अपने काम को प्रतिबंधित करें अपने जीवन को सीमित करें / restrict your work limit your life
अपना कार्य और अपना जीवन को संतुलन सबसे अच्छा एक मायावी आदर्श है और सबसे खराब एक पूर्ण मिथक है। नेता काम, परिवार और समुदाय के साथ सार्थक रूप से जुड़ सकते हैं और अपना काम कर सकते हैं। एक नेता सबसे पहले अपने चुनाव को प्रबंधित करता है और जीतने के बाद अपने क्षेत्र के काम को जिसे वह संकल्प के साथ करता है। इस तरह से वह अपने जीवन को प्रबंधित करते है।
उन्होंने कठिन अनुभव के माध्यम से यह पता लगाया है कि वरिष्ठ रैंकों में समृद्ध होना काम और घर को सावधानीपूर्वक संयोजित करने का मामला है। घर के सारे कामो को करना और उसे सभालना आपके के काम की प्रतिबद्धिता को दर्शाता है। हम कोई भी काम करे उस काम के प्रति हमें सजग और सावधान होना चाहिए। हमे अपने जीवन काल में ऐसा चक्रव्हु रचना चाहिए जिससे आप को यह पता चल सके की आपके चारों तरफ क्या चल रहा है।
हम लोग अपनी जिंदगी में अपने काम को अहमियत देते है और जिंदगी को नकारते रहते है। मगर वे अपनी स्वयं की मानव पूंजी का भी सावधानी से प्रबंधन करते हैं। काम और घर दोनों को उनका हक देने का प्रयास करते हैं। वर्षों की अवधि में हफ्तों या दिनों में नहीं बल्कि साल दर साल उन प्रयासों को करते रहते है। तभी वह अपने काम लो प्रबंधित करके अपने जीवन को प्रबंधित करते है। एक परिवार को एक धागे में प्रबंधित करके रखना घर के बड़े के लिए बहुत मुश्किल होता है
manage your work manage your life |
जानबूझकर किए गए विकल्प पूर्ण नियंत्रण की गारंटी नहीं देते हैं। जीवन कभी-कभी हावी हो जाता है चाहे वह माता-पिता का मनोभ्रंश हो या किशोर की कार दुर्घटना हो हमेशा से ऐसा होता रहा है क्योकि हम कभी कभी अपना धैर्य छोड़ देते है और इस वजह से हम बेकाबू हो जाते है। हमें अपने कार्य को समझना चाहिए और उसके प्रति गंभीर हो कर उसे प्रबंधित करना होगा तभी आगे के जीवन काल को हम प्रबंधित कर सकते है। जीवन को प्रबंधित करने के लिए हमे शांति,गंभीरता,हर चीज की परख और उदारता को अपना अश्त्र बनाना चाहिए।
हमारे सर्वे के आंकड़ों पाया गया है की कुछ पेचीदा लिंग अंतर सामने आए है। जो हमारी पेशेवर सफलता को परिभाषित करने में महिलाऔ की व्यक्तिगत उपलब्धि को पुरुषों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं क्योकि महिलाये अधिक गंभीर और सहनशीलता वाली होती है। जिनके अन्दर किसी भी चीज को करने की क्षमता परुषो की अपेक्षा अधिक होती है क्योकि महिलाए अपने काम को प्रबंधित करना जानती है।
हम पुरस्कृत करने के संबंध में दोनों पुरुष और महिला के लिए व्यक्तिगत सफलता का अब तक का सबसे आम तत्व है लेकिन पुरुष केवल अपने आपको ही सफलता के संकेतक के रूप में सूचीवद्ध करते है क्योकि पुरुष अपने आपको कर्म प्रधान समझता है।ऐसा इस लिए है की पुरुष महिला को एक व्यक्तिगत सम्पत्ति समझता है। उसे लगता है की महिला उसके बना समाज में सर उठा कर नहीं जी सकती है। हमारे समाज में भी इसके प्रति प्रतिबंधिता है। जिसकी वजह से महिलाओं का विकास आज भी नहीं हो पा रहा है।
जब काम और पारिवारिक जिम्मेदारियां आपस में टकराती हैं उदाहरण के लिए पुरुष अच्छे प्रदाता के सांस्कृतिक आख्यान पर दावा कर सकते हैं क्यों की पुरुष ही अपने आप को कर्म प्रधान समझते है क्योकि महिलाओ हमारे देश मे दुसरो के प्रति संरपंपूर्ण बताया गया है। जब भी महिला और पुरुष की तुलना होती है तब पुरुष अपने आपको प्रथम पायदान खड़ा करता है।
यहां तक कि जो पुरुष काम और अपने जीवन के अन्य क्षेत्रों के बीच कुछ हद तक संतुलन हासिल करने पर गर्व करते हैं वे खुद को एक पारंपरिक पुरुष आदर्श के खिलाफ मापते हैं क्योकि वे जानते है की ये सफलता मेरी अकेले की नहीं है इस लिए वे अपने आप को एक आदर्श पुरुष के खिलाफ समझते है। क्योकि पुरुष की तकदीर एक महिला के हाथो में होती है। महिला अपने कर्तव्य के प्रबंधित होती है।
आपको अपनी जरूरत की सभी सहायता मिल सकती है। हालांकि सबसे कठिन बात क्या है मैं अपनी महिला मित्रों को अपने करियर के लिए छोड़ देता हूं। में अपने बच्चों के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताने का वास्तविक भावनात्मक और अपराधबोध करता हूँ। मगर महिलाए ऐसा नहीं करती है वह बच्चो को भी संभालती है और अपने काम को भी प्रबंधित करती है।
गायब होने का अपराध।यह महिलाओ का कथन बिलकुल सत्य है समाज में महिला कितना भी त्याग करे मगर उसे श्रेय देने वाला कोई नहीं है। हम लोग महिलाओ को हमेशा अनदेखा करते है वह हमारी हर जरूरत को पूरा करती है पूरा जीवन परिवार के लिए समर्पित कर देती है मगर उन्हें सम्मान नहीं मिलता और इसी कारण होते हुए भी वह गायब होती है।
हालांकि सलाह के रूप में व्यक्त किया गया यह स्पष्ट रूप से उसकी बहुत ही व्यक्तिगत ठोस छवि है कि घर पर सफलता कैसी दिखती है। वे अक्सर एक विशेष मीट्रिक को विशेष महत्व देकर सामना करते हैं। मगर महिलाओ को हमेशा अनदेखा किया जाता है जो एक परिवार के वंश को बढ़ाने में सबसे बड़ी सहायक होती है।
जैसे कि छोटे -छोटे कामो को कभी भी याद नहीं करना या दिन में एक बार देख लेना और यह कहना की कोई फर्क नहीं पड़ता। ठीक उसी तरह एक महिला भी होती है जिसे देख कर भी नजरअंदाज किया जाता है मगर वह त्याग और बलिदान की मूरत हर चीज को पीछे छोड़ अपने कर्तव्य में लीन रहती है और अपने जीवन को प्रबंधित करती है।
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