सोशल मीडिया ने वास्तव में हमें दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत डाल दी है। हर किसी का जीवन कितना अच्छा और चमकदार दिखता है मेरा क्यो नहीं हो सकता इस तरह की आत्म-चर्चा को रोकने की जरूरत है। यदि आप वास्तव में जीवन का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको अपने बारे में इतना अधिक सोचना बंद करना होगा जितना कि बाकी सभी कर रहे हैं और अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें। समय-समय पर स्वार्थी होने में कुछ भी गलत नहीं है। स्क्रीन से दूर हटें और कुछ भी अपने समय में निवेश करे जो आपकी सोच को सकारात्मक बना सकें और एक सही दिशा दिखा सके।
What are the ways to get more out of life |
लोग कहते हैं की हर पल को जियो क्योंकि यह महत्वपूर्ण है। हम या तो अतीत के बारे में याद करने में व्यस्त हैं याफिर भविष्य के बारे में सोचने में व्यस्त हैं लेकिन वर्तमान हमें क्या दे सकता है हम इसके बारे में नहीं सोचते है जो अभी हो रही अद्भुत चीजों की सराहना करते हैं।समय बीत जाता है। जब आप इसे दूर करना चाहते हैं या इसे बेकार में बर्बाद करना चाहते हैं।तब यही समय आपके लिए जीवन भर का दर्द बन जाता है। अपने समय का सही इस्तमाल करें और आगे बढ़े जिससे आपका जीवन सफल हो।
जो सालों पहले हुआ था। जहां तक संभव हो वास्तव में अपना सारा ध्यान यहीं और अभी में होने वाली गतिविधियों पर लगाए और योग के माध्यम से दिमागीपन का अभ्यास शुरू करना यह एक सही कदम है जो आपकी सोच को सकारात्मक बनती है। जिससे आपको जीवन में कुछ हासिल करने की प्रेरणा मिलती है जिससे आप कुछ कर गुजरने का दृढ़ संकल्प लेते है और उसे पूरा करने में लग जाते है जीवन एक संघर्ष है। इस लिए हमे उससे लड़ना चाहिए और अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए।
यदि आप वास्तव में अपने जीवन का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहते हैं। इसके लिए आत्म-चिंतन करना चाहिए जो एक महत्वपूर्ण विकल्प है। जो हमे सच का आइना दिखाता है। हमारे पास जो कुछ है उसके बजाय हम उन चीजों में अधिक व्यस्त हो जाते हैं जो हमारे पास नहीं हैं और उस वजह से हम आधीक परेशान हो जाते है हमे इन सब चीजों के बजाय यह सोचना चाहिए की हम ऐसा क्या करे जिससे हम इससे अधिक प्राप्त कर सकें। यह सोच आपको बहुत ऊपर ले जाती है।
कभी-कभी हमे अपने बचपन की उन सभी प्यारी चीजों को याद दिलाना महत्वपूर्ण होता है क्योकि बचपन निस्वार्थ होता है हम बचपन में छोटी-छोटी चीजो से खुश हो जाते है और यही सोच वर्तमान में भी होनी चाहिए ताकि हम अपने लालच वश भटके नहीं बल्कि जिम्मेदारी से अपना कर्म करे और कर्मयोगी बने। जिससे आपकी ख्याति पूरी दुनिया में हो ताकि लोग आपके बनाये रास्ते में चलने के लिए प्रेरित हो।
हमे उन लोगो का आभारी होना चाहिए जो हमें एक सही दिशा और सही मार्ग में चलना सिखाते है। हो सकता है कि आप अपनी नौकरी से प्यार करते हों या फिर दोस्तों का एक बड़ा समूह हो। और यह सब अपको को अपने विचारों के लिए मजबूर करें। यदि कोई भी चीज आपको बांधने की कोशिश करे जो आपके विचारो से मेल ना खाये और आपके विकास मार्ग में बाधा बने उसे त्याग देना चाहिए और अगर उनके विचार अच्छे हो तो हमे उन्हें अपनाना चाहिए क्योंकि ऐसे विचार हमारे मार्ग के लिए सहायक होते है। हो सके तो एक आभार डायरी बनाएं और उन तीन चीजों को सूचीबद्ध करें जिनके लिए आप प्रत्येक दिन आभारी होते हो।
अगर आप ऐसा करते है तो यह वास्तव में उन चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखने में मदद करता है। ताकि आने वाले समय में आप उन परिप्रेक्ष्य से प्रेरणा ले सकें। और जो एक दिन भयानक दिन जैसा महसूस हुआ था वह शायद इतना बुरा न लगे। इंसान की गतिविधिया एक इंसान को अच्छा और बुरा बनती है। जो आगे चल कर उस इंसान के सामने उस स्वरूप को प्रदर्शित करती है। इस लिए हमे सही मार्ग पर चलना चाहिए।
अगर आप थके हुए हैं, भूखे हैं, बहुत व्यस्त हैं तो हम इस बात को समझते है। लेकिन आप हर दिन जितना भी परिष्म कर सकते हैं। वह आपको बहुत बेहतर महसूस कराएगा। क्योकि हम अपने कठिन समय से ही जीवन का अभिप्राय सीखते है जो हमारे आने वाले समय को प्रदर्शित करता है। इस लिए हमे कठिन समय में मायूश नहीं होना चाहिए और हर सुबह आप का लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए।
हमे हर रोज योग और साधना करना चाहिए जिससे हम आने वाले भविष्य में अपने आपको शान्ति प्रदान करने के लिए जो हमें आने वाले समय में मजबूत और ऊर्जावान बनाने में हमारी मदद करेगा है। आपका जो सबसे कठिन हिस्सा अपने आप को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। एक बार जब आप इसे अपने अन्दर उतार लेते हैं तो यह नॉन-स्टॉप मांसपेशी में टोनिंग बनकर दौड़ता है।
बार - बार स्वादिष्ट व्यंजन में शामिल होना आपके शरीर के लिए बहुत हानि कारक होता है। लेकिन जब थोड़ा बहुत हो जाता है और आपका स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दे पाता है। तब आपको अपने खाने की आदतों पर ध्यान देने की जरूरत है। क्योकि शरीर स्वष्थ रहेगा तभी आप अपने कार्य पर फोकस कर सकते। और अपने काम को एक सही दिशा प्रदान कर सकते है और अपना मकशद पूरा कर सकते है।
अगर चॉकलेट आपकी कमजोर बनती है तो शुरुआत में इससे दूरी बनाने की कोशिश करें। और इसका सेवन करना कम करें इसकी जगह पर फल जूस,हरी सब्जिया और दूध का सेवन करें जो आपको मजबूत और तरो-ताजा बनाये रखने में सहायक होगी। हमें काजू,बादाम,किशमिश,पिस्ता, अखरोट आदि का सेवन करना चाहिए जो हमे शक्ति प्रदान करती है और जो हमारे दिमाग की स्थिर बनाने में मदद करती है। क्योकि आपके पास केवल एक ही शरीर होता है। इसलिए इसका ख्याल रखना आपकी ही जिम्मेदारी है ताकि यह स्वष्थ रह कर सदभाव के कार्य कर सकें।
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