मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

शहरी जीवन पर निबन्ध / essay on urban life

शहरी जीवन पर निबन्ध /  essay on urban life


प्रस्तावना / Preface


आज का शहरी जीवन जो आधुनिकरण और चमक-धमक से बने होते है जो दूर से देखने में बहुत अच्छे लगते है मगर जब हम लोग उसका हिस्सा बनते है तब हमे पता चलता है कि शहरों का जीवन बहुत भाग -दौड़ वाला होता है। शहरों में एक सरल और सुविधा भरी जिन्दगी होती है लेकिन उसे अर्जित करने के लिए एक व्यक्ति कितना बेचैन रहता है ,कितनी भग -दौड़ करता है इसका अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है। शहरों में हमे और हमारे बच्चो को अच्छी पढ़ाई मिलती है ,अपनी जिन्दगी को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह की सुख -सुकिधाएँ मिलती है चिकित्सा ,विद्यालय ,अंग्रेजी स्कूल ,उद्योग ,अच्छी नौकरी ,एक शहर से दूसरे शहर या फिर विदेश जाने के लिए ट्रेन ,जहाज ,पानी वाले जहाज आदि सुख -सुविधाए होती है लेकिन सुविधाओं के साथ -साथ हमे आज शहरी जीवन से प्रदूषण ,गन्दगी ,केमिकल वायरस ,तरह -तरह कि होने वाली बीमारिया आदि जिनकी वजह से हम हर समय दवाइयों में जीते रहते है। शुद्ध हवा ,शुद्ध पानी के लिए मशीनों का सहारा लेना पड़ता है। वायरस से बचने के लिए हमे मास्क लगाना पड़ता है। 



essay on urban life



शहरी जीवन क्या होता  है / what is urban life


शहर एक सोच समझ कर तैयार किया हुआ मानव के रहने के लिए एक ऐसी बस्ती होती है जहा पर हर तरह की सुख -सुविधा उपलब्ध होती है। जहा पर आवास ,पब्लिक ट्रांसपोर्ट ,चिकित्सा ,स्कुल -कॉलेज ,सुरक्षा ,स्वच्छता ,होटल -रेस्टोरेंट आदि चीजों कि सुविधाएं होती है। जब भारत आजाद नहीं हुआ था तब लोग ज्यादातर लोग गावो में रहते थे। लेकिन आजादी के बाद देश में स्वतंत्र सरकार बनी और शहरीकरण का विस्तार हुआ जिससे लोग गांव से निकलकर शहरों में बसने लगे ताकि वह अपना और आने परिवार का विकास कर सके क्योकि हर व्यक्ति वही रहना पसन्द करता है जहा पर सुख -सुविधाएं होती है। लोगो को सरल और सुख -सुविधाओं वाली जगह बहुत आकर्षित करती है। 


शहरों का आकर्षण लोगो सुविधाएं प्रदान करता है। उनका और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित करता है। इसी कारण लोग आज गॉव से शहर की तरफ भाग रहे है क्योकि शहर में लोगो को सुविधाओं के साथ रोजगार भी मिलता है जिससे वह अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा ,खेल -क्रीड़ा ,संगीत ,आदि चीजों कि शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलती है। जिससे उनके बच्चो का भविष्य बनता है। इससे वह अपने परिवार को एक अच्छी जिन्दगी दे पाने में सफल होते है। शहरों में रहने वाले लोग हमेशा व्यस्त रहते है इस लिए उनकी दिनचर्या परिवर्तित होती रहती है। हर समय व्यस्तता रहती है। इस कारण शहरी लोगो का किसी भी काम का कोई समय नहीं होता है। जिस वजह से एक ही घर में रहने के बावजूद लोग एक -दूसरे को समय नहीं दे पाते है। 


शहरी जीवन में मिलने वाली सुविधाएं / facilities available in urban life


शहरी जीवन में व्यक्ति रोजगार थोड़ा आसानी से मिल जाता है। जो हमारे जीवन को मुख्य धारा में लाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जबकि गावो में और छोटे कस्बो में रोजगार मिल पाना बहुत कठिन होता है जिस कारण लोगो का विकास होना असम्भव होता है शहरों में रहने से किसी भी तरह की चिकित्सा संबन्धित समस्या हो जल्द से जल्द हल हो जाती है क्योकि शहरो में बड़े -बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पताल होते है। शहर में रहने से हमारे बच्चो अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है क्योकि शहरों में अच्छे स्कूल कॉलेज और विश्यविद्यालय होते है जहा पर हमारे बच्चे हर प्रकार शिक्षा प्राप्त कर सकते है। जिससे हमारे बच्चो का विकास होता है और वह आगे चलकर अध्यापक ,प्रोफेसर ,इंजीनियर ,डॉक्टर ,वैज्ञानिक आदि पदों पर आसीन होते है। जिससे हमारा देश विकास करता है। 


शहरी जीवन से हमारा परिवार एक उच्य गुणवक्ता वाला बनता है। जिससे हमारे परिवार की समाज और दुनिया में एक पहचान बनती है। शहरों में रहने के लिए सुविधा -युक्त घर और बड़ी -बड़ी इमारतों में फ़्लैट होते है जहा पर 24 घण्टे बिजली ,फ़िल्टर पानी की सुविधा होती है ,शहरों में बड़ी मार्किट और बड़े -बड़े मॉल होते है जहा पर हमे आसानी से हर चीज मिल जाती है। शहरी जीवन में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पक्की सड़के बनाई जाती है ,पब्लिक ट्रान्सपोर्ट होता है जैसे सरकारी बसे ,प्राइवेट टैक्सी ,मैट्रो ,हवाई जहाज ,ट्रेन आदि चीजे होती है जो लोकल शहर और एक शहर से दूसरे शहर में ले जाने में सहायक होती है। व्यापार करने के लिए बड़े शहर अच्छे होते है जहा पर व्यापारी अच्छा मुनाफा कमाता है। शहरों में बड़े कारखाने लगाना बहुत आसान होता है क्योकि रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार व्यापारी की हर तरह से मददगार होती है। 


शहर में रहने से समस्याएं / problems living in the city


शहरी जीवन वैसे तो बहुत अच्छा और सुविधाजनक होता है। वहा पर जीविका चलाने के लिए हमे रोजगार बहुत आसानी से मिल जाता है क्योकि बड़े शहरों में उद्दोग धन्धे होते है,प्राइवेट ऑफिस ,यूनिवर्सिटी ,मनोरंजन जगत ,खेल जगत ,हाउसिंग योजना आदि चीजे होती है लेकिन शहरों की भाग -दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति इतना उलझ जाता है जिसके कारण लोगो के पास एक -दूसरे के लिए समय नहीं होता है और ना ही रिश्तेदारों के यहां जाने का समय होता है। शहरों में बड़े कारखाने होते है जिनसे निकलने वाला केमिकल का धुँआ पुरे शहर को प्रदूषित कर देता है। शहरों में चलने वाले वाहन शहर को प्रदूषित करते है। शहरी विकास के कारण लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है जिस कारण वृक्ष खत्म हो रहे है जिससे ऑक्सीजन में कमी रही है और लोग बीमारियों का शिकार होते जा रहे है जिससे लोगो की उम्र कम हो रही है। 


गावों में काम ना होने के कारण लोग गांव से पलायन कर शहर में जाते है लेकिन शहरों में महगाई होने के कारण लोगो झोपड़ -पट्टी में रहना पड़ता है जहा पर कोई सुविधा नहीं होती है ऊपर से गन्दगी का सामना करना पड़ता है जिसके कारण बीमारियां घर कर लेती है। पीने का साफ पानी नहीं मिलता है ,सुख -सुविधाएं नहीं मिलती है जिसके कारण गांव से आये हुए लोगो को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गांव से आये लोगो का शहरों में खर्च भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जिस वजह से वह अपनी मूल जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पता है  क्योकि शहरों खाने का सामान बहुत महगा होता है। शहरों के विकास वहा की चमक -धमक वाली दुनिया पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रही है क्योकि शहरों में अधिक संख्या में सोर होने के कारण ध्वनि प्रदूषण ,वाहन और कारखानो से निकलने वाले धुए से होने वाला वायु प्रदूषण ,कारखानों और नाली -नालो सीवर के बहने वाले पानी से नदी और तालाबों के पानी का प्रदूषित होना पर्यावरण और हमारी जिन्दगी को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। 


शहरी जीवन अच्छा या नुकसान दे / urban life is neither good nor harm


बड़े शहरों में व्यक्ति को हर तरह की सुख -सुविधाएं प्राप्त होती है। अच्छा रोजगार मिलता है बच्चो के लिए अच्छे स्कूल ,कॉलेज और यूनिवर्सिटी होती है जहा पड़ कर हमारे बच्चे विद्वान् बनते है और अच्छे पदों में बैठकर अपना और अपने देश का विकास करते है जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है पानी ,बिजली ,चिकित्सा आदि चीजों कि बहुत अच्छी सुविधाएं होती है लेकिन इन सब के साथ -साथ हम बीमारिया ,प्रदूषण ,अकेलापन आदि समस्याओ के शिकार होते है क्योकि हम आधुनिकरण के कारण अकेले होते जा रहे है एक घर में होते हुए भी साथ में बाते करने के बजाय ,खेलने -कूदने के बजाय हम सब मोबाइल ,कम्प्यूटर ,टीवी ,गेम आदि में उलझे रहते है आज लोग पैसे के पीछे इतने अन्धे हो चुके है कि लोग आप सुख -चैन सब भूल चुके है। जिसके कारण हम दुखी और परेशान बने रहते है।


हम आज अपने स्वार्थ और पैसो के लिए अपनी जिन्दगी  को और अपनी  पृथ्वी ,पेड़ -पौधे ,नदियाँ ,पहाड़ और वायु आदि को पूरी तरह बर्बाद कर रहे है। आज देश की आबादी बढ़ती जा रही है। हम शहरों के विकास के नाम पर अपने हाथो से अपने पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है। बढ़ती हुई जनसंख्या से आज शहरों में भी रोजगार की कमी हो रही है ज्यादा भीड़ होने के कारण चोरी ,लूटपाट बलत्कार आदि घटनाये बढ़ती जा रही है। हर चीज के दो आधार होते है ठीक उसी तरह शहरी जीवन अपने और देश के  विकास के लिए अच्छा है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के लिए और मानव जीवन अन्य जीवन के लिए खराब होता जा रहा है। शहरी जीवन के बहुत सारी उपलब्धियां है लेकिन स्वार्थवश किये हुए कार्यो की वजह से वह जीवन अभिषाप बनता जा रहा है। गांव की अपेक्षा शहरों में महगाई बहुत ज्यादा होती जा रही है। 


उपसंहार / Epilogue


हम अगर गांव और शहर की बात करे तो शहर हमे अपना विकास करने का मौका देते है। जहा हमे एक सुख -सुविधा वाला जीवन प्राप्त होता है लेकिन इसके साथ -साथ हमारी बेचैनी ,अकेलापन ,बीमारियां आदि प्राप्त हो रही है। शहरों में रहने के कारण रिश्तो में दुरी आना ,मानवता खत्म होना आदि चीजे होती जा रही है। मै शहरी जीवन के बारे में अपनी समझ के आधार पर दर्शाया है 


https://hamarizindagi369.blogspot.com/





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