गुरुवार, 8 सितंबर 2022

जल हमारा जीवन है / water is our life

जल हमारा जीवन है / water is our life


प्रस्तावना / Preface


जल ही जीवन है (water is life)या यू कहे हमारा जीवन ही जल से है। हमारी पृथ्वी भी बिना जल के अधूरी है इसी लिये पृथ्वी में 71 % जल है जो पृथ्वी का संतुलन बनाये रखता है ठीक इसी प्रकार हमारे शरीर में भी 71 % पानी होता है। हमारी रोजमर्रा की सबसे बड़ी जरूरत जिसे पानी (Water) कहते है। प्रकृति ने हमे इतनी सुन्दर धरती दी है। हमारे जीवन यापन के लिये बहुत कुछ दिया है लेकिन एक सबसे जरूरी चीज जो हमारा जीवन ही बन गयी वह है जल जिसके बिना हमरा जीवन ही नहीं हो सकता। धरती में जल का बहुत बड़ा भण्डार है लेकिन पीने योग्य सिर्फ 3 % ही है इस लिये हमें पानी का संरक्षण करना चाहिये हमेशा इसकी बचत करनी चाहिये। 


water is our life


बढ़ता हुआ जल प्रदूषण / rising water pollution


जल प्रदूषण बढ़ने की वजह से पृथ्वी के जल स्रोत को सबसे ज्यादा क्षति हुई है। नदियों में जाने वाला कारखानों और शहरों का गन्दा पानी कचड़ा प्लास्टिक लोगो के गैर जिम्मेदार हरकतो की वजह से जल प्रदूषण आज सबसे ज्यादा हो रहा है। हमे समाज को जागरूक करना होगा ताकि हम जल प्रदूषण से मुक्ति पा सके और अपने जीवन को बचा सके। 


हमारी नदियों में गन्दगी होने के कारण विलुप्त होती जा रही  है। नदियों में नर्भर देश है अगर नदिया खत्म हो जाएगी तो हमारा जीवन संकटो में घिर जायेगा अगर पानी नहीं होगा तो जीव -जन्तु , पेड़-पौधे और मानव जाति नष्ट होने लगेगी। हमे जल संकट को कम करने के लिये जल प्रदूषण पर काम करना चाहिये और हमे नदिया , तालाब ,कुऐ झरने आदि साफ और स्व्छय रखना होगा जिससे हमे साफ पानी मिल सके। 


पृथ्वी पर जल का संकट / water crisis on earth


आज पृथ्वी पर जल का संकट गहराता जा रहा है। जिसके कारण लोगो को आज साफ और स्व्छय पानी नहीं मिल रहा जंगलो में पानी ना होने के कारण जंगल सुख रहे है। जीव -जन्तु मर रहे है और इन सारी समस्याओ का जिम्मेदार मानव जाति है जिसने अपने स्वार्थ वश हर किसी को क्षति पहुंचने का कार्य किया है। मानव जाति के आधुनिकरण की वजह से प्रकृति से बहुत खिलवाड़ हुआ है जिसकी वजह से आज प्रदूषण अपने चरम में है। जिसकी सजा पृथ्वी के हर प्राणी को मिल रही है। आज जिस तरह से हम अपने स्वार्थ के लिए पेड़ो को काट रहे है जंगलो को खत्म कर रहे है जिसकी वजह से बारिस में कमी हो रही है। 


पृथ्वी आज सूखती जा रही है जिसके कारण पृथ्वी कटान -धसान जैसी घटनाये होती है। लोगो को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है जिस वजह से उनका पूरा दिन पानी लाने में ही निकल जाता है। जल का अभाव लोगो की निजी जिन्दगी में पड़ रहा है। जहां पानी नहीं है वहा लोग सादी करने को तैयार नहीं होते है। जल संकट की वजह से आज हमारी खेती बर्बाद हो रही है क्योकि आज सिचाई के लिए पानी नहीं है। नदियों के बहाव को रोकने की वजह से हमे सूखे का सामना करना पड़ता है। ना ही हम अपने शहरों के पानी साफ कर पा रहे है और ना ही बारिस के पानी को हम एकत्रीकरण कर पा रहे है। 


मानव की इस गलती का नतीजा यह है की बारिस का सारा पानी व्यर्थ में समुद्र में चला जाता है। जिसका परिणाम यह है की आज पृथ्वी में पानी की कमी हो रही है। अगर आज भी हम जल संकट पर काम नहीं करेंगे तो आने वाले समय में जल के लिये विश्वयुद्ध हो सकता है। 


पृथ्वी में जल संकट से बचाव / Earth's water crisis


दुनिया में कोई ऐसा संकट नहीं है जिसका हम निवारण ना कर सके। हम आज भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास कर ले तो होने वाले जल संकट से निजात पा सकते है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को जल संकट से बचा सके। इसमें हम समय जरूर लगेगा लेकिन परिणाम अच्छा और दूरगामी होगा। जब जल प्रदूषण (Water Pollution) रहित होगा तब हमे साफ-सुथरा और पीने योग्य पानी मिलेगा और हमारा शरीर भी स्वष्थ रहेगा। सबसे पहले हमे जल की कीमत को समझना होगा हमे रोजमर्रा के कामो में इस्तमाल होने वाले पानी में कमी लानी होगी हमे पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझनी होगी और हमे जिम्मेदार बनना होगा ताकि  हम अपने घरो में बहने वाले पानी का ध्यान दे सके और उसे बर्बादी से बचा सके।  


हमे उतना ही पानी लेना चाहिए जितना हमारी आवश्यकता हो जो पानी बचे उसे व्यर्थ में नाली में नहीं बहाना चाहिये। जल (Water )को बचने के प्रति हमे अपने अन्दर बदलाव लेन की जरूरत है और अपने समाज को भी बदलने की जरूरत है। जिससे हम जल और अपने जीवन ( Life) के प्रति सचेत हो सके। सबसे पहले हमे  प्लास्टिक कचड़ा और शहरों कारखानों का गन्दा पानी आदि नदियों,तालाबों और कुआँ आदि में डालना बन्द करना होगा। हमे अपने त्योहारों के समय यह ध्यान देना होगा जब हम पानी मुर्तिया या फिर कोई और चीज विसर्जित करे तो उसके लिये हमे एक कृतिम तालाब का निर्माण करना चाहिये। 


हमे अपने जंगलो को बढ़ावा देना होगा वहां हम नये पेड़-पौधे लगाने होंगे और जीव -जन्तुओ को भी बढ़ाना होगा जिनके होने से जमीन का कठोर पन दूर हो सकें जिससे हमारे जंगलो में हरियाली का विस्तार हो सकें जब ऐसा होगा तब बारिस में बढोत्तरी होगी। जिससे जल संकट में कमी होगी।आज आधुनिक युग है इस लिये हमारे पास अत्याधुनिक मशीनरी है। हमें उनका उपयोग करके अपनी नदी तालाब समुद्र की सफाई करनी चाहिये जिससे हमारा पानी स्व्छय हो सकें शहरों के पानी को हम मशीनों के द्वारा उसे पुनरावर्ती (Recycle) करे। बारिस के पानी को सयोजित के लिये हमे अपनी पृथ्वी पर बड़े-बड़े कुऐ और तालाबों का निर्माण करना होगा जिससे बारिस के जल को बर्बादी से बचा सकें और अपने जीवन को संबद्ध कर सकें। क्योंकि जल ही जीवन है 


विश्व जल दिवस क्यों मनाते है / Why celebrate World Water Day


दुनिया को जल का महत्व बताने के लिये और उन्हें समझने के लिये हम 22 मार्च को विश्व जल दिवस (world Water Day) मनाते है। हमारे समाज में बहुत से लोग है। जो जल के संरक्षण को लेकर काम करते है लेकिन अभी भी लोगो के अन्दर जागरूकता की बहुत कमी है। जिसकी वजह से हम विश्व जल दिवस मनाते है ताकि लोग जल का महत्व समझ सकें और लोगो को समझा सकें जिससे हमारा अभियान सफल हो सकें। इस लिये विश्व जल दिवस को स्कुल कॉलेज बड़े संगठन समाज और सरकार द्वारा सरकारी विभागों में इसका आयोजन किया जाता है।  



https://hamarizindagi369.blogspot.com/











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