बुधवार, 30 मार्च 2022

जीवन की वास्तविकता / reality of life

 जीवन की वास्तविकता / reality of life


प्रस्तावना / Preface


जीवन एक भ्रम है तो मृत्यु जीवन कि सबसे बड़ी सच्चाई क्योकि कि हम मृत्यु के बाद उस सच्चाई को जानते है जो हम जीवित होने दौरान नहीं जान पाते है। ऐसा नहीं है कि हम उस सत्य को अपने जीवन काल में नहीं जान सकते है लेकिन उस सत्य को जानने के लिए हमे उस दिव्यदृष्टि कि आवश्यकता होती है जो हमे प्रभु को ध्यान करने से प्राप्त होती है लेकिन आज हमारे अन्दर इतनी क्षमता नहीं बची है कि हम प्रभु का ध्यान करके उसे अपनी तरफ केन्द्रित कर सके क्योकि आज हम मानव पुरूस्वार्थ को भूल चुके है जिसके कारण हमारी मानसिकता नकारात्मक हो चुकी है और हम स्वार्थी हो चुके है और इसी कारण हम जीवन कि सच्चाई को देख नहीं सकते है 


जीवन कि सच्चाई / truth of life


हमारे जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक कई पड़ाव ऐसे होते हैं, जिनमें हमारे बचपन भी एक ऐसी अवस्था होती है, जिसमें न तो किसी चीज की ज्यादा मांग होती है और न ही किसी चीज के खोने का दुख होता है क्योंकि हम कच्ची उम्र में समझ नहीं पाते क्योकि हम बचपन में दुख और सुख का मतलब नहीं समझते क्योकि बचपन में हम सिर्फ एक चीज जानते है जो चीज हमे अच्छी लगती उसमे हमे सुख मिलता है  जो चीज हमे बेकार लगती है उसमे हमे दुख होता है।  हमारे पास महंगे - 2 वाहन हैं 




लेकिन हम खुश नहीं हैं लेकिन जब हमने अपनी माँ से किराए की साइकिल चलाने के लिए दो रुपये लिए और लेकर हम अपनों के साथ अगले एक घण्टे तक बिना किसी चिन्ता के घूमते थे। तो उस समय हमें जो खुशी मिलती थी, वह आज भी हमें बड़े - बडे वाहनों से नहीं मिलती है  क्योंकि आज हमारी सहनशक्ति बहुत कमजोर हो चुकी है 


आज हम लोग दिखावे के कारण हम असली जिन्दगी जीना भूल गये है। जिसकी वजह से हम खुश रहना भूल गए हैं क्योंकि आज हमारा जीवन उलझा हुआ है और बचपन में हम साइकिल का टायर लेकर लकड़ी से चलाने और उसके पीछे-पीछे भागते थे जिससे हम खुश भी होते थे और हमारा शरीर भी स्वस्थ भी रहते थे इस जैसी छोटी-छोटी बातों से हम बहुत  खुश होते थे रहते थे। 


आज वो खुशी हमें अलग-अलग तरह के खेलों में नहीं मिलती  क्योंकि हमारे अन्दर से बचपना खत्म हो गया है और जो जिम्मेदारी के बोझ तले दब गया है, जिस वजह से हम बेचैन रहते है हमे चाहिये की हम अपने अन्दर फिर से बचपन की यादो को जिने की इच्छा पैदा करें जिससे आपके दिमाग का तनाव कम हो सकें। कृपया अपने अस्तित्व को पहचानें और अपने जीवन में खुशियां लाएं।जिससे आप तनाव मुक्त रहे सकें। 


जीवन में भागना बन्द करो / stop running in life


किसी भी चीज के पीछे भागना बंद करो और मन से अपना काम करो कहते है की हमारे जीवन में दुख की मात्रा अधिक होती है क्योंकि दुख इंसान का सबसे अच्छा मित्र होता है जो हमारा मृत्यु तक साथ निभाता है है लेकिन जीवन में खुश रहना भी बहुत जरूरी है मगर हमें ख़ुशी नहीं मिलती और इसका सबसे बड़ा कारण हमारी शिक्षा व्यवश्था होती है क्योकि हमारे स्कूल ,कॉलेज में हमे हर तरह के विषय पढाये जाते है लेकिन जिन्दगी में बिना सुख-सुविधाओं के हम खुश कैसे रहे इसके बारे में हमे कोई कुछ भी नहीं पढ़ाता है और ना ही हमे हमारे जीवन के महत्व को हमे बताया जाता है 


हमारी जिन्दगी में हमारी यादे हमे सही और गलत का पाठ पढ़ाती है और हमे एक सही मार्ग चुनने का रास्ता दिखती है जो हमे जिन्दगी का अहसास कराती है। और हम अपनी जिंदगी की यात्रा को सही बुनियाद पर आरम्भ करने के लिए हमे सही तरीके से जीवन को जानने और सन्तुलित रखने के लिये हमें पूरी कोशिश करना होगा है और मन लगा कर अपने आप को जानना होगा जिससे हम अपने अन्दर से स्वार्थ और लालच को त्याग सकें और एक सुखद अनुभव कर सकें 


अधिक से अधिक परीक्षाये देते है जिससे हमे नौकरी मिले या फिर एक कुशल व्यापारी बने जिससे हमारा जीवन सुविधाजनक और सुखमय हो सकें। लेकिन क्या नौकरी या फिर अच्छा व्यापार हमे सुख का अनुभव प्रदान कर  सकता है सुखमय जीवन तो सभी चाहते है लेकिन हमने देखा है। एक शिक्षित व्यक्ति हो या फिर अनपढ़ हो दोनों लोग एक समान ही दुखी है  क्योंकि ऐसे लोगो को जिन्दगी की पहचान नहीं होती और ऐसे लोग जिन्दगी में अपने आप को कभी पहचान ही नहीं पाते है क्योंकि ऐसे लोग अपनी अंतर् आत्मा की आवाज कभी नहीं सुनते है और इसी वजह से वह हमेशा परेशान बने रहते है 


आपको ऐसे काम करने होंगे जिससे आप के अन्दर बुरे समय को झेलने के लिये आप अन्दर से अपने आपको मजबूत बना सके क्योकि हम नहीं जानते की हमारी जन्दगी कब और कहा कौन सा मोड़ लेगी और हमे दुखो का सामना करना पड़े। इस लिये हमे हमेशा सुख से ज्यादा दुख के लिये गम्भीर होना चाहिए क्योंकि सुख क्षणिक मात्र होता है लेकिन दुःख का अनुभव हमारे साथ मरते दम तक होता है 


इसी लिए कहते है  की जीवन जीने के मूल आधार शिक्षा जिससे हम हर चीज के बारे में जान और समझ सकते है खाना जो हमें ऊर्जा प्रदान करता है। कपड़ा जो हमारे शरीर को ढकने के लिए ,हमे आकर्षण बनाने और मौसम की मार से बचाता है। मकान जहा हम रहते है जो हमारे लिये घरेलू जीवन को जीने में सबसे बड़ी मदद करता है.हमारे पुरे जीवन काल का सबसे ज्यादा समय हम अपने मकान में ही बिताते है। हमारे जीवन का सबसे बड़ा काम अपने आप की पहचान करना इस मूल्यवान शरीर को समझना है। जो भगवान की सबसे सुन्दर रचना है 


उपसंहार / epilogue


जीवन की सच्चाई के लिए मै सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ कि हमे सत्य से कभी मुँह नहीं मोड़ना चाहिए हम अपने जीवन में कुछ भी करे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मगर हमे अपना जीवन हमेशा सत्य पर ही जीना चाहिए क्योकि जब हम अपने जीवन के सत्य को नकार देते है तब हम अपने जीवन को भ्रमिक बना देते है जिस जीवन का कोई मतलब नहीं होता है। जिस प्रकार हमारी आत्मा समय से पहले हमारा शरीर नहीं छोड़ती ठीक उसी प्रकार हमें अपने जीवन कि सच्चाई को कभी भी नकारना नहीं चाहिए वरना हमारा जीवन कभी कर्मप्रधान नहीं बन सकता। 


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