मंगलवार, 9 अगस्त 2022

नामुमकिन कुछ भी नहीं है /nothing is impossible

नामुमकिन कुछ भी नहीं है /nothing is impossible


प्रस्तावना / Preface


कहते है की इस दुनिया कुछ भी नामुमकिन नहीं है लकिन ऐसा तभी होता है। जब आपका लक्ष्य निर्धारित होता है और उस लक्ष्य के प्रति आप पूरी तरह से समर्पित होते है। जीवन में जो लोग कभी भी अपने लक्ष्य के प्रति डगमगाते नहीं है। जो लोग अपने लक्ष्य को साथ लेकर चलते है। मंजिल हमेशा उन्हीं लोगो को मिलती है और जो लोग अपने लक्ष्य से भटकते रहते है उनके लिए मुमकिन या नामुमकिन जैसा कुछ भी नहीं होता है। इंसान को अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होना चाहिये। 


इंसान को कोई भी लक्ष्य बनाने से पहले अपने अन्दर आत्म विश्वास पैदा करना चाहिये। जिससे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अपने आप को ऊर्जावान बना सके और लक्ष्य प्राप्ति के लिये  दुगनी तेजी से काम कर सकें। हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिये क्योंकि कोई जरूरी नहीं है कि आपको पहली बार में सफलता हाथ लग जाएगी क्योकि हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई बार असफलता का सामना करना पड़ता है। जिससे हम कमजोर पड़ने लगते है और अपने लक्ष्य से भटकने लगते है। 


nothing is impossible




बड़ी सोच रखों सब मुमकिन होगा / think big everything will be possible


जब हमारे देश में अंग्रेजो का राज हुआँ करता था। तब एक दिन टाटा ग्रुप के चेयरमैन श्री जमशेद जी टाटा अंग्रेजो के होटल में गये लेकिन उन्हें वहां से भगा दिया गया। तब उन्होंने कहा की मै एक होटल बनाऊंगा जो अंग्रेजो के होटल से भी अच्छा होटल होगा और उन्होंने अपना एक लक्ष्य निर्धारित किया और होटल का काम शुरू कराया। 


1898 में होटल ताज का निर्माण शुरू कराया जोकि 1903 में बन कर तैयार हुआँ और यह एक देश भक्त का करारा जवाब था अंग्रेजो को और वह ऐसा इस लिये कर पाये क्योंकि उनका लक्ष्य निर्धारित था। यह बात हमें यह सिखलाति है। नामुमकिन कुछ भी नहीं बस हमें कभी भी अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिये और अपने मान-सम्मान से समझौता नहीं करना चाहिये। 


ठीक इसी तरह श्री रतन टाटा जोकि श्री जमशेदजी टाटा के पोते है जब फोर्ड कम्पनी के चेयरमैन ने श्री रतन टाटा का अपमान किया यह कह कर की आपको जब गाड़ी बनाना आता नहीं है तो आप गाड़ी क्यों बनाते हो। इस अपमान का बदला श्री रतन टाटा ने फोर्ड की दो बड़ी कम्पनीयो  को खरीद कर लिया जिनका नाम range roverऔर jaguar है इसे कहते है नामुमकिन को मुमकिन करना। अपना और अपने देश का  मन-सम्मान को बढ़ाना। 


चुनौती पूर्ण बनों नामुमकिन कुछ भी नहीं / be challenging nothing is impossible


हमारा देश एक महान देश है और इस देश में महान ऋषियों - मुनियों ने जन्म लिया बड़े-बड़े योद्धाओं ने जन्म लिया और महान महा पुरुषों ने जन्म लिया और उन लोगो ने देश को महान बनाने के लिए ऐसे काम किये जो की नामुमकिन थे यही चुनौतीपूर्ण कार्य उन्हें महान बनाते है। वह यह सब इसलिये कर सकें क्योंकि वह सारे काम उन्होंने अपने समाज और देश-दुनिया के लिये किया। जिससे लोगों की भलाई हो सकें और इस धरती का मानव प्रगति कर सकें। 


महान योद्धाओं ने नामुमकिन युद्ध को जीत कर उसे मुमकिन बनाया वह इसे मुमकिन इस लिये कर पाये क्योंकि उनकी चुनौती अपने देश और देश में रहने वाले लोगों के लिये  थी।जब आप बिना स्वार्थ किसी भी चुनौतिओं का समना करते हो तो आप जरूर सफल होते हो। हमारे महापुरुषों ने इस देश-दुनिया के लिये हमेशा चुनौती भरे कार्य किये जिससे लोगो का भला हो सकें। 


आज हमारे देश लोग खेलों में अपने हुनर को दर्शा रहे है और इसके लिये भारी चुनौतियों का सामना कर रहे है और अपने देश का नाम रोशन कर रहे है। जीवन में नामुमकिन कुछ भी नहीं बस इरादे मजबूत होना चाहिये जब पूरी दुनिया में महामारी आयी तब भारत के वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन विकसित करके देश का गौरव बढ़ाया यह बताता है की दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है। 


जब भी देश में संकट आता है तब इस देश की सेना उन संकटो का सामना करती है और देश के प्रति अपना फर्ज निभाती है ऐसे काम करती है जो आम आदमी के लिये नामुमकिन होता है लकिन हमारे जवान हमेशा डटे रहते है असम्भव को सम्भव बनाने के लिये ताकि हमारे देश से संकट खत्म हो जाये  शुकुन भरी जिन्दगी जी सकें। 


उपसंहार / Epilogue


अगर हम देखें तो नामुमकिन शब्द हमारी जिन्दगी का सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है और यह प्रश्न चिन्ह हमारी उन्नति का सबसे बड़ा बाधक है जो हमारी बढ़ती हुई जिन्दगी को हमेशा प्रश्नों के भवर में फसाये रखता है और इन प्रश्नों की वजह से हम कभी आगे नहीं बढ़ पाते है। 


 नामुमकिन को मुमकिन बनाने के लिये हमे अपने अन्दर स्पष्टी करण करना होगा जिससे हमारी नकारात्मक गतिविधिया बाहर निकल सकें और सकारात्मक क्रिया का संचार हो सकें जब हमारे अन्दर स्पष्टी करण होगा तब हमारी ऊर्जा एक सही दिशा में काम करेंगी और हम अपने विचारो को को अपनी चुनोतियो को स्वीकार कर पाएंगे और उसे मुमकिन कर पाएंगे। 



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