।
जिंदगी का सफर कितना चुनौतीपूर्ण है / How challenging is the journey of life
जिंदगी का सफर अगर चुनौतीपूर्ण ना हो तो हम जिन्दगी का सही मतलब कभी नहीं समझ पाते क्योंकि जिंदगी का सही मतलब ही चुनौती है। जिंदगी के सफर में हजारों रास्ते होते है। जो संघर्षपूर्ण ,लालच ,मोह ,माया और कर्तव्यपरायण से भरे हुए होते है यह हमें सोचना होता है कि हमें किस रास्ते पर चलना है कुछ लोग होते है जो जिंदगी सही अर्थ समझकर चुनौतीपूर्ण जिंदगी को अपनाकर अपने कर्तव्यों निर्वाहन करते है और अपनी जिंदगी का सफर पूरा करते है वही कुछ लोग ऐसे होते है जो पूरी जिंदगी लोभ ,मोह और माया में फसें रहतें है। हम सभी जानते है कि जीवन बहुत अनमोल है मगर फिर भी हम उससे विपरीत जीवन जीने की कोशिश करते है जिसके फलस्वरूप हम बहुत सी आपदाओं का सामना करते है क्योंकि जीवन के सफर में हम एक सही रास्ते का चयन नहीं कर पाते है।
हम सभी ने बचपन में कछुआ और खरगोश की कहानी सुनी हुई है जिसमे उन दोनों की दौड़ होती है। मगर खरगोश अपनी होशियारी के कारण उस दौड़ को हार जाता है लेकिन कछुआ निरंतर अपना कर्म करते हुए उस दौड़ को जीत लेता है। जो पूरी तरह से कछुआ के लिए असम्भव था। हमें भी जीवन के सफर में कछुआ से प्रेरणा लेना चाहिए और उस मार्ग में चलना चाहिए जो हमारी जिंदगी को सफल बनाता है। जीवन के सफर को पूरा करने में हमारे कर्म एक बहुत अहम भूमिका निभाते है। यह हमें निर्धारित करना होता है कि हमें जीवन में कैसे कर्म करने है। हमारा मन बहुत ही चंचल होता है जो हमारे अंदर तरह -तरह के विचारो को जन्म देता है जिससे हम मार्ग से भटक जाते है क्योंकि मन के आधीन होने से हम मानसिक रूप से कमजोर हो जाते है।
जीवन का सफर कई तरह से शुरू होता है किसी को जन्म से सब मिल जाता है तो किसी को मेहनत करने के बाद लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो पुरे जीवन कर्म करते है मगर कुछ हासिल नहीं होता है। ऐसी स्थिति हमारे जीवन के सफर में किये हुए कर्मो को दर्शाती है। जब हम अपनी जिंदगी के सफर को भौतिक चीजों के साथ जीवन जीते है और इंसानियत को लेकर चलते है इससे हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर पाते है। जब हम किसी लक्ष्य को बिना स्वार्थ और बिना मतलब के पूरा करते है वह हमारी जिन्दगी का सबसे बेहतरीन तजुर्बा होता है अपनी आने वाली पीढ़ी को देने के लिए क्योंकि उस तजुर्बे से हमारी संस्कृति ,सभ्यता ,परम्पराये और धर्म जिन्दा रहते है। जिससे हमारी चुनौतीपूर्ण जिन्दगी बहुत आसान हो जाती है।
जीवन के सफर को सरल कैसे बनाए / How to make the journey of life easy?
हमारा जीवन एक प्रक्रिया है जीवन और मृत्यु के बीच कि जिसमे सुख क्षणिक मात्र के लिए होता है और दुःख जीवन का हमसाया होता है जो जीवनभर हमारे साथ रहकर हमे जीवन के उद्देश्यों को समझाता है जिससे हम अपने जीवन में कर्तव्यपथ चल सकें। हम अगर अपने जीवन को आरामदायक नहीं बनातें है तो हमारे जीवन के भौतिक साधनों से ही हम खुश रहते है। जीवन को सरल बनाने के लिए हमारे शरीर का स्वश्थ होना बहुत जरूरी है क्योंकि पैसा ,जमीन ,घर ,वैभव आदि चीजों से हमें उतना शुकुन नहीं मिलता है जितना शरीर के स्वश्थ होने से प्राप्त होता है। सरल जीवन कभी महत्वाकांक्षी नहीं होता है वह सिर्फ उद्देश्य से भरा होता है क्योंकि मानव जीवन प्रतिभाषित होता है। हमारे दुखों का अंत सिर्फ सरल बनने से ही होता है और यही वास्तविक जीवन होता है।
सरल जीवन के लिए ज्ञान और आत्मज्ञान दोनों बहुत जरूरी होते है क्योंकि इनके बिना हम जीवन का अर्थ कभी नहीं समझ सकतें है। सरलता जीवन में उद्देश्यों का आभास करवाती है उद्देश्य हमारे जीवन में कर्मो को दर्शाते है क्योंकि कर्म हमारे भाग्य को बनाते है और हमारी जिन्दगी को भ्रम से बाहर निकालने का काम करते है। जो व्यक्ति जिन्दगी के सफर को सरल और सफल बनाना चाहता है उसे हमेशा अपने आप पर और कर्मो पर विश्वास करना चाहिए और उसे कभी किसी एक चीज के पीछे जिन्दगी बर्बाद नहीं करना चाहिए। सरल जीवन जीने के लिए योग -साधना का महत्व सबसे अधिक होता है क्योंकि यह मन को स्थिर रखने की प्रेरणा देता है जिससे हम अपनी इन्द्रियों को अपने वश में कर पाते है जो जीवन के सफर को सरलता से बित्ताने में हमारी मदद करती है।
हमारे जीवन कि हर सुबह एक नया सबेरा लाती है जिससे हम हर प्रकार कि ऊर्जा से भरे होते है लेकिन नकारात्मक ऊर्जा हावी होने के कारण हम सकारात्मक ऊर्जा को बर्बाद करते है। जिस कारण हमारा सरल जीवन प्रभावित होता है क्योंकि हम आलश्य ,अनिंद्रा ,बुरे विचारों ,लालच ,मोह आदि प्रभावित होते है जबकि सरलता व्यक्ति में कर्मो का अभाव पैदा करती है जिससे व्यक्ति किसी भी मंजिल की तरफ बढ़ने के बजाय वह सिर्फ अपने उद्देश्यों को पूरा करने का कार्य करता है जिससे उसे मोक्ष्य की प्राप्ति है जो इंसान मंजिलों के पीछे भागता है वह कभी जीवन की सरलता को समझ नहीं पाता है क्योंकि ऐसे लोग उद्देश्यहीन होते है तभी तो ऐसे लोग सुख -सुविधाओं से भरे जीवन को ही जिन्दगी समझतें है।
उपसंहार / Epilogue
सफर जिंदगी का जो हमें जीवन में अपने कर्तव्यों और उद्देश्यों का एहसास कराता है और उनका निर्वाहन करने की प्रेरणा देता है जो हमें जीवन कि मुख्य धारा से जोड़ता है। सरल जीवन मानवता को सर्वोच्य समझकर कार्य करता है यह कभी महत्वाकांक्षी नहीं होता है। सरल जीवन जो हमेशा सभी जीव -जंतु ,पशु -पंक्षी ,पेड़ -पौधे और प्रकृति के द्वारा दिए हुए सभी संसाधनों की रक्षा और संरक्षण करने की प्रेरणा देता है। सरल जीवन की परिभाषा को समझना है तो हमें भगवत गीता अपने अंदर उतारना चाहिए और जिस व्यक्ति ने भगवत गीता को समझ लिया उसने अपने जीवन के अर्थ को भी समझ लेता है क्योंकि भगवत गीता सिर्फ एक ग्रन्थ नहीं है बल्कि वास्तविक जीवन को जानने का एक तरीका है।
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