मंगलवार, 5 दिसंबर 2023

हमारी अभिलाषा / our desire

 हमारी अभिलाषा / our desire


प्रस्तावना / Preface


अभिलाषा क्या है ,अभिलाषा का अर्थ क्या है हमारी चाहत ,इच्छा ,लालसा ,आकांक्षा और काम -वासना आदि चीजें हमें अभिलाषा का सही मतलब समझाती है। यह सारी चीजें हर रोज हमारे आस -पास होने वाली गतिविधियों के कारण हमारे मन -मस्तिष्क और जीवन में असर डालती है। हमारे अंदर जो जिज्ञासा प्रकट होती है वह हमारी अभिलाषा बन जाती है लेकिन यह हमारी मनोवृत्ति पर निर्भर करता है कि व्यक्ति अपनी अभिलाषा को किस नजरियें से देखता है क्योंकि व्यक्ति चाहतों का पुतला होता है जो अभिलाषा को पूरा करने में अक्सर बहक जाता है। अभिलाषा प्यार को पाने कि ,अभिलाषा मंजिल तक पहुंचने की ,अभिलाषा अपने देश पर मर -मिटने कि ,अभिलाषा एक कामयाब व्यापारी बनने कि ,ऐसी बहुत सी चीजें होती है जिनके लिए हम लोग अपने मन -मस्तिष्क में एक अभिलाषा प्रकट करते है। 





अभिलाषा कुछ कर गुजरने की / desire to do something


हर व्यक्ति चाहता है कि वह जीवन में सबकुछ प्राप्त करलें दुनिया कि हर चीज उसके पास हो इसलिए वह हमेशा अपनी अभिलाषा को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होता है मगर जब व्यक्ति अपने मतलब के आधार पर काम करता है तब उसको उतनी सफलता प्राप्त कभी नहीं होती जितनी वह चाहतें है क्योंकि मानव का सबसे बड़ा लक्ष्य दूसरों को प्रसन्नता प्रदान करना होना चाहिए। हमें जीवन में लक्ष्य निर्धारित करके विश्व के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए क्योंकि हमारी अभिलाषा तभी पूर्ण होती है जब उस अभिलाषा से दूसरों का कल्याण हो। अभिलाषा हमारे कर्मो को सार्थक करने का कार्य करती है। अभिलाषा हमारे सपनों को आधार प्रदान करती है। जिससे हम उन्हें हकीकत प्रदान करते है और समाज का कल्याण करते है 


हमारी अभिलाषा हमें हमेशा कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करती है लेकिन हम अक्सर अपने लालच में फसें रहतें है जिसके कारण वह रास्ता हमें नजर नहीं आता है मगर जब हम उन सभी चीजों से ऊपर उठकर विचार करते है तब हमारी अभिलाषा पूर्ण होती नजर आती है। अभिलाषा बहुत तरिके की होती है जैसे किसी चीज को पाने की चाहत ,एक बहुत बड़ा व्यापारी बनने की चाहत ,वैज्ञानिक बनने की चाहत तो किसी को प्रेम पाने की चाहत आदि ऐसी बहुत सी अभिलाषाएं होती है व्यक्तियों कि जिन्हें वह पूरा करना चाहतें है लेकिन अधिकतर लोग अपने काम को सार्थक नहीं कर पाते है क्योंकि हर व्यक्ति हर चीज को बहुत जल्दी और आराम से पाना चाहता है। हमें ऐसी अभिलाषा की कल्पना करना चाहिए जिससे हमारे साथ -साथ दूसरों का भी भला हो जिससे समाज और देश में बदलाव आ सकें। 


जब हम कुछ कर गुजरने की बात करते है और एक अभिलाषा को पूरा करने का विचार करते है तो हमें उसके प्रति अपने अंदर सबसे पहले समर्पण की भावना को जागृत करना चाहिए। अगर हम देखें कि जब कोई व्यक्ति अध्यापक बनने कि अभिलाषा करता है तो उसकी यह चाहत जरूर सम्भव होती है क्योंकि इससे समाज का अंधेरा दूर होता है और लोग रोशनी की तरफ बढ़ते है। अध्यापक समाज को विकास की राह दिखाता है जिससे सफल समाज का जन्म होता है क्योंकि एक अध्यापक ही होता है जो हमे ज्ञान देता है जिससे हमारा और समाज का विकास होता है। अभिलाषा एक आशा की उम्मीद हमें देती है लेकिन अगर उस अभिलाषा में श्वार्थ होता है तो वह आशा कहि ना कहि हमें निराशा प्रदान करती है जो हमें नकारात्मक बनाती है। नकारात्मक विचार हमें मूल उद्देश्यों से भटकाने का कार्य करते है। 


हमारी अभिलाषा कभी व्यर्थ नहीं जाती अगर हम पूरी मेहनत और लगन से उसे पूरा करने का काम करते है लेकिन हम उसमे किसी भी प्रकार से अपना श्वार्थ या बेईमानी करते है। हमारी अभिलाषा पूर्ण नहीं होती है व्यक्ति के अंदर जब कुछ कर गुजरने की चाहत पैदा होती है और वह किसी लक्ष्य को साध कर उसे ईमानदारी से करता है तो वह अपने मकसद में जरूर कामयाब होता है क्योंकि उसमे उसके साथ -साथ समाज का भी कल्याण छिपा होता है वो व्यक्ति समाज के लिए आधार बनता है। हमारी अभिलाषा हमेशा ऐसी होनी चाहिए जो हमें और हमारे अपनों को किसी भी तरह से नुकसान ना पहुचायें क्योंकि अभिलाषा हमारा कर्तव्यपथ को तय करती है जो हमारे जीवन के सफर को पूरा करता है। व्यक्ति जो करता है ,जो विचार करता है और उसे अंजाम देता है उससे हमारे जीवन में बदलाव आते है। 


उपसंहार / Epilogue


हमारी अभिलाषा हमारे जीवन को एक आधार प्रदान करती है जो कि हमारे जीवन में असीमित बदलाव लाती है। हमारी अभिलाषा को पूर्ण करने का तातपर्य अपना और समाज का विकास करना। जो लोग अपने निजी श्वार्थ हेतु कार्य करते है। ऐसे व्यक्ति अपना कोई आधार नहीं बना पाते है क्योंकि जब कोई व्यक्ति पढ़ -लिख कर कोई भी कार्य करता है तो उसमे हमारे देश कि उन्नति होती है हमारी अभिलाषा हमें प्रेरित करती है इच्छाओं को पूरा करने में जो हमारे जीवन के सफर को सकारात्मक और कर्तव्यवान बनाती है। जब हम किसी को अन्य ,पैसा और कपड़े दान करते है ,किसी की मदद करते है तो वह सिर्फ एक या दो पल के लिए होती है लेकिन हमारी अभिलाषा को पुरा करने वाले लोग जब डॉक्टर ,अध्यापक ,वैज्ञानिक ,इंजीनियर  और व्यापारी आदि बनते है। ऐसे लोग देश और समाज का विकास करते है। 



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