शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

ग्रामीण जीवन का महत्व / importance of rural life

 ग्रामीण जीवन का महत्व / importance of rural life


प्रस्तावना / Preface


ग्रामीण जीवन एक कठिन परिश्रम वाला जीवन होता है। जहा पर ना तो सुख -सुविधाएं होती है और ना तो हालात से निपटने के लिए संसाधन उपलब्ध होते है। जैसा कि हम बचपन से सुनते आये है कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है इस कारण हमारे देश कि सबसे ज्यादा आबादी गांव में रहती है और इसी लिए कहते है कि  भारत गांव में बसता है। गांव के लोग प्रात:काल उठ जाते है और खेती करने के लिए निकल जाते है। गांव कि शुद्ध हवा ,प्रदूषण मुक्त वातावरण ,लहलहाते हरे-भरे खेत ,बाग-बगीचे और फुलवारी जो आकर्षण का केन्द्र होते है जिन्हे सुबह -सुबह देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। गांव में लोग एक -दूसरे का दर्द समझते है इस लिए हमेशा सब मिल -जुल कर रहते है। साय: काल खेतो से लौट कर चौपाल लगा कर बैठते है और अपने लोक गीत गुनगुनाते है किस्से -कहानिया सुनाते है और समय बितीत करते है। अब धीरे -धीरे गांव बदल रहे है 


importance of rural life




लोग गांव का जीवन किस प्रकार गुजारते है / how people live village life


1-गांव का सादा और सरल जीवन / simple and simple village life


भारत में आज भी 70 प्रतिशत आबादी गांव में बसती है क्योकि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ पर लोग कठिन परिश्रम करके खेती करते है जिससे पुरे देश का पेट भरता है लेकिन उस अनाज को पैदा करने वाले किसान को कुछ खास नहीं मिलता है। जिस वजह से भारत का ज्यादातर किसान गरीबी में जी रहा है क्योकि आज भी किसान को अपनी फसलों का उचित रेट नहीं मिलता है। महगाई के कारण खेती का खर्च बढ़ता जा रहा है और फसल की पैदावार घटती जा रही है 


भारत का ग्रामीण जीवन बहुत सरल और सादा होता है क्योकि गांव के लोगो का जीवन कठिन परिश्रम से भरा हुआ होता है जिस कारण वह लोग सुख -सुविधा वाली जिन्दगी से वंचित होते है क्योकि उनका पूरा समय खेती—बाड़ी में ही बितीत होता है। वह लोग ज्यादातर कच्चे मकानों में रहते है , उनका भोजन आमतौर पे साधारण होता है ,गांव का किसान शुद्ध हवा में अपना जीवन बिताता है क्योकि गांव में चारो तरफ हरियाली होती है। पेड़  -पौधे और हरियाली होने के कारण गांव का वातावरण ठंडा होता है। गांव के लोगो का भोजन बिलकुल सादा और शुद्ध होता है। जिससे उन्हें खेती करने में मजबूती मिलती है। 


2-गांव का रहन–सहन / village living


भारत एक विकासशील देश लेकिन आज भी ज्यादातर आबादी गांव में ही रहती है क्योकि भारत के लोग आज भी सादा जीवन व्यतीत करना पसंद करते है वह इसलिए ताकि वह प्रकृति के करीब रह सके और अपनी संस्कृति और सभ्यता के साथ अपना जीवन जी सके। वह लोग चूल्हे में बना हुआ खाना -खाना पसन्द करते है साधारण कपङे पहनना पसन्द करते है लेकिन अब गांव बदल रहे है। लोग अब पक्के मकानों में रहते है टीवी ,इंटरनेट ,कम्प्यूटर ,मोबाइल आदि चीजों का इस्तमाल करने लगे है और खेती करने के लिए गांव के लोग मशीनों का भी इस्तमाल करने लगे है जिससे खेती करने का तरीका बदल रहा है। 


3-ग्रामीणों का पशु पालन करना / rearing villagers


ग्रामीण लोग पशु पालन भी करते है ताकि वह लोग अपने लिए शुद्ध दूध ,घी ,मक्खन और मट्टा आदि प्राप्त कर सके। गांव के लोग अपनी जीवनचर्या में यह सब शामिल करते है ताकि वह स्वस्थ और बलवान रहे जिससे वह पूरी मेहनत से खेती कर सके। पशु खेती के लिए भी बहुत मददगार होता है और यह गांव के लिए एक अच्छा व्यापार भी होता है जिससे वह पैसे भी कमाते है और एक सादा जीवन का अनुभव भी कराता है। लोग गांव में बकरी ,मुर्गी ,गाय ,भैस ,बैल आदि पशुओ का पालन करते है। अब तो सरकार गांव वालो को पशु पालन करने के लिए लोन भी देती है ताकि शहरी लोगो की दूध ,घी ,मट्टा आदि कि जरूरते पूरी हो सके। 


4-गांव में गरीबी / poverty in the village


गांव में लोग बहुत मेहनत करते है लेकिन आज भी गांव में बहुत गरीबी देखि जा सकती है क्योकि जब लोग खेती करते है तो कभी बारिस नहीं होती तो कभी ज्यादा बारिस होने और ओले गिरने से पूरी फसल बर्बाद हो जाती है जिसके कारण किसान कि गरीबी और बढ़ जाती है बड़ी -बड़ी कम्पनियो के कारण जो पारम्परिक स्वदेशी रोजगार भी खत्म हो गए है। बहुत से गांव ऐसे होते है जहा पथरीली और बन्जर जमीन होने के कारण खेती होती ही नहीं है जिससे वहा का किसान और भी ज्यादा गरीब हो चूका है जिसके कारण उनका और उनके परिवार का विकास नहीं हो पाता है। 


5-गांव की शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था / Village education and medical system


गांव में आज भी शिक्षा व्यवस्था के नाम पर प्राइमैरी और हाई स्कुल है जो हमेशा की तरह आज भी खस्ताहाल है। जिस वजह से गांव के लोगो को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है क्योकि आज शिक्षा का स्तर बदल रहा है। अगर हम देखे तो हमे गांव की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है तभी हम गांव के बच्चो और युवाओं को अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकते है इसके लिए जरूरी है कि सरकार गांव में इंटर कॉलेज और महाविद्यालय कि स्थापना करे इसके साथ इंटरनेट आदि की व्यवस्था करे प्राइमेरी और है स्कूलों को हाईटेक बनाये जाये ताकि गांव की शिक्षा व्यवस्था बदल सके और वहाँ के बच्चो को शहर ना आना पड़े।


गांव में शिक्षा व्यवस्था के साथ -साथ चिकित्सा व्यवस्था में भी बदलाव कि बहुत जरूरत है क्योकि बढ़ते हुए प्रदूषण और गंदगी होने के कारण आज गांव में भी बीमारिया अपना घर बना रही है एक जगह जमा पानी में कीटाणुओ का संचार और गंदगी भी होती है जिसके कारण गांव में बीमारिया फैलती है इसके आलावा गांव के गन्दे तालाबों में नहाना वहीं पर पशुओ को नहलाना आदि चीजे बीमारियों के कारण है। आज गांव -गांव में चिकित्सा केन्द्र खोले जा चुके है लेकिन कहि  अभी सरकार को उनमे और भी अधिक व्यवस्था करने की जरूरत है ताकि गांव के लोगो को उहि पर सारी सुविधाएं प्राप्त हो सके जिससे गांव के लोगो को इमरजेंसी में शहर ना भागना पड़े। 


6-गांव के पारम्परिक त्यौहार / traditional village festivals


गांव के लोग अपने सादा और सरल जीवन के साथ -साथ अपने पारम्परिक त्योहारों को मनाना नहीं भूलते है। गांव के लोग अपने हर त्यौहार को पुरे हर्ष उल्लास के साथ मनाता है क्योकि गांव के लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता के साथ जीना पसन्द करते है। क्योकि गांव के लोगो के अन्दर आज भी अपनी संस्कृति और सभ्यता कूट -कूट कर भरी होती है। अगर हम कहे की गांव के लोगो की वजह से ही हमारी संस्कृति और सभ्यता जिन्दा है तो यह गलत नहीं होगा क्योकि शहरी लोग तो आज आधुनिकरण की तरफ भाग रहे है। त्योहारों में ग्रामीण लोग  पारम्परिक भेष -भूषा के साथ अपने त्योहारों को मनाते है। 


उपसंहार / Epilogue


ग्रामीण के लोगो का सादा जीवन ही भारत की संस्कति को दर्शाता है कृषि उनके परिश्रम को अगर गांव के लोग अनाज पैदा करना बन्द कर दे तो देश को भुखमरी और आर्थिक मन्दी से गुजरना पड़ेगा। गांव का किसान अपना खून पसीना बहा कर पुरे देश के लिए अनाज पैदा करता है। वह आज भी एक सादा जीवन व्यतीत करना चाहता है क्योकि वह हमेशा प्रकृति और अपनी संस्कृति के करीब रहना चाहता है वह इस लिए की यही भारत है जो अपनी परम्पराव से जाना जाता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसके कारण यहां का रहन -सहन सादा और सरल है। जो लोग सादा जीवन जीते है वह लोग ऊर्जावान और परिश्रमी होते है जो हमेशा परमात्मा के करीब रहते है। 



https://hamarizindagi369.blogspot.com/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें