अंधकार का क्या मतलब होता है / what is the meaning of darkness
प्रस्तावना / Preface
अंधकार क्या होता है अंधकार का मतलब क्या होता है। कहते है कि जब ब्रम्हाण्ड का निर्माण नहीं हुआ था तब पूरी दुनिया में अंधकार ही अंधकार हुआ करता था। अंधकार का मतलब सिर्फ दुनिया से भर नहीं है जीवन में भी इसका बहुत महत्व होता है जब एक व्यक्ति अपने जीवन में कोई कर्म नहीं करता जीवन के उद्देश्य को नहीं समझता है उसका जीवन अंधकार से भरा होता है। जिस तरह से हम अपने कमरे का अंधकार दूर करने के लिए बिजली जला कर उजाला करते है ठीक उसी प्रकार हमें अपने जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए हमें उजाले कि जरूरत होती है। जिसके लिए हमे अपने अन्दर ऊर्जा कि जरूरत होती है जिससे हम अपने जीवन के अंधकार को दूर कर सकते है। आज अंधकार हमारी मनोवृति बन चुका है क्योकि हम वास्तविक जीवन को भूल कर हम भ्रम का जीवन जीने लगे है। इसी लिए हमारे जीवन में अंधकार कि अधिक्ता बढ़ती जा रही है।
what is the meaning of darkness |
जब दुनिया में कुछ भी नहीं था तब पूरी दुनिया में चारों तरफ अंधकार ही अंधकार भरा हुआ था। फिर एक घर्षण हुआ और प्रकाश कि एक किरण दिखी और सूरज का जन्म हुआ और पूरी दुनिया प्रकाशमय हो गयी। इसे कहते है अंधेरे से प्रकाश कि ओर चलना। जैसे -अज्ञानता और असत्य यह अंधेरे की निशानी होते है तो ज्ञान और सत्य प्रकाश की निशानी होते है। दुनिया में हर चीज अंधकार से उत्पन्न होती है और प्रकाश में दिव्यवान होती है जैसे सूरज डूबते अंधेरे का अभाव शुरू हो जाता है और रात अंधेरे में डूब जाती है ठीक उसी प्रकार सूरज की पहली किरण प्रकाश के होने का अभाव करवाती है और अंधकार का अंत होता है।
दुनिया में अंधेरा और प्रकाश एक दूसरे के पूरक होते है जैसे -एक दीया जलते ही चारों ओर प्रकाश फैलता है लेकिन उस जलते हुए दीये के नीचे हमेशा अंधेरा होता है। जब एक वृक्ष मुरझा जाता है तब वह अंधकार में चला जाता है और जब उस वृक्ष को ऊर्जा प्राप्त होती है तब वह प्रकाश से भर जाता है। ऐसे ही जब हमारे जीवन में अज्ञानता होती है जब हम अपने जीवन का मूल उद्देश्य समझ नहीं पाते है इसका यही मतलव होता है कि हमारा जीवन अंधकार से भरा हुआ है। इस दुनिया में जितना प्रकाश का महत्व होता है उतना ही अंधकार का भी होता है क्योकि हर चीज अंधेरे से प्रकाश कि ओर जाती है।
जीवन में अंधकार / darkness in life
लोग दुनिया में फैले अंधकार को नकारात्मक समझते है क्योकि लोगो को लगता है कि अंधकार सिर्फ जीवन को मायूसी प्रदान करता है जीवन को कर्महीन बनाता है और ऐसा इसलिए होता है क्योकि हम अन्धकार को नकारात्मक मानते है जबकि जब हमारा जीवन अंधकार में होता है तब हम प्रकाश का महत्व को समझते है तभी हमारी सोच सकारात्मक होती है और तभी हमारा जीवन प्रकाशमय होता है। हमारे जीवन को अंधकार से निकालने के लिए अपने अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना होगा तभी हम अपने जीवन में प्रकाश ला सकते है। जब हम अपने जीवन को कर्मपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण बनाते है और अपने जीवन को एक दिशा प्रदान करते है तब हमारा जीवन प्रकाश से भर जाता है। अंधकार का मतलब हमारी असफलता से भी होता है जब किसी कार्य में असफल हो जाते है तब हम कहते है कि मेरा जीवन अंधकार में चला गया है और अपनी किस्मत को कोषता रहता है।
कभी - कभी लोग जीवन में भटक जाते है। जिनका जीवन उद्देश्यहीन हो जाता है ऐसे भटके हुए लोगो का जीवन अंधकार मय होता है। लोग अपने आपको कर्म कि ओर करने के बजाय अपना जीवन भ्रम में जीते है और दोष किस्मत को देते है जबकि मेहनत से जीवन प्रकाशमय होता है मगर हम अपने जीवन का अंधकार दूर नहीं करना चाहते क्योकि आज हमने अपने जीवन को आलस्य और नकारत्मकता भर रखा है जिस वजह से हम मूल जीवन को भूल चुके है। आज जिस तरह से हम अराजकता फैलाते है जिस तरह से छोटी-छोटी बातों को लेकर उग्र हो जाते है अपना धैर्य छोड़ देते है। ऐसी मानसिकता बताती है कि हमारा जीवन अंधकार में है। हमारे जीवन में शिक्षा से हम अपने अज्ञाना से भरे अंधकार को खत्म किया जा सकता है। हमारे देश में लोग उन चीजों के पीछे भागते है जिसमे उनका कोई भविष्य नहीं होता जिस वजह से उनका पूरा जीवन अंधकार में बना रहता है। अंधकार से भरे जीवन का एक कारण यह भी है।
सामाजिक अंधकार / social darkness
शहरो के विकास को देख कर हमे लगता है कि हमारा समाज बहुत आगे हो रहा है लेकिन ऐसा नहीं है क्योकि आज भी देश और दुनिया में बहुत सी ऐसे समाज के लोग है जिनका जीवन अंधकार में है जिन्हे आज भी नहीं पता कि उनके जीवन का मूल आधार क्या है उन्हें यह जीवन क्यों मिला है वह जो आज भी यह नहीं जानते कि जीवन -मरण ,ज्ञान -अज्ञान ,सत्य -असत्य क्या है। जो सिर्फ अंधकार में अपना जीवन गुजार रहे है जिनका जीवन पूरी तरह से भटका हुआ है। जो हमारा जागरूक समाज होता है वह ऐसे अंधकार में डूबे समाज से हमेशा दूरी बना लेता है जिस वजह से ऐसे समाज का विकास नहीं हो पाता है। किसी भी समाज को अंधकार से निकालने के लिए सबसे पहले हमे उन्हें शिक्षित करना होगा ताकि वह लोग जीवन का अर्थ समझ अपने जीवन का अंधकार दूर कर सकें।
समाज शिक्षित ना होने के कारण वह लोगो के भ्रम में फस जाते है और अपने आपको उसी अंधकार में डुबोये रखते है। एक शिक्षित समाज ऐसे समाज को कभी आगे नहीं बढ़ने देते है क्योकि अंधकार में डूबे समाज को आगे बढ़ाना मतलब अपने आपको उनके बराबर खड़ा करना और इसी कारण लोग ऐसे समाज को अंधकार में ही ढकेल कर रखना चाहते है। एक समाज को अंधकार से निकालने के लिए उसे शिक्षित करना चाहिए उसे समाजिक स्तर के सुधार के लिए जागरूक करना चाहिए क्योकि अस्तित्व में हर एक चीज अंधकार से ही जन्म लेती है। अंधकार जीवन में कभी अलग नहीं होता है क्योकि अंधेरे से ही हम उजाले में प्रवेश कर सकते है इसी जब एक समाज का जन्म होता है तब वह समाज अंधकार में होता है और फिर उस समाज का विकास उसे उजाले में प्रवेश करवाता है।
उपसंहार / Epilogue
अंधकार जीवन को कभी भी आगे नहीं बढ़ने देता क्योकि अंधकार एक ऐसी चीज है जो अपने ऊपर किसी चीज को हावी नहीं होने देता है यह एक ऐसी चीज है जो सिर्फ प्रकाश के होने से ही दूर हो सकता है जबकि प्रकाश और अंधेरे का साथ हमेशा से है क्योकि जहा तक प्रकाश जाता है उसके बाद अंधकार शुरू हो जाता है। जब एक व्यक्ति या समाज में अंधकार का असर होता है तब उस व्यक्ति या समाज का पतन होने लगता है जिस कारण लोग अपनी मानसिकता को खो देता है जिसकी वजह से अंधकार हमारा पतन कर देता है। जब एक समाज का जीवन अंधकार में होता है तब वह अपने जीवन का उद्देश्य नहीं समझ पाता है और पूरा जीवन भ्रम में जीता रहता है क्योकि वह लोग जीवन का अर्थ कभी नहीं सझम पाते है और अंधकार के भ्रमजाल में हमेशा फसे रहते है।
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें