शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022

जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा / life will come again

जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा /  life will come again


प्रस्तावना / Preface


जीवन एक अनमोल धरोहर है जो भगवान के द्वारा निर्मित किया गया है। हमारा पिछला जन्म क्या हमे नहीं पता हमारा अगला जन्म क्या होगा हमे नहीं पता इसीलिए कहते है क़ि जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा क्योकि हम अपने सिर्फ एक ही जन्म से परिचित होते है। जिन्दगी हमे जीना सिखाती है हमे अपने आपसे परिचय कराती है। जीवन किस प्रकार से हमारे और इस दुनिया के लिए अनमोल है जिन्दगी हमे इस चीज का पाठ पढ़ाती है।भगवान ने मानव जाति को अपनी सबसे सुन्दर रचना बताया है  मगर आज आधुनिकरण ,स्वार्थ ,लालच आदि कि वजह से हम पूरी तरह से गुमराह और भटके हुए लोग बन चुके है और यही कारण है कि हम अपने जीवन के महत्व को भूल चुके है। 


life will come again




जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा /  life will come again


जीवन क्या है और हम क्यों ऐसा कहते है कि जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा क्योकि हमे एक जीवन मिलता है लेकिन हम उस जीवन का अर्थ समझने के बजाय हम उस जीवन को लोभ ,मोह ,माया आदि चीजों में बर्बाद कर देते है। हम अपनी जिन्दगी में कहि पैसे के पीछे भागते -भागते दम तोड़ देते है तो कहि लोभ में फस कर हम अपने जीवन महत्व भूल जाते है। कभी -कभी हम किसी चीज या फिर किसी अपने के मोह में फसकर हम जीना भूल जाते है। हमे अपनी जिंदगी को हमेशा मनोरंजन के साथ जीना चाहिए। जीवन का अर्थ अपने आपको पहचानना ,प्रकृति से प्यार और उसके द्वारा प्राप्त चीजों कि रक्षा करनी चाहिए ताकि प्रकृति कि सुन्दरता हमेशा बनी रहे जिससे हमारी जरूरत कि चीजे प्रकृति साफ और स्वच्छ रूप से हमे प्रदान करती रहे। 


हमे किसी चीज के पीछे पागल होने के बजाय हमेशा खुश रहकर जिन्दगी बितानी चाहिए जीवन में हमेशा मूलभूत जरूरतों में जीवन जीने कि कोशिश करनी चाहिए। जब हम आधुनिक चीजों के पीछे भागते है जिससे हमारे अन्दर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हम जीवन जीना भूल जाते है। इस लिए हमे अपने जीवन को ज्यादा आरामदायक नहीं बनाना चाहिए ,हमे अपने अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना चाहिए। हमे अपने जीवन में खेल -कूद ,योग -साधना ,लोगो के प्रति सदभावना रखे ,प्राकृतिक चीजों का संरक्षण करे जिससे हम स्वश्थ रहेंगे और हमारा जीवन सादा रहेगा और हमारे विचार उच्य रहेंगे। हमे अपने जीवन को लोगो कि भलाई में लगाना चाहिए कमजोर और असहाय लोगो कि मदद करनी चाहिए क्योकि हमारे जीवन का अर्थ यही है। 


अपने जीवन को सार्थक बनाये / make your life worthwhile


हमे अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रकृति के नियमों के अनुसार अपना जीवन जीना होगा। जीवन बहुत अनमोल होता है यह दोबारा नहीं मिलेगा इसलिए हमे ज्यादा सुख -सुविधओं के लिए प्रकृति से खिलवाड़ करना बन्द करना होगा लेकिन आज हम पतन कि तरफ जा रहे है क्योकि हम प्रकृति नियमो का पालन नहीं कर रहे है जिसके कारण आज हमारी पृथ्वी की सुन्दरता बर्बाद होती जा रही और इसका असर हमारे जीवन पर पड़ रहा है जिसके कारण हमारी शक्ति क्षीण होती जा रही है जिस वजह से हमारी मनोवृति बदलती जा रही है। हमने अपनी जिन्दगी को एक मशीन बनाकर रख दिया है जिसके कारण आज हम एक घर में रहने के बौजूद अपनों से दूर होते जा रहे जिस वजह से हम लोग मानसिक और शारीरिक रोगी होते जा रहे है। 


हमे जीवन को सार्थक बनाने के लिए अपने जीवन को तनावमुक्त बनाना होगा जीवन मोबाइल ,टीवी ,कम्प्यूटर आदि चीजों से दुरी बनानी होगी अपनों के साथ समय बिताना होगा एक साथ बैठकर हसी -मजाक ,खेल -कूद को बढ़ावा देना होगा जिससे हम पहले कि तरह अपनों के करीब आ सके। व्यक्ति को अपना हर दिन मौज -मस्ती और सकारात्मक ऊर्जा के साथ जीना चाहिए पता नहीं कल हो ना हो इसलिए हमे अपने जीवन को सार्थक करने के लिए अपने जीवन को परोपकार पर लगाना होगा। हमे अपने मन से अपनी संस्कृति ,सभ्यता और परम्पराओ को बढ़ावा देना होगा जिससे हमारा जीवन कर्तव्यपरायण बन सकें और जिससे जीवन सफल हो सकें। सत्य के मार्ग पर चलो और लोगो को चलने के लिए प्रेरित करो क्योकि सत्य ही हमे हमारी जिन्दगी से परिचित करवाता है। 


जिन्दगी में कुछ नियम बनाओ / make some rules in life


हम अपनी जिन्दगी को सही दिशा में निर्देशित रखने के लिए अपने जीवन में कुछ नियमो पर आधारित रखना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को भटकने से बचा सकें क्योकि बिना वसूलो के जीवन दिशाहीन होता है जिससे हम अपने जीवन के उद्देश्यों से भटक जाते और हमे यह नहीं पता चलता कि वास्तव में जीवन है क्या हमे अपनी दिनचर्या पर सुधार करना चाहिए जैसे हमारी दिनचर्या सही हो गयी तो हमारा जीवन बहुत हद तक सुधर जाता है हमारी मानसिकता में वदलाव आता है जीवन से आलस्य ,नकारात्मक ,बुरी आदते आदि चीजे समाप्त होती है जिससे हमारे अन्दर एक सकारात्मक सोच का संचार होता है जो हमारे जीवन में एक नया बदलाव लाता है। हमे अपने विचारो को उच्य बनाना चाहिए ताकि हम अपने आपको अपने आपसे मिला सके। 


जब हम अपने वसूलो पर जीवन जीते है उससे कुछ तकलीफो का सामना करना पड़ता है लेकिन हमारे मन में कोई बोझ नहीं होता है और हम एक साफ और स्व्छय जीवन जीने में कामयाब हो पाते है एक ऐसा जीवन जिसमे हमारी सभ्यता ,संस्कृति ,परम्पराये और रिश्तो कि अहमियत होती है और हम हर चीज को अपना समय दे पाते है। हमे भाग -दौड़ ,आधुनिकरण से दुरी रखनी होगी और हमे मूलभूत चीजों पर अपना जीवन बिताना चाहिए जिससे हम अपने का अर्थ समझ सकें ताकि सामाजिक स्तर पर हम अपने आपको साबित कर सकें और उसके विकास के लिए काम कर सके। हमे जिन्दगी को कल पर नहीं बल्कि आज पर जीना चाहिए जिससे कल को खोने का डर ना रहे। भविष्य के प्रति सजग होना चाहिए चिन्तित नहीं क्योकि चिंता हमारे वर्तमान को खराब कर देती है। 


अपनी जिन्दगी को प्रकृति पर आधारित करो / Base Your Life On Nature


हमे अपने जीवन को प्रकृति के आधार पर जीना चाहिए अगर हम प्रकृति के विरुद्ध जिन्दगी जीते है ,तो हमे उसका प्रकोप भोगना पड़ता है जैसे भूकम्प ,सुनामी ,ग्लोबल वार्मिग ,बाढ़ ,बिना मौसम के बरसात और अधिक गर्मी -सर्दी होना आदि चीजे होती है। इस लिए हमे प्रकृति से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए क्योकि प्रकृति के द्वारा मिलने वाली चीजे हमारे जीने के साधन होते है जैसे पानी ,अनाज ,पेड़ -पौधे ,फल -फूल ,नदिया ,पहाड़ ,आदि चीजे हमारे जीवन को प्रभाव में रखने के लिए हमारी मदद करती है और हमे ऊर्जा प्रदान करती है। जिससे हम जीवन को जीने के लिए सक्षम बन पाते है लेकिन आज हम अपने स्वार्थ के लिए पेड़ -पोधो को काट रहे है जो हमे ऑक्सीजन प्रदान कर हमारे द्वारा छोड़ी गयी कार्बन -डाई-ऑक्साइड को अपने अन्दर लेते है इसलिए हमको अपने जंगलो को बढ़ावा देना होगा। 


हम अपनी सुख -सुविधाओं के चलते कारखाने ,गाड़िया ,इंटरनेट ,मोबाइल ,कम्प्यूटर आदि को बढ़ावा दे रहे  जिनसे निकलने वाले धुए और तरंगो से हमारा जीवन कमजोर हो रहा है। नदिया ,हवा ,झरने ,समंदर आदि प्रदूषित होते जा रहे है। हमे अपने जीवन को बचाने के लिए इन सभी चीजों में कमी करनी होगी। प्राकृतिक चीजों को साफ और स्व्छय बनाना होगा ताकि हमे शुद्ध हवा और पानी मिल सके और घटती हुई आक्सीजन की समस्या समाप्त हो सके। अगर हम सुविधाओं के पीछे भागते रहे तो वह दिन बहुत दूर नहीं जब हमारा जीवन जीने से पहले खत्म हो जायेगा। इसलिए जीवन के महत्व को पहचानो और आराम से जीना सीखो क्योकि जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा। 


उपसंहार / Epilogue


जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा यह एक ऐसा वाक्य जिसका अर्थ हर कोई जानता और समझता है लेकिन पैसे और सुविधाओं के पीछे लोग इतने दीवाने हो चुके है कि उन्हें अपनी बर्बादी नजर नहीं आ रही है। कुछ मौकापरस्त लोगो कि वजह से इस दुनिया में हर प्राणी को उसका भुगतान करना पड़ रहा है। आज मानव के स्वार्थ कि वजह से जीव -जंतु ,पशु -पंक्षी हर किसी को सजा मिल रही है इसलिए अपने अस्तित्व को पहचानो और मौलिक चीजों पर अपनी आत्मनिर्भरता को बढाव ताकि जीवन का महत्व समझ आ सके क्योकि जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा। 


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