रविवार, 17 जुलाई 2022

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर /Effects of air pollution on our lives

 वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर / Effects of air pollution on our lives



मनुष्य की दैनिक गतिविधियाँ  के कारण बहुत से खतरनाक रसायन हमारे  वायु मण्डल के वातावरण को गंदा करने का कारण होते जा रहे है, आज हमारे देश को विकसित करने के लिये हम औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने की प्रक्रिया में कई हानिकारक पदार्थो को जैसे गैसों, कणों, पेंट और बैट्रियों का आक्रामक संचालन, होता है सिगरेट, आदि कार्बन मोनो ऑक्साइड, परिवहन के साधन कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य ज़हरीली पदार्थों को वातावरण में  छोड़ते  रहते और वायु मण्डल मे फैलते  रहते  हैं। हमे वायु  प्रदूषण  के स्तर  को  कम करने के लिये सार्वजनिक रूप से  हमें दैनिक आधार पर अपनी क्रिया-कलापों में बड़े स्तर पर परिवर्तन लाने चाहिये ताकि हम अपने वायु मण्डल को साफ और शुद्ध बना सके। हमें पेड़ो को नहीं काटना चाहिए। सावर्जनिक साधनो का प्रयोग करना चाहिए। 

Effects of air pollution on our lives


वायु  धरती  पर जीने  के  लिये  एक आवश्यक तत्व  है। इसी  से  प्राणियों  और  सभी जीव -जन्तुः को आक्सीजन  प्राप्त होती  है।  जो  हमारी  जीवन  का  सवसे  बड़ा आधार  होता  है।और इसी से हमारे पेड़ -पोधो को कार्बन -डाई -आक्साइड प्राप्त होती है। जिससे उनका पोषण होता है वायु -मण्डल हमारे लिये एक सतह की तरह है जिसके ना होने से तापमान अधिक या फिर शुन्य से भी कम हो जायेगा वायु -मंडल ही अल्ट्रावायलेट कि किरणों से हमारी रक्षा होती है। उल्काओ को जला कर नष्ट कर देता है। 


वास्तव में  वायु में रहने  वाली गैसो पर  बाहरी  प्रभाव ही वायु मण्डल  के  लिये जिम्मेदार है हमारी पृथ्वी का वातावरण बिभिन्य प्रकार की गैसों से मिल कर बना होता है जिससे मानव और सभी सजीव जीव -जन्तु के लिये आक्सीजन प्राप्त होती है जो की वातावरण मे लगभग 22 %ही है जोकि धीरे -धीरे कम होती जा रही है और इसमें कई प्रकार कि जहरीली गैसे मिलती जा रही है। 


जीवन मण्डल का आधार ही वायु तत्व है वायु में रहने वाली आक्सीजन मे ही जीवन निर्भर होता है सभी तरह के प्राणी वायुमण्डल से आक्सीजन ग्रहण करते है और फिर कार्बन -डाई -आक्साइड छोड़ते है और फिर इसी को पेड़ पौधे ग्रहण करते है और एक संतुलन चक्र चलता है। लेकिन इस संतुलित चक्र मे रुकावट आ जाती है जब पृथ्वी मे चलने वाले उद्दोगो से वाहनों से घरेलू और कुछ नीजि कारणों निकलने वाले धुऑ एवं अन्य छोटे -छोटे  कण और बिभिन्न प्रकार की रासायन पदार्थ उत्पन्न जहरीली गैस धूल के कण आदि वायु मे प्रवेश कर जाते है और यह मानव जाति के लिये नहीं बल्कि सभी जीव -जन्तु के लिये हानिकारक होता है 


वैसे तो वायु प्रदूषण की यह समस्या कोई नई नहीं है इससे पहले भी लोग वायु प्रदूषण का शिकार होते रहे है जब भी सुनामी आती थी या फिर ज्वालामुखी फटते थे या फिर तेज हवाएं चलती थी तो इन सब चीजों से पहले भी  वायु प्रदूषण  फैलता था या फिर आप यह कह  सकते है  कि जब  से मानव ने  अग्नि का अविष्कार किया तभी से वायु प्रदूषण फैलने लगा था गन्दगी मे पलने वाले जीवाणु भी वायु प्रदूषण का कारण है। 


हालांकि यह समस्या तब तक सीमित थी जब तक आबादी कम होती थी लोगो की आवश्कताये कम होती थी क्योकि ईधन का प्रयोग कम किया जाता था कुदरत के द्वारा बनाये गये जंगलो का विस्तार होता था और जंगलो के माध्य्म से हमरे जल का भी संरक्षण होता रहता था जिसके कारण खेती द्वारा पैदा की जाने वाली फसल सुरक्षित होती थी अब तो हम ज्यादा फसल पैदा करने की वजह से स्वम ही उसमे जहरीली खाद का प्रयोग करते है और तीब्र गति से कार्य करने की वजह आज सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण फैल रहा है। 


कुछ प्रकृति के कारण भी वायु प्रदूषण फैलता है जैसे की ज्वालामुखी मे विस्फोट होना जहां पर भी ज्वालामुखी विस्फोट होता है वहां का वायु मण्डल पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है ज्वालामुखी फटने की वजह से उसमे से तेज गति धुआँ राख पत्थर के टुकड़े निकलते हे और जो तेजगति से वायु मण्डल मे फैल जाता है जंगलो मे लगने वाली आग भी वायु प्रदूषण का मुख्य कारण होती है  जोकि कभी-कभी इतना विकराल रूप ले लेती है जिसकी वजह से बहुत मात्रा मे धुंआ और राख निकलती है जिसकी वजह से वहां का पूरा वायु मण्डल प्रदूषित हो जाता है।     

  


आधी तूफान से और तेजगति से चलने वाली हवा से उड़ने वाली धूल मिटटी के कण जोकि वायु मण्डल में प्रवेश कर जाते है उससे भी हमारा वायु मण्डल प्रदूषित होता है। दलदली जगह पर पदार्थो के सड़ने से मिथेन  गैस उत्पन्न होने से भी वायु पर्दूषण होता है कोहरा भी वायु पर्दूषण का कारण बनता है। 


रोजमर्रा की जिंदगी मे घरेलू प्रयोग लाई जाने वालो चीजे जैसे कि खाना बनाना पानी गर्म करना लकड़ी ,कन्डे ,कोयला ,गैस ,हीटर आदि के प्रयोग से निकलने वाली कार्बन -डाई-आक्साइड ,कार्बन -मोनो-आक्साइड ,और सल्फर -डाई-आक्साइड आदि गैस पैदा होती है जोकि हमारे वायु मण्डल को प्रदूषित करती है 


आज के समय मे सबसे ज्यादा सुविधाओं के चलते वाहनों की सबसे ज्यादा प्रगति हुई है वाहन की वजह से हम लम्बी दूरी को कम समय तय कर लेते है मगर तेजी से बढ़ते हुए वाहनों की वजह से आज हमारे पूरे वायु मण्डल मे प्रदूषण बहुत तेजगति के साथ फैल रहा है। 


आज के समय मे हमारे देश मे खेती किसानी से भी प्रदूषण फैल रहा है क्योकि आज लोग खेती मे कीटनाशक दवावों का जरूरत से ज्यादा इस्तमाल होने लगा है यह इस्तमाल खेती की बीमारियों को रोकने के लिये किया जाता है जिसकी वजह से प्रदूषण फैलता है 


हवा मे प्रदूषण होने से इसका सबसे बड़ा दुस्प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से हमें अस्थमा सिर दर्द कैंसर दमा पेट आदि बीमारिया हमारे शरीर मे घर बना चुकी है ेइन बीमारियों के कारण हर रोज सैकड़ो लोगो की मौत हो जाती है 


हमे आज जरूरत हे यह विचार करने की हम वायु मण्डल में फैल रहे प्रदूषण कैसे रोके हमे सबसे पहले तो पेड़ लगाने चाहिये जिससे वायु मण्डल में फैले प्रदूषण को कम किया जा सके और हमें अपने उद्योग धंधो को ऐसी जगह पर स्थापित करने चाहिये जो हमारी आबादी से दूर हो हमे अपने वाहनों का प्रयोग कम करना चाहिये हमे अपने आस -पास सफाई रखनी चाहिए अपने शहर को साफ रखना चाहिए।

 

हमे लोगो को जागरूक करना चाहिए जिससे लोग कोई भी काम करे तो उस समय वह उन सभी बातो का ध्यान रखे जिससे उद्योग लगने के बाद ज्यादा प्रदूषण ना फैले और हमारी वजह से लोगो को स्वास्थ को लेकर सफर ना करना पड़े। क्योकि सरकार के साथ -साथ हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को स्वस्थ रखे क्योकि जब हमारा देश स्वस्थ रहेगा तो हम स्वस्थ रहेंगे। 



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