घड़ी का महत्व / importance of clock
प्रस्तावना / Preface
घडी जो सबको पल-पल का समय बताये उसे घडी कहते है जिसे लगभग सभी लोग अपनी कलाई में बांध कर रखते है और अपने घरो में दीवार पर लगा कर रखते है लेकिन प्राचीनकाल में ऐसा कोई यंत्र नहीं होता था इस लिए लोग सूरज की रौशनी और पानी के जरिये से लोग समय को देखा करते थे मगर इसमें सबसे बड़ी दिक्क्त यह थी जब बदल होते थे या फिर बारिश होती थी तब समय को देख पाना बहुत मुश्किल होता था इस लिए लोग एक स्थाई विकल्प चाहते थे। समय को देखने के लिए लोगो ने काँच के वॉल जो की बल्ब की तरह होते थे जिसमे रेत भर कर पतले हिस्सों से जोड़ दिया जाता था जब उसमे एक बल्ब से रेत दूसरे बल्ब पर रेत गिरती थी उससे लोग समय का अंदाजा लगाते थे। यूनान में पानी से अलार्म घडी का अविष्कार हुआ जो समय के साथ अलार्म भी बजाती थी जो लगभग सवा दो हजार साल पहले हुआ था जिसमे पानी गिरने के साथ तय समय पर अलार्म बजता था। घडी का अविष्कार करीब एक हजार पहले हुआ था। घडी का अविष्कार होने के बाद लोगो को समय जानने में दिक़्क़त नहीं होती थी। आज हमारे पास तरह-तरह की घडिया उपलब्ध है जिन्हे हम अपनी कलाई में पहन सकते है लेकिन सबसे पहले हाथ घडी का अविष्कार फ़्रांस के गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने बनाई थी।
importance of clock |
घडी का अर्थ / meaning of clock
घडी का अर्थ होता है समय जिसके कारण हम अपने काम को सही समय पर कर पाते है क्योकि घडी हमे पल-पल का समय बताती है और समय की अहमियत को समझती है। घडी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि घडी की वजह से हम अपने जीवन काल को भी समझ पाते है। आज की घडिया बहुत एडवांस और स्मार्ट है। आज की घडिया हमे समय के साथ-साथ एडवांस फीचर्स भी उपलब्ध करवाती है जिससे हम कम्प्यूटर और मोबाइल के फीचर्स का भी आनन्द ले सकतें है क्योकि आज के दौर पर बहुत सी एडवांस घडिया है जो हमें बहुत सी चीजों में मदद करती है जैसे पैदल चलते समय हमारे कदमो को गिनना ,मोबाइल पर आती कॉल के बारे में बताना ,मौसम की जानकारी बताना ,जल प्रतिरोधक ,मैसेज को पढ़ना आदि और भी फीचर्स होते है।
घडी का महत्व / importance of clock
व्यक्ति को हर चीज के लिए समय की जरूरत पड़ती है जिसके लिए घडी का अविष्कार किया गया पहला अविष्कार सूरज की रौशनी से समय देख कर लोग अपना काम करते थे लेकिन इसमें बादलो की वजह से समय को देख पाना बड़ा मुश्किल था फिर यूनान में पानी से चलने वाली घडी बनाई गयी जो समय के साथ अलार्म भी देती थी। लोग समय देखने के लिए दो बल्बों में रेत भर कर उन्हें जोड़ दिया जाता था और जब एक बल्ब से रेत दूसरे बल्ब पर जाती थी उससे लोग समय का अंदाजा लगाया जाता था। तकरीबन एक हजार साल पहले घडी का अविष्कार किया गया जो घण्टा घरो में लगाई जाती थी और फिर कलाई में बांधने वाली घड़ी बनाई गयी जिसे फ़्रांस के गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने बनाई थी। समय को महसूस करने के लिए दूरी की आवश्यकता होती है अगर किसी चीज में दूरी ना हो तो समय का कोई महत्व नहीं होता क्योकि जब हम किसी चीज का इंतजार करते है उसी को समय कहते है जैसे ग्रहो की दूरी ही हमे उनके एक-दूसरे के चककर लगाने का समय बताती है।
घड़ियों के प्रकार / types of watches
घडी का जब अविष्कार हुआ तब घडी बहुत साधारण थी उसके बाद घडी अनेको प्रकार की घडिया बनाई गयी पारपरिक घडी के बाद डिजिटल घडी हाइब्रिड घडी स्मार्ट घडी आदि घडिया बनाई गयी जिनमे बहुत से फीचर्स का इस्तमाल कर सकते है आज की स्मार्ट घडियो को कंप्यूटर और मोबाइल से भी जोड़ सकते है आज के समय में कई प्रकार की घडिया उपलब्ध है जो इस प्रकार है।
1-पारम्परिक घडिया / traditional watch
जब घडी का अविष्कार हुआ तब घडी बिलकुल साधारण हुआ करती थी क्योकि उस समय घडी का होना ही बहुत बड़ी बात थी और जब किसी चीज का अविष्कार होता है तब उसमे बहुत सी कमिया होती है और इस लिए वह चीज उस समय बहुत साधारण होती है लोग उस समय यह सोच कर खुश थे की उनके पास एक ऐसा यंत्र है जिसके कारण लोग अपना काम सही समय पर कर पा रहे थे। घडी का साधारण होना भी उस समय बहुमूल्य होता था। जो घडी सबसे पहले बनी उस घडी को हम पारम्परिक घडी कहते है क्योकि वैसी घडियो इस्तमाल आज भी लोग करते है और इसी कारण इन्हे पारम्परिक घडिया कहते है।
2-डिजिटल घडिया / digital watch
डिजिटल घडियो का अविष्कार लगभग 100 साल पहले 1920 के आस-पास पहली डिजिटल मैकेनिकल कलाई घड़ी दिखाई पड़ी। उसके बाद 1972 -73 में पल्सर एलईडी प्रोटोटाइप ,हैमिलटन वॉच कम्पनी और इलेक्ट्रो-देता के द्वारा संयुक्त रूप से विकशित किया गया था जो की एक फुल डिजिटल घडी थी जो जॉर्ज एच.थिएस के द्वारा किया गया था उस डिजिटल घडी अत्याधुनिक चीजें थी जो लोगो के लिए बहुत उपयोगी थी।
3-पोशाक वाली घडिया / dress watch
पोशाक वाली घडी हमारे पोशाक के साथ मेल खाती हो उसे पोशाक घडी कहते है जब हम दफ्तर ,शादी-व्याह ,पार्टी आदि के लिए जब हम कपड़े पहनते है तब हम उन कपड़ो के आधार पर उनसे मेल खाती हुई घडी का इस्तमाल करते है। पोशाक के आधार पर और हमारे दफ्तर ,समारोह के आधार पर घडिया विकशित की गयी है। जिससे अपने समय के आधार पर लोग घडिया पहन सकें।
4-हाइब्रिड घडिया / hybrid watch
मैकेनिकल घडी और स्मार्ट घडी को सम्मिश्रण करके बनाई गयी घडी को हाइब्रिड घडी कहते है जो देखने में पारम्परिक घडी जैसी दिखाई देती है लेकिन हाइब्रिड घडी में स्मार्ट घडी की तरह बहुत से फीचर्स होते है। आप हाइब्रिड घडी से मोबाइल कमरा को कन्ट्रोल करके फोटो खींच सकते है और कॉल अलर्ट ,स्लीप ट्रैकर ,स्टेप और कैलोरी ट्रैकर ,जल प्रतिरोधी आदि विशेषताएं होती है।
5-स्मार्ट घडी / smart watch
स्मार्ट घडी एक ऐसी घडी है जिसे आप अपने हाथ में बधा हुआ एक मिनी कम्प्यूटर या फिर मिनी मोबाइल कह सकते है जिसमे आप जरूरत के आधार पर अपना काम कर सकतें है। स्मार्ट घडी में आप डेटा इकट्ठा कर सकते है ब्लूटूथ और वाई-फाई से जोड सकते है। स्मार्ट घडी से आप गाना सुनना ,पैदल स्टेप को गिनना ,मेसेज को पड़ना ,वीडियो देखना और वीडियो कॉलिंग करना आदि चीजें होती है। स्मार्ट घडी एक ऐसी घडी है जिससे आप अपने रोजमर्रा के कामो को कर सकते है और आप इस घडी को ट्रक भी कर सकते है।
उपसंहार / epilogue
घडी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि घडी हमें समय के साथ हमारे जीवन चक्र को भी दर्शाती है हमारा जीवन चक्र समय पर आधारित होता है। आज हमारे पास बहुत प्रकार की घडिया है जो हमें समय के साथ और बहुत सी चीजे प्रदान करती है जिसे हम कंप्यूटर और मोबाइल से भी जोड़ सकते है। जब हमारे पास घडी नहीं थी तब हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता था क्योकि सही तरह से समय का पता नहीं चल पाता था। प्राचीनकाल में लोग सूरज की रौशनी से समय का पता लगाते थे लेकिन बादल होने की वजह से सही समय पता नहीं चल पाता था। ऐसे और भी विकल्प मौजूद थे मगर एक सही विकल्प नहीं था जो लगभग एक हजार साल पहले पूरा हुआ और तकरीबन 1300 ई.में घंटा घरों में घडी लगाई गयी जिससे लोगो सही समय देखने की समस्या हल हुई और ऐसे ही शोध होते रहे और फिर हाथ घडी आई जिसे लोग अपनी कलाई में बाधते है और अब तो हाइब्रिड ,स्मार्ट घडी ,पारम्परिक घडी ,पोशाक घडी ,एनालॉग घडी आदि और भी बहुत सी घडिया मौजूद है जिससे लोग समय के साथ और भी काम कर सकतें है।
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
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