सोमवार, 14 नवंबर 2022

लेखन का महत्व / importance of writing

लेखन का महत्व / importance of writing


प्रस्तावना / Preface 


जब हम किसी चीज का अनुमोदन करते हुए उसका उल्लेख करते है उसे लेख कहा जाता है। लेख शब्दों द्वारा रचित एक ऐसी संरचना है जो बड़े से बड़े व्यक्तित्व वाले व्यक्ति को हिला कर रख देता है इसीलिए कहा जाता है कि एक बार व्यक्ति बन्दूक कि गोली से बच सकता है लेकिन लेखक के लेख से नहीं बच सकता है। लेख एक व्यक्ति का जीवन सवरता है यह जीवन के अस्तित्व को निखारता है। लेख हमें हमारे इतिहास से अवगत कराता है जो हमे हमारी संस्कृति ,सभ्यता और परम्पराओं को हमें बताता है। लेख से हमें व्यक्ति के चरित्र का पता चलता है। लेख के कारण हमें हमारे ऋषि -मुनियों द्वारा रचित ग्रंथों के बारे में पता चलता है जो हमारे लिए एक वरदान है हमारे जीवन को सरल और सभ्य बनाने के लिए। हम लेख के द्वारा किसी भी चीज को एक स्वरूप दे सकतें है। जब हम किसी चीज का अवलोकन करते है तब हमें अवलेखन कि आवश्कता पड़ती है। 


importance of writing



लेखन का अर्थ / meaning of writing


लेख हमारे जीवन को अच्छा बनाने के लिए सबसे बड़ा आधार है जो हमें जीवन के अर्थ को समझाते है। लेख के द्वारा हम ईश्वर के रची हुई दुनिया को समझ सकतें है और उसके रहस्यों के बारे में जान सकतें है जब से ये दुनिया बनी तब से हर चीज का लेखन किया गया अगर यह लेखन नहीं होते तो हम कभी दुनिया के रहस्यों को नहीं जान पाते क्योकि लेखन नहीं होते तो हम आज भी अनपढ़ और ग्वार होते नाही में किसी चीज कि समझ होती और ना ही हम अपने जीवन के उद्देश्यों को समझ पाते इसलिए हमें जीवन के उद्देश्यों को समझने से पहले हमें अवलेखन के अर्थ को समझना होगा तभी हम उसके महत्व को समझ पाएगे। 


लेखन का अर्थ भाषा नहीं है क्योकि भाषा हमारी जीवन प्रणाली है जिससे हम अपने जीवन कि व्याख्या करते है। लेखन हमारे जीवन का सारांश है जिसे हम व्याख्यान में तब्दील करते है। लेखन का अर्थ होता है किसी भी सामान्य विषय को अपने शब्दों में व्याख्या करना और उसे एक लेख का रूप प्रदान करना होता है।टी वी चैनलों में ,समाचार पत्रों ,पत्रिकाओं आदि में एक खबर को अलग-अलग ढग से प्रसारित करते है क्योकि हर पत्रकार उस खबर को अपने शब्दों में लिखता है और एक रुपरेखा तैयार करता है। जैसे - भारत ने डिफेन्स कॉरिडोर बनाया ,शेयर बजार में सेंसेक्स हजार अंक गिरा ,भारत पाकिस्तान की तना तनी बड़ी ,चक्रवाद से खतरा बढ़ने लगा ,टाटा ने एयर लाइन खरीदी आदि खबरों को पत्रकार अपनी भाषा में प्रदर्शित करते है। 


लेखन का अर्थ किस्से -कहानियों में भी प्रदर्शित होता है क्योकि इन्हे भी लेख के द्वारा ही प्रदर्शित किया गया है। जैसे महऋषि बाल्मीकि जी ने रामायण में श्री राम के चरित्र का वर्णन किया तभी हम आज श्री राम को जानते है अगर वह उनके बारे में ग्रंथ का लेखन नहीं करते तो हम कभी भी नहीं जान पाते कि श्री राम भी कोई थे जो भगवान विष्णु के अवतार थे और जिन्होंने त्रेता युग में जन्म लिया था। जिनका किरदार एक मर्यादा  -पुरुषोत्तम और आदर्श माना जाता है। इसी प्रकार बहुत से महा पुरुषो का जन्म हुआ लेकिन हम उन्हें सिर्फ ग्रंथो के द्वारा ही जानते है। अगर हमारे पूर्वज ऐसे ग्रथो का लेखन नहीं करते तो हम अपने इतिहास और अपने महा पुरुषो को कभी नहीं जान पाते। 


लेखन का महत्व / importance of writing


हमारे जीवन में लेखन का महत्व सबसे ज्यादा है क्योकि लेखन के माध्यम से एक लेखक अपने विचारो को उन लोगो तक पहुंचा पाता है जो लेखन को अपने जीवन का आधार बनाते है। हम शब्दों को परिभाषित करके एक लेख तैयार करते है जिसे लोग पढ़ते है और लेखन का महव समझते है क्योकि लेखन हमारे जीवन को बदल देते है। लेखन हम सब के लिए बहुत जरूरी होता है क्योकि लेखन से हमें सही और गलत की पहचान होती है जो हमारे सोच को एक सही दिशा प्रदान करता है। जिससे हम अपने आस-पास हो रही घटनाओं के महत्व को समझते है और उनके बारे में सोचने पर मजबूर होते है ताकि उन घटनाओं का समाधान निकाला जा सकें। शब्द हमारे लिए बहुत उपयोगी होते है क्योकि शब्दों के कारण ही हम हर चीज के बारे में सोचने पर मजबूर होते है। 


हमारे अकेलेपन में लेखन एक मित्र की तरह होता है जो हमारे अकेलेपन को दूर करने में हमारी मदद करता है हमें हमारे होने का एहसास कराता है कागज और कलम हमारे सबसे अच्छे मित्र होते है क्योकि यह हमें हमसे मिलवाने का काम करते है हमारी सोच ,हमारी भावनाओँ को प्रेरित करके हमें लेख लिखने कि प्रेरणा प्रदान करते है जिससे हमारा अकेलेपन दूर होता है और हमें खुश रहना का मौका मिलता है। अगर हम हर चीज को अपने दिल और दिमाग में रखना चाहते है तो हमे लिखते रहना चाहिए क्योकि पढ़ी हुई चीजे हम भूल जाते है लेकिन लिखी हुई चीजे हमें लम्बे समय तक याद रहती है इसी से हमें लेखन का महत्व समझ में आता है। 


एक लेखक जब लिखने कि कोशिश करता है तब उसके दिमाग में हजारों प्रश्न होते है और उसको समझ नहीं आता कि वह क्या लिखे लेकिन दिल की आवाज उसे एक शब्द चुनने के लिए प्रेरित करती है और लेखक उस शब्द का महत्व समझ कर उस पर लिखना शुरू करता है जो एक लेख में परिवर्तित हो जाता है जो अन्य लोगो के लिए प्रेरणा दायक होता है। लेख जो हमारे हर प्रश्न का उत्तर देता है। लेख लिखने से हमें शान्ति मिलती है और हम अपनी तकलीफों को भूल जाते है। जिससे हमारे अन्दर एक नयी ऊर्जा का संचार होता है और हम अपने आपको तरो -ताजा महसूस करते है। लेख हमें हमारे जीवन से परिचित करवाता है जैसे -यह पृथ्वी कैसे बनी ,पेड़-पौधे पहाड़ कैसे बने ,हम कैसे पैदा हुए ,हम कौन है ,हमारे जीवन का अर्थ क्या है आदि चीजें होती है जिनके बारे में हम लेख के द्वारा ही जान पाते है क्योकि लेख ही हमे हमारे अतीत से मिलवाते है। 


लेखन का मानसिकता पर प्रभाव / effect of writing on mindset


जब एक व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है उसे अकेलापन महसूस होता है। ऐसे व्यक्ति के लिए लेख लिखना सबसे अच्छा निर्णय होता है। ऐसा करने से हमारी मनोवृत्ति में सुधार आता है क्योकि जब आप किसी चीज या वस्तु के बारे में सोचते है तब हमारे मन में हजारो प्रश्न उत्पन्न होते है और हम परेशान हो जाते है लेकिन जब हमारा दिमाग पूरी तरह से प्रश्नो में उलझनें के बाद हमारा दिमाग धीरे-धीरे उन प्रश्नो के उत्त्तर ढूढ़ने लगता है। तब हम अपने आप में बहुत हल्का महसूस करते है और अपने अन्दर एक नयी ऊर्जा का प्रभाव महसूस करते है। तब हमें अपने जीवन में एक दिशा दिखाई देती है। इससे हमें महसूस होता है कि हमारे जीवन के लिए लेखन कितना महत्वपूर्ण है। 


लेखन हमारी मानसिकता को ही नहीं बदलता बल्कि हमारे जीवन को भी बदल देता है। एक व्यक्ति जो मानसिक रूप से ग्रसित होता है ,अकेलापन महसूस करता है ,परेशान होता है ऐसे व्यक्ति को लेखन की वजह से जीने का आधार मिलता है और वह व्यीक्ति अपनी मंजिल की दिशा निर्धारित करता है जिससे वह अपने जीवन को बदलने में सफल होता है। जब आप लेखन करना शुरू करते हो तब आपके दिमाग में नकारात्मक सोच खत्म होती है और सकारात्मक सोच का संचार होता है। जिससे आपके अन्दर बदलाव होते है और आपके अन्दर कुछ कर गुजरने की चाह पैदा होती है। 


उपसंहार / Epilogue


लेखन एक जीवन का ऐसा आधार है जो हमारा जीवन बदल देता है। लेख हमारे अन्दर आत्मविश्वास पैदा करता है जिससे हम अपने आपको सरल और विनम्र बना पाते है। लेखक अपने विचारों के माध्यम से अपने भावो को लेख के रूप में प्रदर्शित करता है। लेख को ज्यादातर वही लोग समझ पाते है जिनके अंदर शब्दों को परिभाषित करने की इच्छा जागृत होती है। जिसे हम अपने जीवन में उतार कर अपने जीवन को सफल बनाते है। लेख समाज को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है क्योकि लेख किसी भी चीज कि दिशा और रुपरेखा बदल देते है। मानसिक रूप से ग्रसित और अकेलापन महसूस करने वाले व्यक्तियों के लिए लेखन सकारात्मक सोच का संचार करता है जिससे व्यक्ति का मानसिक तनाव कम होता है और उसका अकेलापन भी दूर होता है और उसे लेखन के रूप में एक अच्छा मित्र मिल जाता है जो अपने शब्दों से उसे तनाव मुक्त करता है। 



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