सादा जीवन उच्य विचार / simple living, high thinking
प्रस्तावना / Preface
सादा जीवन उच्य विचार जीवन को सरल और साधारण बनाने के लिए और अपनी सोच को उच्य बनाने के लिए होता है। अगर हम अपनी सोच को ऊंचा करले और अपने जीवन को साधारण बना ले तो आज हमारी धरती और प्रकृति का जो नुकसान हमारे द्वारा हो रहा है वह नहीं होगा। सादा जीवन उच्य विचार हर व्यक्ति कि सोच होनी चाहिए क्योकि जो लोग ऐसी सोच रखते है। उनकी आवश्कताए उतनी ही होती है जितने में उन्हें सांसारिक जीवन का सुख प्राप्त हो सकें। जो लोग सादा जीवन और उच्य विचार रखते है। उनकी आंतरिक शक्ति हमेशा विकसित रहती है और वही शक्ति हमारे विचारों को उच्य बनाती है और जीवन को साधारण रखने कि प्रेरणा मिलती है। मगर आज लोग सादा जीवन और उच्य विचार का मतलब ही भूल चुके है।
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग रहे है जो लोग अपना पूरा जीवन सादा जीवन जीते रहे और अपने विचारो को हमेशा उच्य रखा। जैसे - गौतम बुद्ध ,महात्मा गाँधी ,बोधिधर्मन ,ओशो महाराज ,बाबा तुलसीदास आदि लोगो ने अपना जीवन सादा रखा और अपने विचार उच्य रखें।
simple living, high thinking |
सादा जीवन कैसे जीना सीखें / learn how to live a simple life
1- अपने मन की शक्ति को पहचाने / know the power of your mind -
हम आज अपने मन की शक्ति की आवाज को सुनते ही नहीं है क्योकि हम आधुनिकरण में परेशान रहते है और इसी लिए हम बाहरी ख़ुशी में खुश रहते है क्योकि हम अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानते ही नहीं है और इसी लिए हम परेशान रहते है। हम घूमते है ,मॉल जाते है ,मूवी देखते है ,पार्टी करते है मगर यह सब हमे बाहरी ख़ुशी देते है लेकिन हमे मन से ख़ुशी नहीं मिलती है। मगर मन से ख़ुशी तब मिलती है जब हम लोगो की मदद करते है दूसरे को दुखी देख उसके दुख को हम महसूस करते है इससे हम अपनी आंतरिक शक्ति का पता चलता है। अगर हम अपने जीवन को सादा और अपने विचारों को उच्य करना चाहते है तो हमे अपने मन की शक्ति पर ध्यान लगाना होगा जिससे हमारे अन्दर की नकारात्मक विचार समाप्त होंगे और सकारात्मक विचारों का उदय होगा जो हमें सादा जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे।
2 - अपनी आवश्कताओ को सिमित करें / limit your needs
हमें अपनी आवश्कताओ पहचानना चाहिए और उन्हें सिमित रखना चाहिए क्योकि हमारी आवश्कताये जितनी बढ़ती है हम उतना ही सादे जीवन से दूर होते जाते है और उच्य विचारो की जगह नकारात्मक विचारो का संचार होने लगता है क्योकि हमारी आवश्कताये हमारी सोच को बदल देती है। इस लिए हमें मुख्य आवश्कताओ पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहिए मौखिक वस्तुओ के पीछे भाग कर अपने आपको असंतुलित नहीं करना चाहिए। मूल रूप से हमारी आवश्कताये बहुत सिमित और बहुत छोटी होती है लेकिन हम लोग अपने आपको ज्यादा सुख सुविधा के लिए परेशान रहते है और इसी कारण हम सादा जीवन और उच्य विचारो से हमारी दुरी बढ़ती जाती है क्योकि हम अन्दर से असंतुलित हो जाते है।
3 - सकारात्मक सोच का संचार करें / communicate positive thinking
सादा जीवन जीने के लिए और अपने विचारों को उच्य करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपने अन्दर सकारात्मक सोच का संचार करना। जो व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान लेता और उसको महसूस करता है ऐसे व्यक्ति हमेशा सादा जीवन और उच्य विचारो के साथ जीता है क्योकि ऐसे व्यक्तियों के लिए भौतिक चीजों का कोई महत्व नहीं होता क्योकि ऐसे लोग इच्क्षाओं पर निर्भर नहीं होते वह सिर्फ आवश्कताओ पर ही जीते है और इसी लिए ऐसे लोग साधारण रूप पर जीवन जीते है। जैसे गौतम बुद्ध जिन्होंने सादे जीवन के लिए अपना राज-पाठ छोड़ दिया था और अपने उच्य विचारो के चलते बौद्ध धर्म की स्थापना की और लोगो को इंसानियत का संदेश दिया ताकि लोग अपने आपको पहचाने और सादे जीवन उच्य विचारो के साथ अपना जीवन व्यतीत करें।
4 - दुसरो के लिए काम करें / work for others
जो लोग दुसरो की मदद करते है उनके लिए काम करते है उनकी आत्मा में सादा जीवन उच्य विचार की भावना बसी होती है ऐसे लोग अनर्गल पैसा खर्च करने के बजाय वह लोग गरीब ,असहाय और कमजोर लोगो पर पैसा खर्च करना अपना कर्तव्य समझते है महात्मा गाँधी सादा जीवन और उच्य विचार के उदाहरण है जो हमेशा अपनी जीवनशैली को सरल और साधारण रखते थे लेकिन उनकी सोच दूरदर्शी थी। उन्होंने अग्रेजो को बाहर करने का काम किया बल्कि लोगो को सादा जीवन अपनाने के लिए स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए लोगो को प्रेरित किया ताकि अग्रेजो की चाल बाजी से लोग बच सकें। ऐसे ही गौतम बुद्ध के पास सारे संसाधन उपलब्ध होने के बाउजूद उन्होंने सादा जीवन जीना पसंद किया और अपना सारा जीवन दुसरो के लिए गुजार दिया।
5 - अपने आप में नियंत्रण रखें / control yourself
जब हम साधारण जीवन जीना पसन्द करते है तब हम अपनी आवश्कताओ को जरूरत के आधार पर रखते है और इसके लिए हमे अपने ऊपर नियंत्रण करना होता है जो लोग अपने जीवन को सादा रखते है ऐसे लोग जीवन भर सुखी रहते है। हम अपने अन्दर तभी नियंत्रण कर सकते है जब हम अपनी आंतरिक शक्ति को जगाते है जिसके कारण हमारे अन्दर ऊर्जा का संचार होता है और हमारे अन्दर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है जिससे हमारे अन्दर उच्य विचार प्रकट होते है विचार अच्छे होने से हमे भौतिक चीजों की आवश्यकता नहीं महसूस होती है और हमारा जीवन सरल और सादा हो जाता है। जब हम सादा जीवन जीते है तब हमारे ऊपर ना तो किसी का कर्ज होता है ना ही हम कभी परेशान होते है क्योकि भौतिक चीजे हमारे अन्दर दबाव बनती है जिसके कारण हम अपने आप में नियंत्रण नहीं रख पाते है।
6 - लोग सादा जीवन उच्य विचार के साथ क्यों नहीं रह पाते / Why people can't live a simple life with high thoughts
आज लोग सादा जीवन उच्य विचार के साथ नहीं जी पा रहे है क्योकि लोग दिखावे की जिन्दगी को अपनी ख़ुशी समझते है। लोगो को लगता है की जिसके पास धन ,शौहरत ,भोगविलास की आदि चीजे उपलब्ध है उसी का जीवन सुखमय है। लोगो ने आज ऐसी धारणा बना रखी है क्योकि आज का व्यक्ति भ्रम में अपना जीवन जी रहा है उसे लगता है कि एक अच्छी नौकरी कर लो या फिर एक अच्छा व्यापार कर लो जिससे हम ज्यादा से ज्यादा सुख - सुविधाये अर्जित कर सके और इस वजह से पूरी जिंदगी परेशान ही बने रहते है क्योकि ऐसे लोग मानव जीवन अस्तित्व को ही भूल चुके है इसी कारण लोग अपनी आंतरिक शक्ति पर नियंत्रण नहीं कर पाते है।
जो व्यक्ति सादा जीवन जीता है और अपने विचारो को उच्य बना कर दुसरो के लिए कार्य करता है ऐसे व्यक्ति के पास ना तो कोई रहना पसन्द करता है और ना ही कोई उसके पास बैठना-उठना पसन्द करता है क्योकि ऐसे व्यक्ति हमें हमारी जिन्दगी से रूबरू करवाते है जो हमे यह बताते है की भौतिक जीवन जीने से हमें क्या प्राप्त होता है और सादा जीवन जीने से हमे क्या प्राप्त होता है। जो व्यक्ति इन बातो को समझ लेता है वह जीवन जीना सीख जाता है लेकिन आज के दौर में लोग दिखावे का जीवन जीना पसन्द करते है और ऐसे लोगो के पास लोग बैठना -उठना पसन्द करते है क्योकि आज लोग अपने स्वार्थ और अपने मतलब के लिए लोगो से रिश्ते कायम करते है। लोग दिखावे की जिन्दगी जीने की वजह अपने लोगो से दूर हो जाते है। इसी कारण लोग सादा जीवन व्यतीत नहीं कर पाते है और ना ही अपने विचारो उच्य बना पाते है।
उपसंहार / Epilogue
सादा जीवन उच्य विचार रखने के लिए हमें अपनी भौतिक चीजों में कमी करनी होगी क्योकि जब तक हम भौतिक चीजों के पीछे भागते रहेंगे तब तक हम अपने विचारो में परिवर्तन नहीं कर सकते है। जब जीवन यापन करने के लिए मूल वस्तुओ का इस्तमाल करते है और अपने जीवन को सुखमय बनाते है तभी हम अपने जीवन को सादा और उच्य विचारो वाला बना सकते है। हम लोग भौतिक चीजों के साथ जो जीवन विताते है वह जीवन अपने लिए कम दुसरो को प्रभावित करने के लिए ज्यादा होती है। हमें वह जीवन जीना चाहिए जो हमे अन्दर से ख़ुशी दे ना की बाहर से जो लोग सादा जीवन और उच्य विचार के साथ जीवन जीते है उनकी आंतरिक शक्ति जागृत होती है जिससे वह लोग अपना जीवन सुखमय और एक स्वस्थ जीवन जीते है।
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