परिभाषित शब्दावली का महत्व / Importance of Defined Vocabulary
प्रस्तावना / Preface
शब्दों के भण्डार को शब्दावली कहते है। शब्द जो किसी भी चीज के बारे में विस्तृत जानकारी देते है उसे परिभाषित करते है उसे शब्दावली कहते है पृथ्वी पर जब मानव का जन्म हुआ। तब भगवान ने चार वेदो को भी जन्म दिया ताकि मानव शिक्षा प्रदान की जा सकें उन्हें ज्ञान-ध्यान और भगवान के द्वारा रचित इस श्रष्टि का रहस्य समझाया जा सकें। मानव के जीवन में शब्दकोश का बहुत महत्व है क्योंकि शब्द हमे जीवन का सच और उसके महत्व को बताते है। शब्द हमें प्रकृति के रहस्यों को समझते है शब्द लोगों के मन में आस्था और परम्पराओं का संचार करते है। शब्दकोश मानव के उत्थान और उसके मुक्ति के मार्ग को दर्शाते है। शब्दावली किसी एक को प्रदर्शित नहीं करती बल्कि हर एक चीज को समझाने का प्रयास करती है शब्दकोश हमें अच्छे और बुरे की पहचान करवाते है हमारे समाज के लिए पथ प्रदर्शित करते है। हमें मानवता का पाठ पढ़ाते है जीवन काल के हर उस चक्र को समझाते है जो मानव के जीवन की सत्यता को दर्शाते है। जो हमारे जीवन का सत्य से परिचय करवाते है।
हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रीय भाषा है हिंदी भाषा हमारे साहित्य से अतिरिक्त यह भाषा हमारी न्याय व्यवस्था ,विज्ञानं ,सामाजिक ,आम जनमानस आदि में प्रयोग होती है। यह भाषा अनुवाद और रोजगार के लिहाज से साधारण भाषा बन गयी है। जिसे हम हिंदी भाषा कहते है वह देवनागरी भाषा की एक स्वरूप है जो आज हमारी कामकाजी एवं लोगों की भाषा बन चुकी है जो आज हिंदुस्तान की पहचान बन गयी है हिंदी भाषा का प्रयोग हमारी रोजमर्रा के जीवन और हमारे कार्यो में किया जाता है
Importance of Defined Vocabulary |
शब्दावली का अर्थ / meaning of vocabulary
शब्दावली कोई एक चीज नहीं है शब्दावली जीवन का आधार है जो हमे जीवन के रहस्यों को समझाने का प्रयास करती है।इसी लिए हमें बचपन से ही शिक्षा दिलाई जाती है ताकि जब हम बड़े हो तब तक हम जीवनके रहस्यों को समझ ले जो हमारे जीवन का पथ प्रदर्शित करते है।शब्द एक खोज है किसी भी चीज को परिभाषित करने के लिए और उसको जानने के लिए या फिर किसी चीज को बताने के लिए जो हमें अनुभूति का भेद कराता है शब्दावली का अर्थ है किसी भी चीज में होने वाली गतिविधियों को दर्शाने वाली जो हमें हर एक चीज को शब्दों के जरिये से दिखती है। शब्दकोश एक ऐसा भण्डार है जिसका कोई अंत नहीं है जो एक शब्द में ही लाखों शब्दों का उद्ग्म करता है और हमें बताता है की मेरे शब्दों की कोई सीमा नहीं है परिभाषित शब्द लक्ष्ण और व्यंजन में नहीं होते बल्कि ये सारे शब्द व्यक्ति विशेष की साधारण भाषा से जुड़े होते है।
शब्दार्थ जीवन का भाव प्रकट करते है जो हमें बताते है की शब्द ही होते है जो हमें मान सम्मान की अनिभूति कराते है और शब्द ही है जो हमें अपमान का बोध कराते है। शब्दों से ही हमारा सामाजिक स्तर बढ़ता है और शब्दों के कारण समाज में हमारा तिरस्कार होता है। जीवन शब्दकोश में उलझा होता है जिसे परिभाषित करना हर किसी के बस की बात नहीं है। जिन्दगी का आधार हमने शब्दों से ही सीखा है जो हमें बतलाते है। जीवन का अर्थ क्या होता है जीवन एक परिकल्पना है। जो हर किसी के साथ आधारित होती है जिसका निवारण शब्दकोश में होता है मगर हर कोई उसे ढूढ सकें ये आज के हर व्यक्ति के बस की बात नहीं है क्योंकि शब्दों का एक अर्थ होता है जो हर किसी के समझ से बाहर है और ऐसा इस लिए है क्योकि आज लोगों वो गंभीरता नहीं है और ना ही उतनी सहनशक्ति है जिससे वह भाव व्यक्ति के अन्दर प्रकट हो सकें।
हमारे जीवन का संदेश धब्दों से ही व्यक्त होता है जिससे हमारे जीवन को एक आधार प्रदान करता है। जिससे हमें अपने जीवन को कर्म योग्य करने की दिशा दिखाई देती है। जो हमारे जीवन को कर्तव्य परायण बनाता है। वह शब्द ही थे जिनसे राम भगवान राम बनते है और रावण की भाषा उसे एक राक्षस बनाती है क्योंकि भगवान राम के शब्द सरल और स्वभाविक थे और रावण के शब्द रावण को अहंकारी और घमण्डी बनाते है। तो हमें हमारे शब्द बताते है की हम अहंकारी है या फिर सरल स्वभाव वाले है। ये आचरण हमें हमारा समाज और हमारे लोग बताते है कहते है शब्दकोश में मोती भी होते है और पत्थर भी शब्दों में जो मोती होते है उससे तुलसीदास ,मीराबाई ,कबीरदास ,बाजीराव ,रानी लक्ष्मी बाई ,भगत सिंह ,राजगुरु ,मंगल पांडेय आदि जैसे लोग बनते है जो अपने देश एयर समाज के लिए जीते है और मरते है। शब्द में जो पत्थर होते है। उससे सिर्फ राक्षस बनते है और अपने ही देश और समाज के साथ गद्दारी करते है।
परिभाषित शब्दकोश का महत्व / Importance of Defining Dictionary
शब्द जो हर चीज को परिभाषित करता है जो हमें हर भाषा और हर प्रकार की चीजों का मतलब समझता है। जैसे हम किसी चीज के बारे में जानने के लिए उसके ऊपर की हुई परिभाषा को पढ़ना पड़ता है जिससे हम जान पाते है की वह व्यक्ति या वह चीज कैसे थे। जैसे कृष्ण शब्द एक है मगर जब हम कृष्ण के बारे में जानना चाहेंगे की कृष्ण भगवान कृष्ण कैसे बने। तब हमें उनके बारे में जानने के लिए उनके ऊपर की हुई परिभाषा को हमें पड़ना पड़ेगा तभी हम जान पाएंगे की भगवान कृष्ण कैसे है। जब हम शब्द की व्याख्या करते है तब वह शब्द परिभाषित कहलाता है। हमारे जीवन में शब्द हर चीज को परिभाषित करते है। कैसे एक शब्द अपने अन्दर लाखों शब्दों छुपा कर रखता है। जिसे परिभाषित करने पर एक कहानी,रचना या फिर एक ग्रंथ बना देता है। जो हमारे जीवन में एक आधार बन जाता है।
शब्दकोश एक परिभाषा का रूप होता है जो प्रदर्शित करता है की आपके जीवन जो भी घटित होता है चाहे हमारे त्यौहार हो या हमारी परम्पराये हो संस्कृति या फिर सभ्यता हो हर चीज को शब्द अपने शब्दकोश के जरिये प्रदर्शित करते है तभी हम हर चीज के बारे में जान पाते है और उनको निभा पाते है। हमारी पृथ्वी में जो प्रकृति ने हमें प्रदान किया है उन सभी को शब्द के द्वारा परिभाषित किया गया है। जिसके कारण हम जान पाते है हमारे जीवन में पानी का हवा का पेड़-पौधे और नदियों का महत्व क्या है हमारे लिए अनाज और फल-फूल या फिर सब्जियों का क्या महत्व अगर शब्द ना होते तो हम कभी भी किसी चीज की व्याख्या नहीं कर पाते। हम कभी भी जान नहीं पाते की हमारे लिए कौन सी चीज कितनी कीमती है और ना ही यह जान पाते की कोई चीज हमें प्रकृति ने कैसे प्रदान की है।
जब हम किसी चीज की कल्पना करते है और उसे एक परिभाषा का रूप देते है तब वह शब्दों का भंडार कहलाता है और जब उसे हम एक किताब का रूप देते है तब वह समाज और देश के लिए एक संस्कृति या सभ्यता का रूप लेती है या फिर वह हमारा जीवन को बदलने में सहायक बनती है परिभाषित शब्द किसी ना किसी व्यवहारिक क्षेत्र,समाज अथवा विज्ञानं शाखा और अनुसंधानों से जुड़े होते है। हम परिभाषित शब्द समूह को एक परिभाषित शब्दावली या फिर तकनीकी शब्दावली कहा जा सकता है जो हमारे कार्यालय ,बैंको ,संस्थान ,कम्पनी आदि के आधार पर जिस व्यवहार और आचरण का प्रयोग होता है उसे परिभाषित शब्दावली कहते है।
संचार संबन्धी परिभाषित शब्द / definition of communication
संचार संबन्धी परिभाषित शब्द का अर्थ है किसी भी सुचना या जानकारी को लोगो तक पहुंचना होता है और यह अंग्रेजी भाषा में की हुई बात-चीत को हिन्दी में उसका रूपान्तर करते है किसी एक व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति से बात-चीत करवाना या फिर एक व्यक्ति के कई व्यक्तियों से बात-चीत करवाना संचार का काम होता है।संचार के द्वारा चिहनों संकेतो की सुचना और जानकारी ज्ञान के अनुभाव और मनोभाव का आदान -प्रदान संचार कहलाता है। जब हम किसी के भावों को और विचारो को किसी दूसरे के पास पहुंचाते है तब यह व्यक्तिगत नहीं सार्वजनिक होती है जैसे जब हम किसी कम्पनी के संचार विभाग में फोन कर बात-चीत करते है। वह बात-चीत सार्वजनिक कहलाती है।
आज संचार का माध्यम बहुत तेज हो गया है। आज दूर -दूर की बात-चीत तुरन्त लोगो तक पहुंच जाती है क्योकि आज जनसंचार का समय है। जो की एक सुचना हजारों लाखो लोगों तक एक साथ पहुंच जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण आज का जनसंचार है जो दुनिया के हर व्यक्ति को एक -दूसरे से जोड़ता है। आज के जनसंचार का उद्देश्य जनकल्याण ,मनोरंजन ,जागरूकता, शिक्षा, संस्कृति ,सभ्यता और परम्पराये आदि को जनमानस तक पहुंचना होता है। गाँव-गाँव की कल्पना का आधार आज का विकास जनसंचार तंत्र से हुआ है। आज हमारे जीवन में इसे संचार सुचना-क्रान्ति (communication information revolution) के नाम से जाना जाता है संचार सुचना क्रान्ति के द्वारा हमसे हजारों मील दूर बैठे लोगों तक समाज या किसी समूह तक अपनी बात को सफलता पूर्वक पहुंचा सकते है।
शिक्षा और सभाएं संबंधित परिभाषित शब्दावली / Defined Glossary related to Education and Meetings /
हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व होता है क्योकि शिक्षा हमें विकशित इंसान बनाती है शिक्षा हमे उचाईयो तक पहुँचाती है शिक्षा से हम पूरी जिंदगी सीखते रहते है।जीवन में लोगो की शिक्षा निरन्तर होती रहती है जीवन में व्यापार हो,नौकरी या फिर ज्ञान-ध्यान ,इंसानियत हो हर चीज के लिए शिक्षा सर्वपरिय होती है। आज शिक्षा का स्तर बदल रहा है एक नये ढ़ग की शिक्षा ने जन्म लिया है जिसे हम डिजिटल शिक्षा कहते है जो आज डिजिटल ब्लैकबोर्ड ,कम्प्यूटर ,लैपटॉप, मोबाइल और पेन्सिल के द्वारा होती है जो आज के लिए अत्याधुनिक है। डिजिटल शिक्षा से नये युग की शुरुआत हो सकती है मगर उसका प्रारूप नहीं बदल सकता है जो हमें हमारे प्राचीनतम ऋषि -मुनियो से मिला वह ज्ञान आज परिभाषित नहीं किया जा सकता है क्योकि आज परिभाषित शब्दावली के शब्दों में बहुत अन्तर हो गया है। लेकिन हम जो अविष्कार कर रहे है वह सब हमे हमारे पूर्वजो से ही मिला है
जब कोई व्यक्ति जनसभा करता है या कोई सम्मेलन करता है तब वहां पर वह व्यक्ति लोंगो को सम्बोधित करता है तब वह व्यक्ति शब्दावली को परिभाषित करता है। अपनी प्रेरणा के रूप में या फिर अपने विचारो के रूप में उसका अभिभाषण एक विचार होता है समाज के कल्याण के लिए और लोगो की विकास क्षेत्र के लिए समाज कल्याण के लिए हमारे देश में बहुत से संगठन है जो लोगो की भलाई के लिए कार्य करते है। समाज को जागृत करने के लिए ऐसे संगठन सभा और सम्मेलनो का आयोजन करते है और अपने विचारों को शब्दावली के जरिये से परिभाषित करते है। हम अपने समाज को विकशित बनाने के लिए कार्य करते है। संगठन लोगो के लिए न्याय और अभिव्यक्ति की आजादी की बात करता है जनतंत्रपणाली को बनाये रखने के लिए जनमत का स्थान अहमियत रखता है। जनमत से ही शासन व्यवस्था और समाज में स्थिरता बनी रहती है।
प्रकृति संबंधित परिभाषित शब्दावली / Defined Terminology Nature Related /
प्रकृति को शब्दों में परिभाषित करना हमारे लिए बहुत आसान नहीं है।यह एक अकल्पनीय है लेकिन प्रकृति ने हमारी जरूरत के लिए जो भी दिया है उसे हम शब्दावली से परिभाषित कर सकते है एक व्यक्ति के और अन्य प्राणी जाति जीवन को बनाये रखने के लिए प्रकृति ने हमें हवा ,पानी और अन्न दिया जिससे हमारा जीवन चलता है विचारों के आधार पर प्रकृति ने जीवन को बनाये रखने के लिए संघर्ष दिया ताकि एक मानव और अन्य प्राणी जाति अपना श्रम करे और अपने कर्मो को पूरा करें। लेकिन आज हमने अपने विकास के कारण प्रकृति की दी हुई चीजों को बर्बाद कर रहे है। आज हमारी नदिया ,वायु और जंगल सब प्रदूषण का शिकार हो चुके है जिस वजह से आज पुरे विश्व में बीमारिया फ़ैल रही है बहुत सी प्राणी जाति विलुप्त हो चुकी है जिसे परिभाषित कर पाना बहुत मुश्किल है। जो हमारे जीवन काल के लिए चुनौती बन चूका है।
प्रकृति की दी हुई चीजों को अगर हमने सही नहीं रखा तो एक दिन आएगा जब पृथ्वी पर ना तो पानी होगा और ना ही सांस लेने के लिए हवा होंगी ना जंगल होंगे जहां अन्य प्राणी जाति रह सकेगी इस लिए हमें अपने आपको जगाने की जरूरत है जिससे हम प्रकृति की दी हुई चीजों का संरक्षण करे और अपने जीवन को सुरक्षित बनाये। जिसके लिए हमें लोगों को जागृत करना होगा। लोगो को यह समझना होगा की प्रकृति और प्रकृति के द्वारा दी हुई चीजे हमारे लिए कितनी उपयोगी है। शब्दावली के आधार पर हमें जीवन में नैतिक और अनैतिक दोनों को ध्यान में रख कर काम करना होगा लोगो को संदेश देना होगा जिससे लोग समझें की प्रकृति हमारे लिए क्यों इतनी जरूरी है। इसके लिए हमें अपने आपको कर्मठ बनाना होगा जिससे हम प्रकृति का स्वरूप उसे वापस दे पाए।हम शब्दावली से यह परिभाषित कर सकते है की प्रकृति हमारे लिए किस प्रकार से आवश्यकता पूर्ण है
उपसंहार / Epilogue /
अक्षरों से वर्णमाला तैयार होती है और उस वर्णमाला से शब्द जिससे हम शब्दावली तैयार करते है जो दुनिया की हर एक चीज को परिभाषित कर देती है। अगर दुनिया शब्द ना होते तो हम कभी भी किसी चीज के बारे में जान नहीं पाते यहां तक की हम अपने आपको नहीं जान पाते की हमारा अस्तित्व क्या है इस लिए शब्दावली आधार है हर उस चीज का जिससे हम किसी भी चीज के बारे में परिभाषित कर उसे प्रमाणिक कर सकते है की यह चीज है ऐसा हुआ था जीवन के इस चक्र में बहुत कुछ घटित होता है जिसमे से कुछ बीत जाता है और कुछ होने वाला होता है और यह सब प्रमाणित होता है शब्दावली से क्योकि शब्दावली ही एक ऐसी चीज है। जो किसी भी चीज को परिभाषित करती है
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