जिंदगी के कुछ नियम /some rules of life
हम आज एक नई शुरुआत करने जा रहे है और इसके लिए हमें अपनी जिंदगी के कुछ नियमो का पालन करना होगा जिससे आप की जिंदगी बदल जायगी।
किसी काम को करने से पहले हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है हमारा आत्मविश्वास अगर हमारे अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो हम कभी भी कुछ भी नहीं कर पाएंगे हमारे जिंदगी में आत्मविश्वास का होना उतना ही जरूरी है जितना कि हमारे शरीर में हमारी आत्मा का होना क्यों कि हमारी जिंदगी में आत्मविश्वास ना होने से हम एक जिन्दा लाश की तरह हो जाते है हमारे अंदर कितनी भी योग्यता क्यों ना हो लेकिन हम बिना आत्मविश्वास के कुछ भी नहीं कर सकते है।
some rules of life |
आत्मविश्वास ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है बिना आत्मविश्वास के किया हुए काम पर हम खुद भरोसा नहीं करते कहि न कहि हमे अपने ही काम पर शक होता रहता हे जो व्यक्ति लालची नहीं होगा जिसके अन्दर मेहनत ,सत्य ,लगन,कर्तव्य निष्ठा और अपने संस्कारो से फलीभूत होगा ऐसे व्यक्ति के अन्दर ही आत्मविश्वास कूट -कूट कर भरा होता है।
आप अपने में विश्वास बनाये रखे और एक प्रयोजन बनाये और उसे पूरा करने के लिए अपने आप प्रतिबद्व हो जाये। जब आप अपने द्वारा ब्माये गए प्रयोजन को पूरा करते है तब आप के अन्दर कई गुना आत्मविश्वास बढ़ जाता है। अपने आप को हमेसा खुश रखे और अपने आप हमेशा काम करने के लिये प्रेरित करे काम में असफलता मिलने से दुखी होने के बजाए उससे सीख ले क्योकि अच्छा अनुभव हमेशा बुरे अनुभव से ही आता है।
अपने दिल और दिमाग को शांत रखे और सकारात्मक सोचे और अपने दिन की शुरुआत पूजा पाठ से करे। इस दुनिया में कोई भी चीज नामुमकिन नहीं है .हमारे आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन किसी काम का असफल होने का डर होता है आप को उस डर को हटाना है और आप को उस काम को जरूर करना है जिससे आपको सबसे ज्यादा डर लगता है
प्रकृति से जुड़ने कि कोशिश करे हमेशा अपनी संस्कृति और सभ्यता को साथ लेकर चले हमेशा सत्य के साथ जिये लोगो कि हमेशा मदद करे और अपने काम के प्रति जिम्मेदार बने और अपने अन्दर से नकारत्मकता बाहर निकले ताकि आप साफ मन से अपने कार्य को कर सके।
संसार में सबसे कीमती वस्तू अगर कोई तो वह समय होता है मगर आज के समय में लोग निराशजनक जिंदगी जी रहे है और ऐसे लोग हमेशा इस इंतजार मे रहते है कि उनकी जिन्दगी में कोई चमत्कार होगा जिससे उनकी जिन्दगी बदल जाएगी जी हा चमत्कार तो होगा लेकिन उस चमत्कार को आप को ही करना होगा अपनी निष्ठा ईमानदारी मेहनत और आप के कर्तव्यों के द्वारा ही चमत्कार होगा।
हमें अपने आत्मविश्वास को बनाये रखने के लिये सबसे पहले हमें अपनी इस धारणा को बदलना होगा कि हमारे साथ वही होता है जो भाग्य में लिखा होता है। अगर ऎसा होता तो हम लोग कभी भी भगवान की पूजा नहीं करते बल्कि हम यह जानने की कोशिश भी नहीं करते की आखिर भगवान है कौन इस लिये भाग्य के भरोसे मत बैठिये और अपना कर्म करिये ताकि आप कि जिन्दगी एक सही दिशा में चल सके और आप तरक्की के मार्ग पर कर्मपरायण हो सके।
हमें हमेशा वह कार्य करना चाहिये जिसमे हमारी रूचि हो लगन हो जिस कार्य के लिये हम समर्पित हो सके हमे उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिये और अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिये। हमे हमेशा वर्तमान में जीना आना चाहिये। हमे अच्छे मित्र बनाने चाहिये ताकि हमे एक अच्छी सोच मिल सके और हमेशा सकारात्मक रहे सके। हमे 24 घण्टे में हजारो बिचार आते है और हमारे कार्यो में सफलता और असफलता इन्ही बिचारो से आती है शोधकर्ताओं के अनुसार हमे यह पता चला की ज्यादा तर लोग भूतकाल की चिंता और भविष्यकाल कि योजना में अपना समय बर्बाद करते है।
माना भूतकाल से हमे अनुभव प्राप्त होता है और भविष्यकाल के लिये हमे योजना बनानी चाहिये लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं की हमे अपना सारा समय इसी में बर्बाद कर देना चाहिये हमे हमेशा वर्तमान मे जीना चाहिये और इसी सबसे अच्छा समय बनाने की कोशिश करनी चाहिये क्योकि यह हम सभी जानते है कि भूतकाल और भविष्यकाल पर हमारा नियंतरण नहीं होता है
हमारी खुशियों का सबसे बड़ा दुश्मन हमारी परतंत्रता है क्योकि वर्तमान में हमारी खुशियों कमी आने का सबसे बड़ा कारण हमारी परतंत्रता है हमारी जिन्दगी का सबसे बड़ा रोग यह है कि अगर हम यह काम करेंगे तो लोग क्या कहेगे क्या विचार -विमर्श करेंगे और यह सब सोच कर वह लोग कभी भी कोई भी काम करि नहीं पाते और हमेशा सोचते ही रह जाते है और इसी कारण वस समय हमारे हाथ से रेत कि तरह निकल जाता है और फिर हम जिन्दगी भर पछताते रहते है
हमें दुसरो से अपेक्षा कम रखनी चाहिये और स्वंय ही पूरी मेहनत के साथ कार्य करना चाहिये। हमें अपने आप को स्वाभिमानी बनाना चाहिये और दूसरे के काम और रुतबे को देख कर अपने आप को परेशान नहीं करना चाहिये हमे अपने को हर परिस्थिति में खुश रखना चाहिए क्यकि ऐसा प्रयास करना हमारे हाथ में होता है लेकिन किसी चीज की अपेक्षा और उसकी परिस्थिति हमारे हाथ मे नहीं होती है क्योकि समय अच्छा या बुरा कैसा भी हो सकता है लेकिन उसकी प्रतिक्रिया अच्छी ही होनी चाहिये क्योकि प्रतिक्रिया करना हमारे वश में है
किसी जानकर व्यक्ति ने कहा है कि मेहनत करने से पहले कामयाबी सिर्फ शव्दावली में ही होती है शारीरिक मेहनत ही मेहनत नहीं होती अपितु शारीरिक और मानशिक दोनों प्रकार से होती है जैसा की हम जानते है कि शारीरिक मेहनत से ज्यादा मूलयवान मानशिक मेहनत होती है
बहुत से लोग अपनी योजना तो बहुत बड़ी बना लेते है लेकिन मेहनत बिलकुल नहीं करते और फिर अपनी योजनाओ को बदलते रहते है और ऐसे में फिर वह व्यक्ति कुछ भी नहीं कर पाता है अगर हम मेहनत करे तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो जाती है अगर अपनी योजना को पूरा करना है तो बीच में आने वाली बाधाओं को पार करना सीखे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करे
आज के समय में इंसान को व्वहारकुशल होना चाहिये क्योकि व्वहार से हमारी मानशिक परिश्थिति में सुधार आता है लेकिन व्वहार सामाजिक स्पर्धा वालो से होना चाहिये जो हमे अच्छे और बुरे कि पहचान करा सके जो हमे जीने का सही तरीका बता सके।
एक अच्छा स्वभाव का व्यक्ति समाज में कहि भी जाये वह हर जगह लोगो को अपना दोस्त बना लेता है ऐसे दोस्त जो समय पड़ने पर आप के लिए कुछ भी करने को तैयार होते है लेकिन आप के व्वहार में स्वार्थ नहीं होना चाहिये व्वहार में भाषा शैली होनी चाहिये क्योकि भाषा में वो ताकत होती है जो आपके व्वहार में मिठास घोल शक्ति या तो उसमे दरार डाल शक्ति है हमे हमेशा सोच समझ कर और कम शब्दों ज्यादा कहना विनम्रता से अपनी बात को कहना और आदर पूर्वक दुसरो कि बात को सुनना और उसे समझना यही एक अच्छे व्यक्तित्व की निशानी होती है
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें