सोमवार, 19 सितंबर 2022

जीवन एक संघर्ष है / Life is a challenge

 जीवन एक संघर्ष है / Life is a challenge


प्रस्तावना / Preface


जीवन क्यों इतना संघर्षपूर्ण होता है हमे हमेशा इस जीवन को जीने के लिए क्यों इतना संघर्ष करना पड़ता है। संघर्षपूर्ण जीवन सारांश होता है हमारे एक जीवन का जो हमे बतलाता है  की हमारा संघर्ष हर एक चीज से होता है चाहे वह हमारे जीवन की परिस्थितिया हो या फिर प्राकृतिक मार हो और हम खुद के लिए एक संघर्ष है। हमारी रोजमर्रा के जीवन में हमे अलग-अलग चीजों से संघर्ष करना पड़ता है। हमारे जीवन की सबसे बड़ी परछाई हमारा संघर्ष होता है  जिसके जीवन में संघर्ष नहीं उसका जीवन ही बेकार है  हमे ज्ञान प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। 


संघर्ष हमारे जन्म लेते ही हमसे जुड़ जाता है और मृत्यु आने की आखरी सांस तक साथ रहता है। जीवन का सबसे बड़ा आधार संघर्ष होता है। जो हमारे जीवन के सुख-दुःख हर समय में हमारे साथ होता है। जो व्यक्ति संघर्ष को जीवन का आधार मानता है वह व्यक्ति हमेशा एक कर्मठ और कर्तव्य परायण होता है। संघर्ष करके हम अपनी प्राकृतिक आपदा से लड़ते है संघर्ष के द्वारा हम अपनी सांस्कृतिक प्राकृतिक और परम्पराओ की रक्षा और सुरक्षा करते है क्योकि जब हम इनके लाइट संघर्ष करते है तब यह हमें प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराते है और सांस्कृतिक चीजें हमें जागरूक बनाती है परम्पराए हमें संघर्ष करने और जिम्मेदारिओं का अहसास कराती है। 


Life is a challenge




संघर्ष का अर्थ / meaning of struggle


जीवन के संघर्ष को जानने के लिए आपको अपनी असफलता को जानना होगा क्योकि जो व्यक्ति अपनी असफलताओ को समझता है और  उनसे सीख लेता है वही व्यक्ति जीवन में अपने संघर्ष से सफलता प्राप्त करता है। जो व्यक्ति अपने असफलता से निराश और परेशान हो जाता है वह व्यक्ति कभी भी आगे नहीं बढ़ पाता है और उसके द्वारा किया हुआ संघर्ष व्यर्थ चला जाता है। हमारे जीवन का संघर्ष कभी खत्म नहीं होता है। बिना संघर्ष के हम जीवित नहीं रहे सकते है और इस लिए हमे अपने जीवन की आख़री सांस तक संघर्ष करना पड़ता है 


संघर्ष का अर्थ जीवन को कर्म योगी बनाना होता है। जीवन का संघर्ष हमे कर्म पूर्ण बनाता है जब कोई व्यक्ति जीवन में संघर्ष करता है तब वह एक सामाजिक व्यक्ति कहलाता है संघर्षपूर्ण जीवन में हमे सामाजिक संघर्ष ,मानसिक संघर्ष,पारिवारिक संघर्ष,शारीरिक संघर्ष,सांस्कृतिक संघर्ष, पारम्परिक संघर्ष आदि संघर्षो से हमे जूझना और लड़ना पड़ता है। जीवन का संघर्ष हमे बल,बुद्धि प्रदान करता है। संघर्ष से हमे धन जीवन की सुख -सुविधाएं प्राप्त होती है। हमारे जीवन में संघर्ष हमे मानवतायुक्त व्यक्ति बनाता है जिससे हमारे अन्दर अपने समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा प्राप्त होती है। 


बहुत से लोग सोचते होंगे हमारे जीवन में इतना संघर्ष क्यों होता है जीवन तो मौज-मस्ती और सुख मय जीवन जीने के लिए होता है  लेकिन ऐसा सोचने वाले लोग यह भूल जाते है की बिना संघर्ष के कुछ भी नहीं मिलता है। आलस्य से भरे हुए लोगो को संघर्ष जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन नजर आता है। भगवान कृष्ण ने कहा है जो लोग जीवन में संघर्ष नहीं करते ऐसे लोगो का जीवन मरे हुए मुर्दे से भी बत्तर होता है क्योंकि वह मुर्दा भी अपने अस्तित्व को प्राप्त कर लेता है। इस लिए संघर्ष को समस्या नहीं बल्कि एक चुनौती समझो और अपना कर्म करो।


प्राकृतिक संघर्ष / natural conflict


पृथ्वी के प्राणी जाति का प्राकृतिक संघर्ष अधिक होता है क्योकि प्रकृति हमे वह सब कुछ प्रदान करती है जिनके बिना हम जीवित नहीं रहे सकते है जीवन का संघर्ष हमारी रोजमर्रा की जरूरतों से शुरू होता है। सबसे पहले पानी जो हमे प्राकृतिक देन है जिसके बिना हम जीवित नहीं रहे सकते है। जो रोजमर्रा की सबसे बड़ी जरूरत है जिसकी आज दुनिया में बहुत कमी हो रही है हमारे देश बहुत सी ऐसी जगह है जहां लोगो को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। जो बड़े संघर्ष के बाद प्राप्त होता है इस लिए पानी बचाये क्योकि पानी की बचत करना भी एक संघर्ष है। 


प्रकृति हमे जीने के लिए अनाज देती है लेकिन उसके लिए भी हमे बहुत संघर्ष करना पड़ता है हमे खेती करने पर अनाज,फल-फूल.सब्जियां आदि चीजें प्राप्त होती है जिनसे हमारा भरण-पोषण होता है और हमारे जीव -जन्तुओ का भी पेट भरता है प्राकृतिक चीजे हमारी जरूरत है और उन्हें प्राप्त करने के लिए हमे संघर्ष करना ही पड़ता है। संघर्ष करने के उपरान्त प्रकृति हमें भोजन ,पानी ,पत्थर ,बालू ,लकड़ी, औषधिया ,वस्त्र ,धातु ,तरल पदार्थ आदि चीजें प्रदान करती है जो हमारे जीवन के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होती है। 


मानसिक संघर्ष / mental conflict


जब हम किसी काम को करना चाहते है तो सबसे पहले हमे मानसिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है क्योकि हमे उस काम की योजना बनानी पड़ती है और उस वजह से हमे मानसिक संघर्ष करना पड़ता है हमे सोचना पड़ता है की हमारी योजना सही है या गलत जब हम इस योजना पर काम करेंगे तो हम अपनी योजना को सही प्रारूप दे पायेगे या नहीं हम योजना को लेकर मानसिक रूप से संघर्ष करते रहते है की हम योजना को उसके सिखर तक पहुंचा पाएंगे या नहीं पहुंचा पाएंगे। जिस भी किसी चीज के लिए दिमागी तौर पर हम मेहनत करते है उसे मानसिक संघर्ष कहते है। 


मानसिक संघर्ष के लिए हमें मानसिक रूप से स्वष्थ रहना चाहिए क्योंकि अगर हम मानसिक रूप से स्वष्थ नहीं रहे पाते तो हम मानसिक संघर्ष नहीं कर पाएंगे इस लिए हमे योगा ,ध्यान ,साधना और भगवान की आराधना करनी चाहिए ताकि हम मानसिक संघर्ष के लिए मजबूत बन सकें ताकि हम अपने और अपनों के विकास के लिए संघर्ष करें। आपके जीवन के लिए मानसिक संघर्ष आपको सकारात्मक बनाता है और नकारात्मकता को दूर रखता है जो हमें अंदरूनी रूप से मजबूत बनाता है। 


शारीरिक संघर्ष / physical struggle


जीवन में हे समय शारीरिक संघर्ष करते रहते है। कभी व्यायाम के रूप में तो कभी खेल-कूद,घरेलू काम,व्यक्तिगत काम, आदि चीजों में संघर्ष जुड़ा होता है। और सबसे बड़ा संघर्ष हम पैसे कमाने के लिए करते है किसी भी चीज को करने के लिए हमे शारीरिक मेहनत करनी पड़ती है। जैसे अगर हमे पानी पीना है तो हमे उसे लेने और पीने के लिए संघर्ष करना पड़ता है भगवान कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की जब हम श्वाश लेते है। उसमे भी शारीरिक संघर्ष छिपा होता है और पृथ्वी के हर प्राणी जाति को हर जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। जैसे एक चिड़िया बच्चो को जन्म देने के लिए घोंसला बनाती है उसके लिए वह तिनका-तिनका इकट्ठा करती है। जिससे वह एक घोंसला को तैयार करती है इसमें उसकी शारीरिक श्रम होता है। शरीरिक मेहनत से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है जिससे अगले दिन के संघर्ष के लिए हमे ऊर्जा प्राप्त होती है। 


पृथ्वी पर रहने वाले मानव और अन्य प्राणी जाति बहुत अच्छे से जानते है हमारे लिए शारीरिक संघर्ष कितना जरूरी और कितना उपयोगी होता है। और इसी कारण एक मकड़ी जाल बनाते समय बार-बार नीचे गिरती है मगर वह निरन्तर अपना श्रम करती रहती है क्योंकि वह जानती है की श्रम करने से उसका शरीर स्वष्थ और मजबूत रहेगा जिससे वह अपने जीवन का संघर्ष करती रहेंगी। आज लोगो में बीमारियां तेजी से अपना संचार कर रही है और उसका सबसे बड़ा कारण यह है की हम आज शारीरिक संघर्ष से दूर भागते है जिस वजह से हम कमजोर हो रहे है। इस लिए हमें शारीरिक संघर्ष करते रहना चाहिए ताकि हम मजबूत बन सकें। 


पारिवारिक संघर्ष / family conflict


जब दो व्यक्ति आपस में शादी करते है तब एक रिश्ता बनता है और जब बच्चे होते है  तब एक परिवार बनता है  और उस परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। अपने परिवार को सामाजिक स्तर प्रदान करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।  पारिवारिक गतिविधियों के कारण हमें अपने रिस्तेदारो और समाज दोनों से संघर्ष करना पड़ता है।हमें हर रोज अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए संघर्ष करते है ताकि हम अपने परिवार उच्य कोटि की शिक्षा प्रदान कर सकें और उन्हें अच्छी से अच्छी सुख-सुविधा दे सकें। जिससे हमारे बच्चे बड़े हो कर दुनिया में एक मुकाम हासिल कर सके। ताकि हमारा परिवार समाज में एक प्रतिष्ठित परिवार बन सके। 


पारिवारिक संघर्ष शारीरिक और सामाजिक दोनों से कठिन होता है। हमें इसमें सबसे ज्यादा मानसिक संघर्ष करना पड़ता है। क्योंकि हमारे लिए परिवार की अहमियत ज्यादा होती है  क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर लोग एक साथ रहते है  सब की अपनी सोच होती है। इस लिए सबको साथ लेकर चलना बहुत कठिन होता है उसके साथ सामाजिक स्तर का ध्यान रखना पड़ता है। हमे अपने परिवार का बहुत सरल तरीके से ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि रिश्ते बड़े नाजुक होते है इसी लिए हमे पारिवारिक संघर्ष को पूर्ण बनाने के लिए हमे मानसिक संघर्ष पर भी जोर देना पड़ता है। 


सामाजिक संघर्ष / social conflict


सामाजिक संघर्ष व्यक्ति को पुरे जीवन करना पड़ता है क्योकि आपका सामाजिक स्तर कमजोर हो गया तो आपका समाज में रहना मुश्किल हो जाता है। समाज ही आपको प्रतिष्ठावान बनाता है और समाज ही आप को गुनहगार बनाता है बिना समाज के आप रहे भी नहीं सकते है समाज जो हमे धर्म और अपनी परम्पराओ को निभाने की सीख देता है। समाज हमारे अन्दर एकजुटता लाता है।  समाज हमारे संघर्ष को देख कर हमारे उददेशो को पूरा करने में हमारी मदद करता है। सामाजिक संघर्ष आपको अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार बनाता है। ताकि आप अपने परिवार का ध्यान और ख्याल रखे। जिससे आपके परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि हो। 


सांस्कृतिक संघर्ष / cultural conflict


हजारों सालों से हमारी संस्कृति पर आघात होता आया है और इसे बचाने के लिए लोग निरंतर संघर्ष करते रहे है जिसके लिए लाखों लोगो ने अपनी कुर्बानी दी है। मगर अपनी संस्कृति को मिटने नहीं दिया संस्कृति के बिना जीना व्यक्ति के लिए सम्भव नहीं होता है  क्योंकि हमारी पहचान हमारी संस्कृति से है। अपनी परम्पराओ को जिन्दा रखना और उनके साथ चलना बहुत बड़ा संघर्ष होता है। हमारी संस्कृति एक प्राचीनतम संस्कृति है। जो हमें मानवता का पाठ पढ़ाती है। जिसे हमारे ऋषि-मुनियों ने बड़े संघर्ष से प्राप्त किया था  और आम जनमानस को दिया जिससे लोगो के अन्दर मानवता का संचार हो सके और लोग अपनी संस्कृति के साथ एक सही दिशा में अग्रसर रहे सकें और अनंत काल तक हमारी संस्कृति को लेकर चल सकें क्योंकि संस्कृति हमे जीवन में संघर्ष करना और सभ्यताओं के साथ जीना सिखाती है। 


दृष्टिकोण संघर्ष / attitude conflict 


दृष्टिकोण भी एक संघर्ष होता है जो लोगों के अन्दर अच्छाई और बुराई को प्रकट करता है। जैसे हर एक व्यक्ति कोई ना कोई सम्भवना तलाश करता है। अपने संघर्ष को करने के लिए लेकिन वह कईं सम्भावनाओ में फस जाता है। तब वह अपने दृष्टिकोण का इस्तमाल करता है और उसमे से एक संभावना को प्रकट कर उसमें काम करने के लिए अपना दृष्टिकोण तैयार करता है और उस पर काम करता है। दृष्टिकोण संघर्ष हमे किसी भी चीज में पहचान करने के लिए करना पड़ता है। 


हमारा देखने का नजरिया यह बताता है की हमारी सोच कैसी है और एक तस्वीर तैयार होती है जो हमारे दृष्टिकोण को दर्शाती है हमारा दृष्टिकोण हमारी सोच को प्रदर्शित करती है क्योकि हमारी दृष्टिकोण से हमारी सोच बनती है हमारे मन में हर तरह का दृष्टिकोण होता है। जो हमारे मस्तिष्क को संचालित करता है जिससे हम अपने कार्य करने की क्षमता को बढ़ाते है। दृष्टिकोण संघर्ष एक सघन संघर्ष जिससे हमारा पथ प्रदर्शित होता है जो सही और गलत की पहचान कराता है।   


उपसंहार / Epilogue


जीवन का संघर्ष हमारी जिन्दगी की परछाई होती है। जो जीवन भर आप के साथ रहती है जिससे हमारे कर्म निर्धारित होता है जो हमारे जीवन का आधार होता है। संघर्ष हमारे जीवन में हमारी मनोवृति को दर्शाता है। जो हमारे सामाजिक संघर्ष को बताता है। पारम्परिक संघर्ष हमारे आचरण को बतलाता है। जीवन का संघर्ष सांस्कृतिक संघर्ष के जरिये से हमारी दृश्टिकोण को दिखती है जिससे हम पारिवारिक संघर्ष पूरा कर पाते है। जीवन में प्राकृतिक संघर्ष को अंजाम देना सबसे ज्यादा कठिन होता है। जो हमें पलने और पोषने का कार्य करती है। प्रकृति हमें मूलभूत जरूरत की वस्तुए प्रदान करती है। पृथ्वी के मानव और अन्य प्राणी जाति के लिए संघर्ष मूल आधार होता है क्योकि संघर्ष आपका भाग्य तय करता है। जो आपके कर्मो से तय होते है। जीवन का संघर्ष आपको कर्मठ ,बलिष्ट और सिद्धांत वादि बनाता है यह हमें हर चीज के प्रति जिम्मेदार बनाता है। कुल मिला कर संघर्ष है तो जीवन है। 



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