इंसान कभी भी अकेला नहीं रहे सकता क्योकि मानव एक सामाजिक प्राणी होता है। हम कुछ पल.कुछ दिन.कुछ महीने हो सकता है कि अकेले रहे ले लेकिन हमेशा के लिये हम अकेले नहीं रहे सकते क्योकि लोगो से मिलना -जुलना बाते करना शादी-व्याह ,त्यौहार ,पार्टी आदि में हम सभी के साथ होते है और यही हमारी जरूरत और फिदरत है
अगर फिर भि कोई इंसान अकेले रहता है तो वो समाज से विपरीत कुछ सोचता होगा या फिर कुछ अलग करना चाहता होगा।लेकिन अगर वो बिलकुल लोगो से मिलता-जुलता नहीं है और उसके साथ समय बिताने वाले लोग या दोस्त नहीं है तो यह उसके लिये एक बहुत बड़ी परेशानी की बात है क्योकि ऐसे लोगो के दिमाग में आम आदमी की अपेक्षा बहुत ज्यादा दिमाग का प्रयोग करते है
Is loneliness dangerous or beneficial |
हमारे जीवन में अकेलेपन को कभी-कभी लोग सजा के रूप में इस्तमाल करते थे पहले भी और आज भी लोगो को सजा के रूप मिलती है। जेलों में ज्यादा उत्पात मचाने वाले लोगो को अंधेरी कालकोठरी में अकेले बन्द कर दिया जाता है ताकि मानसिक रूप से वह परेशान हो जाये ताकि उसकी असलियत सबके सामने आ सके। दिमागी तौर पर बीमार लोगो को जंजीरो में बांध कर रखा जाता है
दुनिया में बहुत से लोग है जो कहते है की अकेलापन अच्छा है अकेलेपन हमे अलग दुनिया से जोड़ता है और इसी लिये लोग त्योहारों में पार्टी हो शादी हो या फिर किसी से मिलना -जुलना हो ऐसा लोग बिलकुल पसन्द नहीं करते है क्योकि वो लोग बिलकुल अलग जीना चाहते है अगर आप अकेले रहकर अपने आपको किसी ओर चीज या ओर दुनिया से जोड़तें हो तो यह अकेलापन अच्छा है अगर आप अकेले रहकर तनावपूर्ण जीवन बिताते है तब वह जीवन हमारे लिए एक सजा बन जाती है जो हमारे लिए मौत से भी ज्यादा बत्तर जिन्दगी हो जाती है।
अकेलेपन से आप क्या हासिल करते है / what do you gain from loneliness
आज बहुत से ऐसे लोग है जो अकेले रहने का समर्थन करते है क्योकि उन्हें लगता है की अकेले रहना सबसे अच्छा होता है अमेरिका की एक लेखिका कहती है की लोगो का और मेरा भी यह मानना है की अकेले रहने के अपने अलग मजे है। अकेले रहने से लोग झूठ फरेब से बचे रहते है लोग अपनी जिंदगी में फोकस करते है और दुनिया में कुछ अलग करने की क्षमता रखते है लोग अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाने में सक्षम हो पाते है जो हर इंसान नहीं कर पाता और इसी लिये एनेली रूफस ने अकेलेपन पर पार्टी ऑफ़ वन: द लोनर्स मैनीफेस्टो' नामक एक किताब लिख डाली है।
अकेलापन एक डायबटीज की तरह बहुत ही खतरनाक बीमारी है इसमें भी वैसे ही लोग मरते है जैसे कि डायबटीज में लोग मरते है। अकेले रहने की वजह से लोगो की सोचने समझने की क्षमता कम होती जाती है इस वजह से हमारी अंदरूनी ताकत भी कमजोर होती है जिसकी वजह से लोगो की मौत हो जाती है।
समाज में अकेलापन महामारी की तरह फ़ैल रहा है / Loneliness is spreading like an epidemic in the society
आज दुनिया भर में अकेलेपन के बारे में बाते होती है मगर इसका ये मतलब नहीं होता की आज से कुछ साल पहले की अपेक्षा आज ज्यादा लोग अकेलेपन के शिकार है साल १९४८ में लंदन की ब्रुलेन यूनिवर्सिटी में एक शोध में बताया गया की आज तक अकेलापन महसूस करने वाले लोगो का अनुपात समाज में हमेशा से एक जैसा रहा है लेकिन आज इंसान का अकेलापन ज्यादतर अकारण होता है छोटी -छोटी चीजों कि वजह से लोग अकेलेपन के शिकार हो जाते है जिसका जीवन में कोई आधार नहीं होता है। आज का अकेलापन एक बीमारी बनता जा रहा है जो दीमक कि तरह व्यक्ति को खायें जा रही है।
अकेलेपन के बारे में कहा गया है की पिछले ७० सालो में जनसख्या का ६ -१५ फीसदी लोग अकेलेपन के शिकार होते जा रहे है। आज जनसख्या का अभाव है जिसकी वजह से आज अकेलेपन कि संख्या भी बढ़ रही है। हम किसी भी तरिके से रह सकते है लेकिन हमारे लिए जीवनभर अकेले रह पाना कठिन है इसलिए जीवन में अकेलेपन से हमे ज्ञान और ध्यान अर्जित करना चाहिए ताकि अकेलेपन से हम कुछ सीख सकें लेकिन आज का अकेलापन मानसिक तनाव पैदा करता है क्योकि हम उन चीजों के लिए परेशान होते है जो एक बाहरी दिखावा है
अकेले रहने से क्षमता बढ़ती है / Being alone increases capacity
अकेले रहना,शादी -व्याह ,पार्टी से दूर रहना अपने दोस्तों से न मिलना अगर ये आपका अपना फैसला है तो यह आप के लिये लाभकारी हो सकता है और इससे आपकी क्षमता बढ़ जाती है। जब आपकी क्षमता बढ़ती है तब आपका आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है और आपके अन्दर एक स्वतंत्र सोच जन्म लेती है जिसके कारण आप अपने नये-नये ख्यालातो का खुलकर स्वागत करते है और अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाते है।
जब आप अपना कुछ समय अकेले गुजरते है तब आपकी आत्मा उन शान्ति भरे पलों का इस्तमाल बहुत आराम से कर पाती है जब आप शोर गुल से दूर अकेले बैठने पर आपकी आत्मा आपकी सोचने-समझने की ताकत को बढ़ाती है और जब हम अकेले बैठकर अपनी पुरानी बातो को याद करने में समय बताते है तो हमारी याददाश्त मजबूत होती है जब आप अकेले समय बिताते है तो आपकी मनोवृति में बहुत तेजी से बदलाव होने लगते है जिसके कारण आपकी सोच सकारात्मक होती है। जिसके कारण दुनिया में एक बड़ा बदलाव करने की आपके अंदर एक नयी ऊर्जा का संचार होता है
तपस्या ,चिंतन -मनन / penance, meditation
तप और चिंतन -मनन ये हिन्दू धर्म से लेकर बौद्ध धर्म तक बहुत से धर्मो में यह बताया गया है कि तप चिंतन-मनन हमारे जीवन का एक हिस्सा है असल में अकेले रहने से हमारा मस्तिक आराम कि मुद्रा में चला जाता है जिस वजह से हमारी याददास मजबूत करने में और अपने शब्दों को अच्छा करने में लग जाता है
जब आप किसी के साथ होते है तो आप का दिमाग बटने लगता जिस वजह से आपका लोगो के पास बैठने का मन नहीं करता है। अगर लोग खुद से अकेले रहना पसंद करते है तो ये उन लोगो के लिये बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है लेकिन सब के साथ रहने वाले लोग पार्टी शादी-व्याह हर जगह आने -जाने वाले लोग अगर अकेले रहते है तो यह उनके लिये बहुत चिंताजनक और परेशानी वाली बात है
उपसंहार / Epilogue
अकेलापन एक ऐसी चीज है जो आपको अच्छा भी बनाता है और बुरा भी यह तो हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है। अगर आपके विचार अच्छे है तो आपके लिए अकेलापन बहुत अच्छा है और अगर आपके विचार बुरे है तो आपके लिए अकेलापन एक बहुत खतरनाक बीमारी है जो कभी भी आपके लिए जानलेवा हो सकतीं है इसलिए हमे इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अकेलापन हमारे सकारात्मक हो जिससे हम इस जीवन के बारे में कुछ सीख सकें और कुछ सिखा सकें।
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