पहाड़ ,नदियाँ ,पेड़-पौधे और हमारा जीवन / Mountains, rivers, trees and our life
प्रस्तावना / Preface
पहाड़ नदियाँ , पेड़ पौधे धरती पर वरदान है हमारे जीवन के लिये औरपशु पंक्षी जीव जन्तुः आदि हर प्राणी के लिये वरदान है और इन सब चीजों की रचना प्रकृति ने धरती का सन्तुलन बनाये रखने के लिये और हर प्राणी के जीवन और सबकी सुख-सुविधा के लिये किया था लेकिन हम लोगो ने हमेशा उन सारी चीजों को असन्तुलित करने का काम किया है| इस धरती में प्रकृति ने हमे संसाधन के रूप में बहुत कुछ दिया है जैसे पर्वत,पहाड़ पेड़- पौधे ,मिट्टी ,चट्टानें ,कोयला ,लोहा,तांबा ,पीतल सोना,चांदी और भी बहुत सी चीजे जो प्रकृति ने हमे प्रदान कि है नदियाँ हमारे जीवन के लिये वरदान है क्योकि जल ही जीवन है जल के बिना धरती में कुछ नहीं हो सकता है। जल के बिना ऑक्सीजन नहीं होगा इसके बिना जीवन नहीं है
पेड़-पौधे / Trees & plants
हमारी धरती और प्रजाति के लिए पेड़-पौधे किसी वरदान से कम नहीं है क्योकि अगर पेड़-पौधे नहीं होते तो धरती पर प्रजातियों का सांस लेना मुश्किल हो जाता इसी लिये वैदिककाल के समय से भारत देश में वृक्षों की पूजा होती रही है आज भि यह परंपरा चल रही है। पेड़-पौधे हमारे अभिन्न मित्र ,परम् उपकारक ,निः स्वार्थ सहायता करने वाले है हमारी चिकित्सा प्रणाली के लिये पेड़-पौधे आर्युवेद के लिए सबसे बड़ा खजाना है। पेड़-पौधों के बिना बहुत से जीवों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है फल और फूलो से लदे हुये पेड़-पौधे ,बाग -बगीचे को सुन्दर और मन -मोहक बनाते दृश्य पेड़-पोधो से ढ़के हुये पर्वत कितने सुन्दर और आकर्षण लगते है ऐसे दृश्य को देख कर मनमुग्ध हो जाता है
हमारे जीवन में पेड़ और पोधे से बहुत सारे लाभ होते है जैसे पेड़ भोजन के रूप में कार्बन-डाई-आक्साइड लेते है और ऑक्सीजन को बाहर छोड़ते है। जिससे मानव जीवन और हजारो जीव जन्तुः का जीवन सम्भव हो पाता है। पेड़ हमेशा वायु को शुद्ध करने का काम करते है। बारिस में पेड़ हमेशा मिटटी की कटान को रोकते है क्योकि पेड़ो की जड़े मिटटी को जकड़ कर रखती है जिससे पानी का बहाव मिटटी काट नहीं पाता है पेड़ पौधे हमे फल ,फूल ,रस ,लकड़ी ,रबर ,घास ,तेल ,अनाज ,बीज और आर्युवैदिक जड़ी बूटियां इत्यादि चीजे प्राप्त होती है
नदियाँ होने का अर्थ / meaning of rivers
हमारी नदियों का हमारे जीवन में क्या अर्थ है और वह हमारे लिए क्यों जरूरी होती है हमारी नदियाँ हमें और अन्य प्राणिजति को जीवन देती है। नदिया भारतीय सभ्यता का मूल आधार होती है क्योकि प्राचीनकाल में नदियों के किनारे ही नगरीय सभ्यता को विकसित किया जाता था हमारे देश की प्राचीनतम नदियाँ सिन्धु ,सतलज ,और सरस्वती मुख्यता नदियाँ है वही दक्षिण में यह सभ्यता कृष्ण ,काबेरी और गोदावरी नदियों के आस पास किया गया था क्योकि कोई भी प्राणिजति पानी के बिना नहीं रह सकती है इसलिए नदी किनारे नगर बसाने से पानी की समस्या नहीं होती थी और व्यापार करने के लिए या फिर कहि पर भी आने -जाने के लिए नदिया एक सुगम मार्ग का कार्य करती है।
नदी आम तौर पर पहाड़ ,झरने,झीलों से समतल जगह पर आकर नदियाँ बनती है। पानी के लिए नदिया एक प्राकृतिक संसाधन है। जो हमे स्वच्छ जल प्रदान करवाती है जिस स्थान पर नदियों का जन्म होता है उस जगह को नदियों का उद्गम कहते है नदियाँ बहते समय चटटनो से टकराकर अपना रुख बदल लेती है नदिया जिस जगह से गुजरती है वहा के नगरों और गांव की जल आपूर्ति और खेती के आधार पर आसान हो जाता है और वहा के आस -पास के इलाके पेड़ पोधो से हरे भरे रहते है। जहां से नदिया गुजरती है वहां पर रोजगार के औसर बनते है। नदिया पानी के साथ -साथ ओर भी बहुत कुछ प्रदान करती है।
नदियाँ दो प्रकार कि होती है / There are two types of rivers
हमारे देश में मूल रूप से दो प्रकार की नदियाँ होती है। एक वो जो पहाड़ो में जमी बर्फ से पिघल कर नदी का रूप लेती है पहाड़ों से बहने वाली नदी में और भी छोटी -छोटी नदियों का विलय होता जाता है जो पहाड़ों के बहुत से बहते हुए झरने से और पिघली हुई बर्फ से बनती है इस कारण ऊपर से आने वाली नदी एक विशाल नदी का रूप ले लेती है और ऊपर से आने के कारण उसका वेग बहुत तेज होता है जिस पर नियंत्रण करना हमारे वश में नहीं होता है। हिमालय की बर्फ पिघलने के कारण हिमालय कि चट्टानें साफ तौर से देखि जा सकती है जो ग्लोबल वार्मिग कि चेतावनी देती है।
दूसरी नदी जो जंगल से निकलती है जंगली नदी ज्यादातर धरती के स्रोतों और घनघोर जंगल होने के कारण बारिस का पानी जमा होता है और जंगल के छोटे -बड़े पहाड़ो से बह कर जंगल में आने वाले पानी से जंगली नदी का निर्माण होता है। जंगलो में पानी की कमी नहीं होती क्योकि जंगल और पानी एक -दूसरे की स्थिरता को बनाये रखते है। क्योकि पानी के बिना जंगल नहीं हो सकता और जंगल के बिना पानी नहीं हो सकता। इन जंगलो से निकलने वाली नदियाँ वहा के जीव जन्तुओ के लिये जीवन दायनी होती है और जो जंगलो को हरा भरा बनाये रखती है जिससे जंगलो का बजूद हमेशा कायम रहता है।
पहाड़ो का महत्व / importance of hills
हमारी धरती पर जितना पेड़ -पौधे ,नदियाँ ,जीव -जन्तु ,जन-जाति जरूरी है उतना ही पहाड़ भी प्रकृति के लिये जरूरी होते है।हलाकि प्रकृति के पहाड़ो की भि अलग दुनिया है पहाड़ भी कई तरह के होते है बारूद ,छोटे,लम्बे,शिखर चोटी वाले ,हरे-भरे,झरने वाले पहाड़,ढलानयुक्त और ज्वालामुखी ,गन्धक आदि गुणों वाले पहाड़ होते है। बर्फीले पहाड़ स्वेत होते है जो हमेशा बर्फ से ढके होते है। इन पहाड़ो का जन्म धरती के नीचे स्थिर टेक्टोनिक प्लेटो के खिसकने से हुआँ था यूनान में ऐसे पहाड़ है जो सूरज की किरणों से सोने की तरह चमकते है और जापान में ऐसे पहाड़ स्तर है जिनमे हमेशा ज्वालामुखी फूटते ही रहते है।
पहाड़ भी बड़े वचित्र प्राणी होते है। पहाड़ो कि रंगत उनके भाव और प्रभाव से होती है पहाड़ो के ज्वालामुखी फटने के बाद जो लावा निकलता है वो एक नया रूप लेकर द्वीप तैयार करता है पहाड़ो में जब पानी बहता है तब उस कटान से हमे रेत् या बालू मिलती है जो हमारे शहरों के विकास में महत्व रखती है। पहाड़ो में जड़ी-बूटियां तैयार होती है जोकि चिकित्सा के काम आती है। पहाड़ो से हमारी धरती का संतुलन बनता है जिससे मानसून तैयार होता है जिससे बारिस होती है और इससे धरती हरि-भरी हो जाती है और लोगो को बुनयादी जरूरत की चीजें मिलती है।
उपसंहार / Epilogue
पेड़ -पौधे ,नदिया और पहाड़ हमारे जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाते है। पेड़ -पौधे हमें खाने की सामग्री देते है आयुर्वैदिक जड़ी -बुटिया ,जानवरो के लिए पत्ते छाल देते है जिससे उनका पालन होता है ,यह हमें लकड़ी भी प्रदान करते है जिससे हमें घर और लकड़ी का सामान बनाने में मदद देते है इसी प्रकार नदिया हमारी पानी की समस्या खत्म करती है जो प्राणिजति के लिए बहुत उपयोगी होता है इसके साथ खनिज पदार्थ भी प्रदान करती है जो हमारे लिए बेहद जरूरी होते है। इसी तरह पहाड़ों का भी प्राणिजति के जीवन में बहुत महत्व है प्राचीनकाल में हमारे ऋषि -मुनि तपस्या करने के लिए पहाड़ो की गुफाओं में जाते थे। पहाड़ नदियों के सहायक होते है पहाड़ो के ज्वालामुखी निकलता है जो नए आयलड को जन्म देते है। जो हमें पत्थर के साथ बहुत सी चीजे देते है।
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