परिश्रम का हमारे जीवन में महत्व और उसका प्रभाव / Importance of hard work in our life and its effect
प्रस्तावना / Preface
परिश्रम के बिना इस दुनिया में कुछ भी नहीं मिलता है। हमारे देश के लोगो का परिश्रम ही था। जिसकी वजह से हमे आजादी मिली थी। हम पर हमारी संस्कृति , सभ्यता , विरासत आदि पर हमेशा हमले हुये।लेकिन हम कभी टूटे नहीं हमने हमेशा परिश्रम किया। और अपनी धरोहर को बचाने का काम किया परिश्रम एक कुंजी है। अपने आपको साबित करने के लिये हम अपने जीवन में कुछ भी करे। लेकिन परिश्रम होना चाहिये।
हमारे देश के जवान जो हमारी सुरक्षा के लिये रत-दिन परिश्रम करते है। ताकि हमारा देश और देश वासी सुरक्षित रहे सके। हम लोगो को बचपन से ही परिश्रम करना सिखाया जाता है। जब हम स्कुल में अपना नाम लिखवाते है तो हमे पढ़ाई करने के लिये परिश्रम करना पड़ता है और यह हमरी जिंदगी को सफल बनाने के लिये यह हमारी पहली सीढ़ी होती है। जो लोग परिश्रम नहीं करते उनका जीवन गन्दगी में पड़े उस कचड़े के समान होता है। जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया में हर प्राणी को अपना पेट भरने के लिये परिश्रम करना पड़ता है।
परिश्रम दो प्रकार से होता है।एक शारीरिक रूप से और दूसरा मानशिक रूप से किया जाता है। शारीरिक परिश्रम मजदूर, लेबर , फैक्ट्री के छोटे कर्मचारी , बढ़ई , कारीगर आदि लोग करते है। हालांकि आज के समय में डॉक्टर , इंजीनियर , नेता , अभिनेता, कर्मचारी , लेखक , खेल, टीचर , आदि लोगो को मानसिक रूप के साथ शारीरिक परिश्रम भी करना पड़ता है। हमे कभी भी परिश्रम से भागना नहीं चाहिये क्योंकि परिश्रम से ही हमे जीवन का असली सुख प्राप्त होता है।
एक सफलता पूर्ण व्यक्ति ही आपको परिश्रम के बारे में ही बता सकता है क्योकि एक सफल व्यक्ति ही परिश्रम की परिभाषा को समझ सकता है। परिश्रम ही इंसान के जीवन का सबसे सफल प्रयास होता है। जो व्यक्ति एक सफल व्यक्ति की सफलता को जानने की कोशिश करता है वही व्यक्ति उस व्यक्ति के जरिये से अपने आपको सफल बनता है।
पैसे के पीछे भागने वाला इंसान / man running after money
पैसे के पीछे भागने वाला व्यक्ति जन्दगी भर भागता ही रहता है। उसके पास पैसा तो आता है लेकिन सफलता कभी नहीं मिलती है। पैसे के पीछे भागने वाले कभी परिश्रम का अर्थ नहीं समझते क्योंकि परिश्रम का अर्थ पैसा नहीं होता है परिश्रम का मतलब अपना और अपनों का विकास होता है। अपनों को परिश्रम के प्रति एक सही दिशा और सही मार्ग दिखाना होता है। परिश्रम का मतलब जिन्दगी को सही तरीके से जीना होता है।
पैसे से हमको सुविधाये मिलती है। मगर शुकुन भरी जिन्दगी कभी नहीं मिलती है क्योकि शुकुन हमे परिश्रम से ही मिलता है। हमारी दिनचर्या परिश्रम का आधार होता क्योंकि दिनचर्या से ही हमारा परिश्रम एक सही दिशा में बना रहता है। इसलिये पैसे के पीछे भागना बन्द करो और जीवन जीना शुरू करो क्योकि जीवन है तो पैसा बहुत आ जायेगा और अगर हम अपने जीवन को ही नहीं बचा पाए तो पैसे का क्या करेगें।
मन के मुताबिक काम करें / act on your mind
हमें हमेशा अपने मन के मुताबिक काम करना चाहिये क्योकि परिश्रम की सफलता तभी होंगी जब हम मन से काम करेंगे जिस काम में मन ना लगे उस काम को कभी ना करें क्योंकि ऐसे काम में हमेशा हमारा परिश्रम और समय दोनों बर्बाद होते है। हमारे मन में परिश्रम के प्रति अच्छे विचारो का स्रोत होना चाहिए जिससे हमारा मन अपने कर्तव्य पर लगा रहे।
इस कारण हम परेशान और चिड़चिड़े हो जाते है और जिस काम में हमारा मन लगेगा उस काम में हम खुद के अन्दर से ही परिश्रम करने की उम्मीद को पैदा कर पायेगे। जिस परिश्रम में आलस्य हो वहा परिश्रम कभी साकार नहीं होता है। परिश्रम को साकार करने के लिए हमारा मन और शरीर हमेशा तरोताजा और ऊर्जावान होना चाहिए जिससे हमारे अन्दर कार्य करने कि क्षमता बढ़ती रहें।
नाकामयाबी से उदास ना हो / don't be sad about failure
जब हम कोई काम करते है तब ये जरूरी नहीं की आप सफल ही हो जायेगे क्योंकि किसी भी काम को करने में बहुत सी चीजों लगती है और इस वजह से जब हम किसी एक चीज को समझने में नाकाम हो जाते है। तब हमे नाकामयाबी मिलती है। लेकिन अगर हम नाकाम हो जाते है।तो इसका यह मतलब यह नहीं है की हम कभी सफल नहीं होंगे।
जब हम एक सफल व्यक्ति को देखते है। इसका मतलब यह नहीं है की वह एक दम से ही सफल हो गया है। हम जिस व्यक्ति को सफल समझते है। उसने भी एक सफल इंसान बनने से पहले कई बार नाकामयाबी का सफर किया है और उसके बाद उसे सफलता मिली है। जैसे की बहुत से प्राइवेट कम्पनी रिलायंस , सहारा , पतंजलि और हमारे देश सबसे पुरानी कम्पनी टाटा ग्रुप जो लगभग १५० साल पुरानी कम्पनी है। जिसकी शुरुआत श्री जमशेद टाटा की थी। लेकिन ये कम्पनी भी परिश्रम करके और एक लम्बा सफर तय करके यहां तक पहुँची है।
हमारे देश में बहुत सरे राजनेता जो देश की राजनीती में भागिदारी देते है लेकिन कुछ नेता ही है जो एक लम्बा सफर तय करते है। जैसे की हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जिन्होंने एक लम्बा सफर तय किया है और जैसे प्रणव मुखर्जी , कल्याण सिंह , मनमोहन सिंह , अटल विहारी बाजपेई ,आदि बहुत से ऐसे नेता है। जिन्होंने एक लम्बा सफर तय किया तब जाकर वह लोग एक सफल राजनेता बन पाये है।
समय की बर्बादी / wastage of time
हमारे लिये सबसे ज्यादा कोई चीज मूल्यवान है। वह है समय जोकि एक बार निकल जाने के बाद दोबारा लोट के नहीं आता इसलिये इंसान को अपने समय के साथ चलना चाहिये। जो लोग समय के साथ नहीं चलता और उसकी कदर नहीं करता समय भी एक दिन उसकी कदर नहीं करता है इसलिए अपने अन्दर विश्वास पैदा करे और आगे बढ़े जिससे आप लोग समय के साथ चल सके और समाज में अपने आपको साबित कर सकें। जिससे लोग आपकी इज्जत कर सकेंगे।
परिश्रम करने के लाभ / benefits of hard work
परिश्रम करने से हमे धन , वैभव ,सुख -सम्बृद्धि मिलेगी और परिश्रम करने से लोग आपको मान-सम्मान देंगे। अगर आपके पास पैसा है। तो आप दुनिया की हर चीज को खरीद सकते है। परिश्रम करने से हम हमेशा व्यस्त रहते है। जिसकी वजह से हमारे अन्दर नकारात्मक बातें घर नहीं कर पाती और हम एक सकारात्मक क्रिया के साथ आप पूरी ईमानदारी से परिश्रम कर पाते है। परिश्रम करने वाला व्यक्ति सफलता के अवसर तलाश करता रहता है।
परिश्रम करने से हम शारीरिक और मानशिक रूप से स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है और अपने कार्य के प्रति अग्रसर रहता है। जो लोग परिश्रम नहीं करते वह लोग हमेशा आलस्य से भरे रहते है। परिश्रम ना करने से लोग अक्सर बीमार बने रहते है। ऐसे लोगो की सोच हमेशा नकारात्मक बनी रहती है। परिश्रम ना करने से शारीरिक आलस्य से ज्यादा मानशिक रूप से व्यक्ति परेशान रहते है। इसलिये इंसान को परिश्रम करते रहना चाहिए। ताकि लोग मानशिक रूप से परेशान ना रहे । परिश्रम इंसान को एक महान व्यक्तित्व वाला इंसान बनाता है।
इंसान का परिश्रम ना करने से क्या होगा / What will happen if people do not work hard
इंसान अगर परिश्रम नहीं करेगा तो वह हमेशा चिड़चडापन महशुस करता रहेगा और हमेशा घर परिवार वालो से उसके लड़ाई-झगड़े होते रहते है। वह हमेशा लोगो से दूर भगता रहता है क्योकि उसे लोगो से उलझन होती है। जो लोग परिश्रम नहीं करते वह लोग अक्सर एक दरिद्रा वाली जिन्दगी जीतें है। परिश्रम ना करने से समाज हमे स्वीकार नहीं करता और हमेशा उसका तिरस्कार करता रहता है।
परिश्रम ना करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है। वह हमेशा यह सोचता रहता है की कोई उसका यह काम कर दे और वह हमेशा अपनी किस्मत को कोसता रहता है। वह अक्सर दुसरो से उम्मीद लगाये रहता है ताकि कोई उसकी मदद कर दे। एक इंसान जो कभी कुछ ना करता हो। वह हमेशा खुद परेशान रहता है और दुसरो को भी परेशान करता रहता है।
उपसंहार / Epilogue
परिश्रम जीवन का आधार है परिश्रम करने से शरीर बलवान और ऊर्जावान होता है। जिससे शरीर स्वश्थ रहता है और मन में अच्छे विचारों का संचार होता है। परिश्रम व्यक्ति कि दशा और दिशा दोनों बदल देता है और उस परिवार कि हमेशा उन्नति होती है जिस परिवार में परिश्रम को कर्तव्य समझ के लोग कार्य करते है क्योकि परिश्रम हमें समाज में प्रतिष्ठावान बनाता है।
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें