जीवन में संगीत का अर्थ क्या है / what is the meaning of music in life
प्रस्तावना / Preface
हमारे जीवन में बहुत सी ऐसी चीजे होती है जो कही ना कही हमारे ऊपर प्रभाव डालती है हमे लगता है जो चीज हमे दिखाई नहीं देती ऐसी चीजे हमारे जीवन में बहुत कुछ करती है। उनमे से संगीत भी हमारी जिंदगी में एक विशेष अहमियत रखता है। जिस तरह से हमारे जीवन अन्य चीजों की उपलब्धि होती है उसी तरह संगीत भी हमारे लिये महत्वपूर्ण होता है। अगर सोचे तो संगीत प्राचीतम धरोहर है। जो हमेशा हमारे जीवन को मग्नमुग्ध करता रहा है और इसी लिये प्राचीनकाल से लेकर अब तक उसी तरह हमारे जीवन के लिये महत्वपूर्ण है।
what is the meaning of music in life |
संगीत का महत्व / importance of music
संगीत हमारे जीवन में ही नहीं बल्कि जीव -जन्तु ,पशु-पंक्षी भी इससे मग्नमुग्ध हो जाते है।प्राचीनकाल में जब ऋषि-मुनि अपने आश्रम में संगीत की शिक्षा देते थे तब जंगल के सभी जीव -जन्तु ,पशु-पंक्षीबड़े शांत मन से उस संगीत को सुनते थे और अपने आप में शुकुन महशूस करते थे। हमारी दुनिया में जो भी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है वह सभी संगीत से भरे हुए होते चाहे वह पेड़ -पौधे हो या फिर नदियाँ ,पहाड़ और चाहे बारिस कि बुँदे हो सब में संगीत होता है। संगीत सुबह कि पहली किरण से लेकर रात कि चांदनी तक संगीत ही संगीत होता है तभी तो हर चीज आकर्षण का केन्द्र बनती है जो एक मसुमियत कि तरह नजर आती है
प्राचीनकाल से राजा-महाराजा के दरबारों में भी संगीत का कार्यक्रम होते थे जिसे दरबार में बैठे कर लोग उसका आनन्द लेते थे और अपने आप को तृप्त करते थे शुकुन तो लोग आज भी महशुस करते है लेकिन आज संगीत कि भाषा और मर्यादा दोनों बदल चुकी है। संगीत की वजह से लोग अपना मनोरंजन भी करते थे और एक शुकुन भरा समय भी बिताते थे। लेकिन आज लोग मनोरंजन और शुकुन से ज्यादा पैसे की तरफ ज्यादा ध्यान देते है इसी लिये संगीत आज मग्नमुग्ध करने से ज्यादा व्यापार बन गया है। जबकि संगीत ऐसा आकर्षण है।जो प्राणी को अपनी तरफ खींचता है और अंग को फड़कने पर मजबूर कर देता है।
संगीत का हमारे जीवन में असर / effect of music in our life
संगीत हमारे जीवन में हमारी कार्य क्षमता को बढ़ाता है हम अपनी रोज-मर्रा कि जिन्दगी में कुछ ना कुछ काम करते है जिसकी वजह से लोग मानसिक रूप से कुछ ना कुछ परेशानी बनी रहती है लकिन जब आप धीमी आवाज में संगीत सुनते हुये अपना काम करते है। तब हमारी कार्य शैली बढ़ जाती है और काम को करने में खुशी महशुस होती है। संगीत का असर बीमार लोगो में भी बहुत अच्छा पड़ता है बहुत से जगह पर देखा गया है कि जो असर दवाईया नहीं कर पाती है वो संगीत का अहसास कर देता है। मानसिक रूप से प्रताणित और परेशान लोगो के अन्दर संगीत से बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है इसका यह मतलब है की संगीत दवा के रूप में काम करता है।
संगीत भी कई प्रकार का होता है। एक विशेष प्रकार का संगीत जो आप को अपनों की याद दिलाता है जिनके साथ आपका एक खास रिश्ता होता है क्योकि रिश्ते भी संगीत की तरह मीठे और मधुर होते है। जिस रिश्ते में कड़वाहट हो,स्वार्थ हो वो रिश्ते ,रिश्ते नहीं होते है। संगीत हमे भगवान से भी जोड़ता है क्योकि संगीत भगवान के बहुत करीब होता है इसी लिये भगवान से जुड़ने के लिये लोग संगीत का सहारा लेते है क्योकि संगीत कि धुन इंसान को एकाग्रता में ले जाता है और एकाग्रता ही हमे भगवान और प्रकृति से हमे जोड़ता है
संगीत हमारे बुजुर्गो को भी बहुत पसन्द होता है। जब एक इंसान बुजुर्ग हो जाता है तब वह ज्यादातर समय घर पर ही गुजरते इसलिये संगीत उनका सबसे ज्यादा प्रिय साधन हो जाता है और संगीत के जरिये वह लोग अपने आप को भगवान से जोड़ने कि कोशिश करते है। संगीत की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि आप कितने भि दुखी हो या फिर मानसिक रूप से परेशान हो। संगीत आपको अन्दर से सरल और शान्त बना देता है जिससे आप मानसिक रूप से पृश्न्य हो जाते है।
संगीत तनावमुक्त साधक होता है / music is a stress reliever
आज हम सब ज्यादातर मानसिक रूप से परेशान रहते है। क्योकि आज सबसे बड़ा कारण बेरोगारी ,गरीबी, सुख सुविधावो का आभाव् होने के कारण है क्योकि हम मूलभूत जिन्दगी से अलग भाग रहे है उन सब चीजों के पीछे भाग रहे जो जीवन में कुछ समय तक के लिये होती है। जो जिन्दगी की जरूरत हो सकती है। मगर जिंदगी का आधार कभी भी नहीं बन सकती है क्योकि जिन्दगी का आधार हमारी मूलभूत जरूरते ही होती है जैसे रोटी ,कपड़ा ,मकान ,पानी ,हवा ,आग ,पेड़-पौधे इत्यादि ही हमारी मूलभूत जरूरते होती है।
पहले के संगीत में और आज के संगीत में बहुत अन्तर आ गया है क्योकि हमारा देशी संगीत आज विदेशी हो गया है। ऐसा इस लिये कह रहा हूँ क्योकि जो हमारे देशी बाजा हुआँ करते थे आज वह सब विदेशी हो गये है इसलिये आज संगीत में वह अहसास नहीं होता जैसे पहले होता था। लोग आज पैसे के लिए संगीत को माध्यम बनाते है ना कि उसकी उपासना या साधना करने के लिए। संगीत सात सुरो का संगम नहीं बल्कि प्रेरणा है उन सब के लिए जो माँ सरस्वती कि आराधना करते है और संगीत को ऊर्जा कि तरह देखते है जिससे उनका जीवन मग्नमुग्ध हो जाता है
उपसंहार / Epilogue
जब हमारे देश में कही भी संगीत का कार्यक्रम होता था। जब वह संगीत कानो पर गूंजता था तब एक भारत वासी होने का अहसास होता था और ऐसा इसलिये होता था क्योकि वह संगीत हमारी पारम्परिक सभ्यता का हिस्सा है और उस संगीत को भव्य बनाने के लिये जिन यन्त्रो का प्रयोग हम करते थे वः भी देशी होते थे। उससे हमे जो अहसास होता है वह आज के कम्पूटरीकृत संगीत से नहीं होता है। आज के में दौर कोई भी कुछ भी गाने लगता है और उसे संगीत का नाम दे दिया जाता है क्योकि आज संगीत सिर्फ पैसे कमाने का साधन बन कर रह गया है शायद इसी लिए संगीत लोगो से दूर होता जा रहा है और जो लोग आज भी संगीत के उपासक है जिनके लिए संगीत आज भी एक प्रेरणा दायक है ऐसे लोगो को कोई नहीं पूछता है
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