स्वदेशी की मिट्टी से भविष्य बनाओ / make future from indigenous soil
प्रस्तावना / Preface
स्वदेशी की मिट्टी से भविष्य बनाओ मतलब हमारे जमीनी स्तर के काम जिन्हे हम बहुत पीछे छोड़ चुके है ,जिसके कारण आज देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। घरेलू उद्दोग कभी स्वदेश की मिट्टी का स्तम्भ होतें थे लेकिन आज व्यक्ति अपने घरेलू उद्दोगों से दुरी होती जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि लोग मेहनत करने से दूर भागने लगे है। लोग अपने हाथों से बने हुए समान की जगह मशीनों से बने हुए समान को पसंद करने लगे है जबकि हमारे देश की कला विश्वविख्यात है वह चाहें किसी भी क्षेत्र पर हो लेकिन हम आज स्वदेशी की मिट्टी से भविष्य बनाने के बजाय विदेशो की चीजों ज्यादा अहमियत देते है जिस कारण हमारे घरेलू उद्दोग पूरी तरह से खत्म होते जा रहे है जबकि जिस व्यक्ति ने अपने स्वदेशी की मिटटी को अहमियत दी है वह व्यक्ति दुनिया में नाम पैदा कर चुकें है और कर रहें है। यही हमारे स्वदेशी की मिटटी की ताकत है।
स्वदेशी मिट्टी के हस्तकला की शक्ति / The power of indigenous clay handicraft
हम भारत को हमेशा से एक कृषि प्रधान देश के रूप में जानते रहें है लेकिन इसके आलावा हम भारत को हस्तकला से निर्मित चीजों का भारत भी कह सकतें है। हस्तकला हमारी एक ऐसी सभ्यता है जो दुनिया में हमें स्थापित करती है और हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा करती है और अपने कीर्तिमान का प्रचार -प्रसार भी करती है। हमारे देश की हस्तकला पूरी दुनिया में मशहूर है और कृषि के बाद हम लोगों की जरूरत का सामान हस्तकला से प्राप्त होता था और हस्तकला लोगों को रोजगार देने का प्रारम्भ भी है जो हर घर को प्रदान होती थी। हमारे यहां व्यक्ति हस्तकला से बर्तन ,कपड़ें ,अस्त्र -शस्त्र ,खिलोने ,महलों और घरों में नक्काशियां ,गहनें और साज -सज्जा आदि का सामान भी हस्तकला से निर्माण करते थे। जो हमें एक अच्छा जीवन देती थी और हमारा भविष्य भी संवारती थी।
आज हमारी हस्तकला नाम मात्र के लिए है क्योकि व्यक्ति इसके महत्व को नहीं समझता है इसलिए हमारी हस्तकला जो कि हमते लिए एक धरोहर है वह धीरे -धीरे विलुप्त होती जा रही है क्योंकि हम टेक्नोलॉजी की तरफ भाग रहें है और इसलिए हम मशीनों को अपना जीवन बना बैठें है। आज टेक्नोलॉजी का युग है लेकिन हमें अपनी विरासत को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। हम अगर आज देखें तो जो व्यक्ति अपनी हस्तकला के द्वारा काम कर रहें। उनके काम को आज भी दुनिया में एक अलग पहचान मिल रही है और इससे घर -घर लोगों को रोजगार भी मिलता है। हम जब अपनी मिट्टी में जन्में चीजों से भविष्य बनाते है तो हम जमीनी स्तर के व्यक्ति कहें जाते है और अपनी सभ्यता को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति के रूप में जानें जाते है क्योंकि हम लोग दुनिया के सबसे पुरानी और स्थायी सभ्यता है जो हर चीज में भगवान को देखतें है और उसकी पूजा करते है
हम किसी भी कला से कैसे अपना भविष्य बनातें थे कैसे हम लोग अपनी बेरोजगारी को दूर करते थे इसका मै एक उदाहरण के रूप कुछ समझाने की कोशिश करता हूँ। हम आज जिस टेक्नोलॉजी और मशीनरी के युग में जी रहें है। उसके बारे में हमारे ऋषि -मुनि हमसे बेहतर जानते थे लेकिन उन्होंने प्राणी जाति और प्रकृति की रक्षा के लिए कभी भी आज जैसी मशीनरी और टेक्नोलॉजी का अविष्कार नहीं किया बल्कि ऐसे अविष्कार करते थे जो लोगों के भविष्य को संवारे इसलिए हमारे पूर्वज हस्तकला और प्रकृति की सहायता से किये जाने वाले कार्यों को ही बढ़ावा देते थे। स्वदेशी चीजे हमारा भविष्य भर उज्जवल नहीं करती बल्कि हमें उन चीजों से जोड़कर रखती है जो हमारे अस्तित्व को प्रदर्शित करता है। जो हमारा वास्तविक आधार है
आधुनिकीकरण का युग / era of modernization
आज समय आधुनिकीकरण का है। जिसमें मशीनरी ,टेक्नोलॉजी की अधिकता अधिक है और हम इसमें पीछें नहीं है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है हमारा आई टी क्षेत्र है जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है लेकिन इंसान वही होता है जो मशीनरी और टेक्नोलॉजी के साथ अपनी मिटटी से उपजी सभ्यता को साथ लेकर चलें। जो व्यक्ति ऐसा करता है वह हमेशा शिखर में होता है क्योंकि सभ्यता के साथ जीने वाले व्यक्ति हमेशा प्रकृति के समीप होते है। हमारे देश के हर प्रान्त ,शहर ,गांव और कस्बों में हमारी सभ्यता फैलाई गयी थी ताकि व्यक्ति इन सभ्यताओं के जरिये अपना भविष्य बना सकें और अपने परिवार का पालन -पोषण कर सकें लेकिन आज मशीनरी और टेक्नोलॉजी ने लोगों को अपनी सभ्यता से बहुत दूर कर दिया है क्योंकि आधुनिकीकरण से व्यक्ति लघु उद्दोगों तथा घरेलू उद्दोगों से दूर होते जा रहें है जिससे देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
आधुनिकीकरण के समय में मशीनरी और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहिए लेकिन हमें अपनी हस्तकला ,चित्रकला ,शिल्पकला ,आदि चीजों को हमें साथ लेकर काम करना चाहिए ताकि हमारी सभ्यता का अस्तित्व हमेशा बना रहें। आज हम देखतें है की लोग मिटटी ,तांबा ,पीतल आदि के बर्तन पहले हाथो से बनाने जाते थे लेकिन अब मशीनों का प्रयोग करते है। इससे फर्क यह पड़ता है कि पहले घर -घर में लोग यह काम करते थे और अब एक कंपनी करती है। जिस कारण देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है लेकिन आज व्यक्ति मशीनों पर निर्भर हो चूका है इसीलिए हम आज इसे मशीनरी और टेक्नोलॉजी का युग कहतें है लेकिन हमारा मकसद अपनी सभ्यता को जिन्दा रखना है और उस काम को आज मशीनें कर रही है। देश में आबादी बहुत ज्यादा होने से गरीबी बढ़ रही है और इस पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि आधुनिकीकरण आगे बढ़ता ही जाना है।
आधुनिकीकरण के युग में हम स्वदेशी मिट्टी से भविष्य बनाने की बात करें तो इसके लिए हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ कर आज की टेक्नोलॉजी को साथ लेकर काम करना होगा तभी स्वदेशी मिटटी से अपने आपको विकसित कर सकतें और अपना भविष्य भी बना सकतें है। हमारा प्राचीन ज्ञान जो हमारी स्वदेशी सभ्यता को बढ़ावा देने की प्रेणना प्रदान करता है जिसे हमने आज के आधुनिकीकरण के युग में विलय करके संयोजित कर दिया है और यही हमारी सफलता का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि हमको आज की टेक्नोलॉजी को अपनाना भी आता है अपने पूर्वजो द्वारा दी हुई कला को लेकर चलना भी आता है लेकिन हमारे जीवन में बहुत सी ऐसी चीजें है जिनपर हमें खुद ही कार्य करना होगा तभी हम अपनी सभ्यता को जिन्दा रख पाएंगे। जब हम स्वदेशी भविष्य की बात करते है उसमे हमारी टेक्नोलॉजी भी आती है क्योंकि हम टेक्नोलॉजी में भी दुनिया में बहुत आगे है और यह भी हमारे पूर्वजो की देन है जिसका जिक्र हमारे शास्त्रों में किया गया है।
उपसंहार / Epilogue
हम स्वदेशी की मिटटी से भविष्य बनाने की बात इसलिए करते है क्योंकि हम इस दुनिया की एक ऐसी सभ्यता है जिसने दुनिया को वह सबकुछ दिया जिन चीजों से ज्ञान ,योग ,कला ,विज्ञानं ,अस्त्र -शस्त्र ,अचार संहिता आदि बहुत सी चीजें प्राप्त हुई जो इंसान के जीवन जीने में सहायक बनी। इससे इंसान विद्वान बना ,हस्तकला ,शिल्पकला ,ज्योतिष शास्त्र ,संगीत ,योग -साधना आदि चीजों में निपूर्ण बना इसके अलावा हमारे पूर्वजो ने इस दुनिया को बहुत से अविष्कार दिए जो जीवन को सरल बनाने में मददगार बनें। हमारे यहाँ आज भी डॉक्टर ,इंजीनियर जो पूरी दुनिया में बड़े -बड़े पदों में काम कर रहें और भारत देश का नाम प्रकाशित कर रहें है और यही हमारे देश की स्वदेशी की मिटटी से भविष्य बनाने की ताकत है।
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
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