कृषि का हमारे जीवन में महत्व / Importance of agriculture in our life
प्रस्तावना / Preface
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की लगभग 65 %आबादी गाँव में रहती है। ज्यादा तर लोग खेती करते है और जीवन चर्या को चलाते है भारत का सबसे बड़ा व्यापार खेती ही है। इसी लिये यहां पर सबसे ज्यादा रोजगार खेती में है। भारत में उपजाऊ जमीन 55 %के आस-पास है जोकि उपजाऊ जमीन का कुल हिस्सा है हमारे देश की अर्थव्यस्था में खेती का सबसे बड़ा योगदान होता है। भारत में खेती को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योकि भारत सबसे ज्यादा दूसरे देशों को निर्यात खेती से करता है। भारत में लगभग हर प्रकार की खेती होती है
हमारे देश में दो प्रकार की खेती होती है। रवि और खरीफ की फसल होती है। हम अनाज के साथ सब्जिया ,फल , सूखे फल , फूल और जड़ी-बूटियों की खेती होती है। फिर भी भारत विदेशों से 15 से 20 प्रतिशत का निर्यात करता है और इसका मुख्य कारण हमारे देश की आबादी है। जिस वजह से हमें निर्यात करना पड़ता है। भारत में सब कुछ होते हुये भी यहां पर खेती और किसानो की हालत बहुत खराब है क्योंकि आज भी खेती के लिये उतनी सुविधा नहीं मिल पाती है। जितनी इस देश के किसानो चाहिये इस वजह से हम अपनी खेती को बढ़ावा नहीं दे पते है।
सिचाई युक्त खेती / irrigated farming
भारत जब गुलामी की जंजीरो से आजाद हुआ तब देश के हालत बहुत खराब थे। उस समय भुख्मरी नाम की महामारी ने जन्म लिया जिस वजह से लाखों लोगो की भूख के कारण मृत्यु हो गयी। लोग भूख के कारण बीमार भी पड़ रहे थे।
देश के हालात देख कर मौजूदा सरकार ने देश की खेती को बढ़ावा देने के लिये योजना बनाई जिसे हरित-क्रांति नाम दिया और इसके लिये सरकार ने बड़े-बड़े डैम,नहरे ,कुये ,तियूबवेल आदि की व्यवस्था की गयी ताकि खेतो में फसले लहरा सकें और लोगो को पेट भर भोजन मिल सकें।
हरित-क्रान्ति की वजह से खेती का स्तर सुधरने लगा और लोगो पेट भर भोजन मिलने लगा देश का किसान अनाज के साथ सब्जियों और फल का भी उत्पादन तेजी से बढ़ने लगा जिससे खेती में सधार आने लगा।
खेती के लिए सुविधाओं का अकाल / Famine of facilities for farming
आजादी के बाद देश की कृषि व्यवस्था को सुधारने के निरन्तर प्रयास होते रहे है और आज भी हो रहे है लेकिन फिर भी ऐसी व्यवस्था नहीं हो पाई जिससे खेती का स्तर बहुत अच्छा हो सकें। इसका सब से बड़ा कारण है भ्रस्टाचार।
भ्रस्टाचार की वजह से किसानो को सुविधाये नहीं मिलती और एक दिन किसान कर्ज के बोझ तले दब कर अपनी जान दे देता है क्योंकि की एक किसान पुरे साल अपना खून -पसीना बहा कर मेहनत करता है लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिल पाता है।
आज भी सरकार खेती के लिये जितना रुपया देती है। जमीनी स्तर पर कभी भी उतना काम नहीं होता है। इसलिये आज पारदर्शिता की बहुत जरूरत जिससे एक किसान को उसका हक मिल सकें और वह खेती के स्तर को सुधार सकें और हमारे देश की अर्थव्यवस्था में असर दाल सकें।
हमारे यहां लगभग हर तरह की खेती होती है / We do almost all kinds of farming here.
हमारे देश में गेहूं , चावल , चना , मक्का ,अरहर , ज्वार , मूंग , मसूर , आदि की खेती होती है। जिससे हमारे देश के लोगो का पेट भरता है और जरूरत पड़ने पर भारत देश दुसरो की मदद भी करता है। भारत में बहुत पपरकर के फल भी पैदा होते है जैसे आम ,अमरुद ,केला ,अंगूर ,सेब ,पपीता ,अनार ,आदि की फसल पैदा होती है।
हमारे देश में मसालों की भी खेती बहुत अच्छी होती है जिसमें हल्दी ,तेज -पत्ता ,धनिया ,मेथी ,मिर्च,कलौंजी ,जीरा ,सौंफ ,दालचीनी आदि मसाले पैदा होते है और भारत में सबसे अच्छे मसाले केरल में पैदा होते है।
हमारे देश में फूलो की भी खेती बहुत अच्छी होती है। हमारे यहां कमल ,गुलाब ,गेंदा ,चमेली ,कजरी का फूल ,गुलहड़ आदि बहुत सारे फूलो की खेती होती है हमारे देश के कश्मीर में एक विश्व प्रसिद्ध बागीचा है जहां हर तरह के फूल पैदा किये जाते है।
हमारे देश में इसके आलावा भी और भी बहुत सी खेती होती है जैसे गन्ना ,कपास ,चाय ,लाहि ,अलसी ,नारियल ,आदि इसके अलावा भारत में और भी बहुत सी खेती होती है।
उपसंहार / Epilogue
हमारे देश खेती हमारा जीवन है हमारी जिन्दगी का आधार है खेती हमारे लिये पूजा है। इसी लिये हमारे देश में फसल बोने से पहले पूजा करते है और फसल काटने से पहले पूजा करते है और अन्य देवता को धन्यवाद देते है ताकि अन्य देवता अपनी कृपा हमेसा बनाये रखें।
भारत में खेती का उद्देश्य आत्मनिर्भरता और शुद्ध चीजों का सेवन करना है क्योंकि आज इतनी ज्यादा जमा खोरी जिसके कारण अनाज ,सब्जियां और फल जिसमे कोई स्वाद नहीं होता है जो अनुबंधित खेती होती है वहा पर ज्यादा से ज्यादा फसल पैदा करने के लिये कई प्रकार की दवाइयों का और रासायनिक तत्व का इस्तमाल होता है जिस वजह से उसमे पोशक तत्व खत्म हो जाते है।
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