मंगलवार, 22 नवंबर 2022

बचपन की यादें / childhood memories

बचपन की यादें / childhood memories


प्रस्तावना / Preface


बचपन हमारे जीवन की सबसे अच्छी उम्र होती है क्योकि बचपन की उम्र एक ऐसी उम्र होती है जिसमे ना तो किसी चीज की फ़िक्र होती है और ना तो किसी चीज की परवाह होती है। बचपन में जो भी मन में आता है हम वही करते है। हम अपने बचपन में बहुत शरारत करते है जिद भी करते है और खूब मस्ती करते है क्योकि हमारा बचपन ना समझ होता है हमे नहीं पता होता है कि जो हम कर रहे है वह सही है या फिर गलत है बस अपनी धुन में हम अपना बचपन जीते रहते है। हमारे जीवन में बचपन की उम्र एक ऐसी याद होती है जो हमारे जीवन भर के लिए खट्टी-मीठी यादें बन जाती है। जिन्हें हम जीवन भर याद करते है कभी खुश होते है तो कभी दुखी होते है। बचपन बहुत मासूम होता है और इसी लिए कहते है मासूम बच्चों में भगवान बसते है। बड़े होने के बाद हम सोचते है कि काश हमारा बचपन फिर से लौट आये और हमेशा हम छोटे ही बने


childhood memories





बचपन की यादें / childhood memories



जब हम छोटे होते है तब हम बहुत मासूम होते है हमे किसी चीज की फ़िक्र नहीं होती है। हमारे जो मन में आता है हम वही करते है और जो हम अपने बचपन में जो करते है वह हमारे जीवन भर के लिए एक याद बन जाती है। जब हम जीवन के किसी भी पड़ाव में अकेले पड़ जाते है जब हम दुखी होते है तब हम अपने बचपन की खट्टी-मीठी यादों को याद करते है और अपनी तकलीफों को कम करते है क्योकि बचपन की यादें हमारे अन्दर ऊर्जा का संचार करती है जिससे हम अपनी तकलीफो को कम कर पाते है। जब हम बचपन में तोतली आवाज में बोलते तब सब लोग हसतें है और हमे प्यार करते है। जब हम बच्चे होते है हमे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है मगर अहसास हर चीज का होता है लेकिन उस चीज का अंदाजा नहीं होता है। बचपन में जब हम अपने सारे खिलौने गुमा देते थे या उन्हें तोड़ देते थे तब हम खूब रोते थे तब हमारी माँ हमे पुचकारती थी और हमे शान्त करवाती थी। 



बचपन में हमारे डेर सारे दोस्त होते है और सब मिल कर खेलते -कूदते है एक -दूसरे से लड़ते -झगड़ते है और खुश रहते है। बहुत याद आते है वो दिन जब सुबह -सुबह रिक्शेवाले का आवाज लगाना और फिर एक अच्छा सा बहाना बना कर रिक्शेवाले को भगा देते थे और उसके जाते ही हमारी ख़ुशी का ठिकाना नहीं होता था। हमारे बचपन में जब बारिश होती थी तब हम कागज की कश्ती बना कर पानी में छोड़ते थे और मजा करते थे काश लौट आये मेरे वो बचपन के दिन और फिर कभी ना जाये। जब रविवार को शक्तिमान ,मोगली आता था तब हम बहुत खुश होते थे और जब तक पूरा सीरियल देख नहीं लेते थे तब तक टी वी के सामने से हटते नहीं थे। जब हम किराये कि साइकिल लेकर अपने दोस्तों के साथ घूमते थे उससे जो ख़ुशी मिलती थी। वैसी ख़ुशी आज महंगी गाड़ियों से भी नहीं मिलती है। 



बचपन में जब हम स्कूल जाते थे तब हम अपने दोस्तों के साथ मिल कर खूब मौज-मस्ती करते थे। हमारे जीवन में स्कूल कि यादें बहुत अहम होती है क्योकि स्कूल जाने से हमे ज्ञान प्राप्त होता है जिससे हम अपनी नीव को मजबूत करते है जिससे हम अपने जीवन में होने वाले संघर्षो से लड़ पाते है। स्कूल जाने से हमे नए -नए दोस्त मिलते है जो हमारे लिए हमारे परिवार कि तरह हो जाते है। उनके साथ रह कर हमे नए -नए अनुभव प्राप्त होते है जो हमारे आगे के जीवन के लिए फलीभूत होते है। क्लास में जब टीचर नहीं होते थे तब हम कागज के हवाईजहाज बना कर एक -दूसरे के ऊपर उड़ाते थे। गाना गाते थे नाचते थे और ब्लैक बोर्ड पर टीचर के कार्टून बनाते थे। वो लम्हें आज भी याद आते है जब हम किसी भी चीज कि परवाह नहीं करते थे। बगीचों में जाकर आम ,अमरूद आदि फल खाते थे और जब पेड़ो से कूदते थे तब हम अपने घुटने छिलवा लेते थे मगर उस ख़ुशी के आगे वो दर्द बहुत कम लगता था। 



बचपन में हम पूरा दिन अपने दोस्तों ,भाई -बहनो के साथ खेलते थे और लड़ते -झगड़ते थे क्योकि बचपन में ना तो कुछ खोने का डर होता है और ना कुछ पाने कि चाहत होती है। वो इसलिए कि कच्ची उम्र हमे कोई लालच नहीं होता है। जब हम खेल -कूद कर थक जाते थे तब हम अपनी माँ कि गोद में लेट जाते थे और गोद में लेटते ही एक सुकून भरी नीद आती थी जो आज स्पंज के गद्दों में नहीं आती है। जब हम स्कूल जाते थे पढ़ाई में मन नहीं लगता था इसलिए सॉल्ब पेपर से पढ़ाई करते थे लेकिन अन्य चीजों को जानने में बहुत मन लगता था। स्कूल में मिले होमवर्क को खेलने कि वजह से नहीं करते थे और फिर एक -दूसरे से नकल करके उसे पूरा करते थे। स्कूल हम पड़ने के लिए कम दोस्तों के साथ मस्ती करने ज्यादा जाते थे बचपन में चेहरे पर जो मुस्कराहट जो होती थी जो मन से होती थी मगर आज तो ख़ुशी पता नहीं कहा खो गयी है। स्कूल हमे अच्छे -बुरे में फर्क करना सिखाता है जो हमारे जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है 



जब हम स्कूल छोड़ कॉलेज में पहुंचते है तब स्कूल के कुछ दोस्त साथ होते है और कुछ छूट जाते है लेकिन स्कूल के बाद कॉलेज का समय भी बहुत अच्छे और यादगार होते है क्योकि कॉलेज में हम जीवन को बहुत करीब से जानते और समझते है कॉलेज में जाने के बाद हम अपना भविष्य कि योजनाए बनाते है और उन्हें पूरा करने के लिए अपनी पढ़ाई अच्छे से करते है ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित करते है लेकिन इसके साथ -साथ कॉलेज के दोस्तों के साथ मस्ती करते है उनके साथ मूवी देखने जाते थे और कॉलेज कि क्लास बंक करके देर तक दोस्तों के साथ घूमते थे। कॉलेज के दोस्तों के साथ रात बिताना और हर पल को खुल कर जीना आज हम साथ नहीं किसी से बात होती है किसी का कुछ पता लेकिन सब कि यदि हमारे पास होती है। कॉलेज के पार्क में बैठ कर एक -दूसरे कि टांग खींचना और लड़ जाना और दूसरे दिन फिर एक हो जाना काश लौट आये फिर से वो कॉलेज के दिन कभी ना वापस जाने के लिए। 



जब हम कॉलेज में थे तब अपने दोस्तों के साथ लॉग ड्राइव पर चले जाते थे। घर वालो से झूठ बोल कर हम सब दूर -दूर तक चले जाते थे। बहुत याद आते है वह कॉलेज पल जिसमे किसी भी तरह कि कोई पाबंदी नहीं थी। जीवन का सबसे सुखमय समय था चाहे वह स्कूल का समय हो चाहे कॉलेज का समय हो और जब हम बच्चे थे तब की तो बात ही मत पूछो उससे अच्छा समय हमारे जीवन काल में कोई और समय नहीं हो सकता है क्योकि बचपन का समय सबसे अच्छा होता है। कॉलेज के समय पर हम सारे दोस्त मिलकर एक -दूसरे का दुख बाटते थे एक -दूसरे की मदद करते थे क्योकि कॉलेज के दोस्त हमारे परिवार की तरह होते है और इस लिए कॉलेज हमारे लिए घर कि तरह हो जाता है क्योकि कॉलेज में हम अपने दोस्तों के साथ खाते -पीते ,घूमते ,पढ़ते और लड़ते -झगड़ते है। क्या समय था वह जो अब कभी लौट कर नहीं आएगा। आज भी जब बच्चो को स्कूल जाते और जवानो को कॉलेज जाते देखते है तब अपना समय याद आते ही अन्दर से बहुत ख़ुशी होती है। 



उपसंहार / Epilogue



बालयकाल से लेकर युवा होने तक का सफर बहुत ही आनंदपूर्ण होता है जो पूरी जिन्दगी नहीं मिलता है कुल मिलाकर कहु तो बचपन हमारे जीवन सर्वोच्य समय होता है जिसका मुकाबला पुरे जीवन के समय से हम कभी नहीं कर सकते है क्योकि बचपन बहुत ही मासूम होता है इसमें ना तो कोई छलावा होता है और ना ही कोई स्वार्थ कि भावना होती है। अगर कुछ होता है तो सिर्फ प्यार ,अपनापन ,जिज्ञासा किसी चीज को जानने कि और करने कि जो हमारे आगे के जीवन के लिए फलीभूत होता है। हमारी यादे हमें ख़ुशी प्रदान करती है जिससे हम संघर्षपूर्ण जिन्दगी को जीने के लिए सक्ष्म बना पाते है 



https://hamarizindagi369.blogspot.com/





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें