काम को कभी हीनभावना से ना देखें / never look down on work
प्रस्तावना / Preface
काम जिसके बिना किसी भी प्राणी जाति का जीवन नहीं चलता है क्योकि हमारा जीवन कर्म करने के लिए ही हुआँ है। इस लिए काम को कभी भी ना तो छोटा समझे और ना ही उसे हीनभावना से देखें क्योकि हमारा काम ही हमारे अस्तित्व को प्रदर्शित करता है। हमको अपने काम पर हमेशा गर्व करना चाहिए इसलिए हमें अपने काम को पूरी निष्ठा और पूरी जिम्मेदारी से करना चाहिए जिससे हमारे कर्मो में निरन्तर बढ़ोतरी होती रहे और हम अपने जीवन के उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें जिसके लिए हमें जीवन प्राप्त हुआ है। इस दुनिया में कोई भी इंसान हो या फिर कोई भी जीव जाति हो हर किसी को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करना ही पड़ता है इसीलिए भगवान ने हमारे जीवन को गुजारने के लिए कुछ चीजें महत्वपूर्ण बना दी है जैसे -भूख ,प्यास ,कपड़ें ,परिवार और घर आदि जब हम इन सब चीजों के लिए काम करते है तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है और अपने जीवन को सम्पूर्ण बनाते है।
never look down on work |
काम जीवन में कितना महत्वपूर्ण / how important is work in life
काम एक साधना है ,पूजा है जिससे हमें कभी भागना नहीं चाहिए क्योकि काम ही हमारे जीवन सम्पूर्ण बनाता है जिसकी वजह से हमारा जीवन पूर्ण होता है इसलिए हमे काम को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए और ना ही उसे कभी हीनभावना से देखना चाहिए क्योकि काम ही हमे समाज में मान -सम्मान दिलाता है और एक आदर्श इंसान बनाता है। हर किसी का काम अलग—अलग होता है लेकिन हर किसी को अपने काम पर गर्व होना चाहिए। काम में कभी लापरवाही नहीं करनी चाहिए और ना ही उसका कभी हमको अपमान करना चाहिए क्योकि ऐसा करने से हमारे काम में अनेको बाधाएं आने लगती है और हमारा जीवन दरिद्रतापूर्ण हो जाता है। जब हम किसी काम को पुरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करते है तब हमे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से हमें शकून प्राप्त होता है।
काम कोई भी हो उसे हमको पूरी मेहनत और ईमानदारी से करना चाहिए क्योकि जब हम किसी काम को बिना मन के करते है तब हम उस काम को अच्छी तरह से नहीं कर पाते है। काम हम लोगों को एक अच्छी जिन्दगी प्राप्त होती है। काम से हम अपने परिवार को अच्छा खाना ,अच्छे कपड़े और एक अच्छा घर दे पाते है। हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए उन्हें एक अच्छे स्कूल और कॉलेज में भेज पाते है ताकि वह बड़े होकर अच्छे और इंसान बन सकें। काम से समाज में हमारी एक पहचान बनती है जिससे हम एक आदर्श व्यक्तित्व वाले इंसान बनते है। लोग कहते है कि जो व्यक्ति अपने काम को पूजा समझता है और पुरे विश्वास के साथ काम करता है वह व्यक्ति मानव जाति का सबसे अच्छा उदाहरण होता है और सफलता हमेशा ऐसे व्यक्तियों के साथ -साथ चलती है इसलिए काम का एहसास अपने मन में सबसे ऊपर रखें।
हमारे जीवन में काम कितना महत्वपूर्ण है उसका एहसास हमें उस किसान को देखकर करना चाहिए जो हमारे लिए रात -दिन अपना खून -पसीना जलाकर हमारे लिए अनाज पैदा करता है जो हमारी भूख को मिटाता है लेकिन उस किसान के हालात कभी नहीं बदले मगर वह कभी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागता और उसी मन से वह हमेशा मेहनत करता रहता है। बर्तन बनाने वाले कुम्हार कितने मन से मिटटी को एक आकार देकर उसे एक बर्तन में परिवर्तित कर देता है। एक व्यक्ति घर बनाता है ,कोई उसे डिजाइन करता है तो कोई व्यक्ति लकड़ी का काम करता है। कहि ना कहि हम सब में कोई ना कोई खासियत जरूर होती बस हमें उस चीज को पहचान करके उसे पूरी निष्ठा के साथ करना होता है।
काम के प्रति ईमानदारी रखें हीनभावना नहीं / Be honest towards work, not inferiority complex
काम हमारा भरण -पोषण करता है समाज में हमारी प्रतिष्ठा और मान -सम्मान को बढ़ाता है इसलिए हमें अपने काम से कभी शर्म नहीं करनी चाहिए और ना कभी उसे हीनभावना से देखना चाहिए जब हम ऐसा करते है तब हम अपने काम में कभी तरक्की नहीं कर पाते है क्योकि काम सिर्फ काम नहीं होता काम हमारे जीवन का सबसे बड़ा आधार है और जब हम अपने काम के प्रति सजग नहीं रहते उसके प्रति ईमानदारी नहीं रखते तब हम काम के प्रति जिम्मेदार नहीं होते जब ऐसा होता है तब कहि ना कहि हम अपने काम को लेकर हीनभावना का शिकार होने लगते है जिस कारण हम पतन कि तरफ बढ़ जाते है। काम को हीनभावना कि नजर से देखने के बजाय अगर हम उस काम को कर्तव्य कि नजर से देखें तो हमारा जीवन आसान हो सकता है।
काम सिर्फ पैसा कमाने का माध्यम नहीं होता बल्कि जीवन जीने का एक नजरिया होता है। हर व्यक्ति को उसकी काबिलियत के आधार पर उसके पास काम होता है। सिर्फ देखने का नजरिया अलग होता है और जो लोग काम को अलग नजरिये से देखते है वह लोग हीनभावना का शिकार होते है और ऐसा उन लोगो के साथ होता है जो अपने काम को छोड़कर दूसरे के काम को लेकर ज्यादा परेशान होते है। हीनभावना नकारात्मक सोच है जो इन्सान को निम्न स्तर से भी नीचे गिरा देती है। जो लोग अपने काम को पूजा ,कर्तव्य और अपना कर्म समझ के नहीं करते है बहुत से लोग अपने काम में ईमानदारी नहीं रखते जिन लोगो के अन्दर पैसे के प्रति हवस भर चुकी है जो व्यक्ति लोगों कि मृत्यु होने के बाद भी अपना फायदा ढूढ़ते है ऐसे व्यक्ति हमेशा हीनभावना का शिकार बने रहते है। क्योकि ऐसे लोगो कि सोच नकारात्मक होती है।
हम आज अपने काम के प्रति ईमानदारी छोड़ते जा रहे है क्योकि हम आज सुख -सुविधाओं के प्रति अंधे हो चुके है। हमे लगता है कि जिसके पास पैसा है ,ताकत है और जो समृद्ध है वही इंसान है इसीलिए लोग अपने काम को ईमानदारी और मेहनत से करने के बजाय हम उसे धोखेबाजी और चालाकी से करना पसन्द करते है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योकि लोग मेहनत और ईमानदारी से पैसा नहीं कमाना चाहते है क्योकि लोग जरूरत से ज्यादा पैसा कमाना चाहते है जिसके लिए वह इंसानियत को भूल चुके है ऐसे व्यक्तियों को कभी भगवान से भी डर नहीं लगता है क्योकि ऐसे लोगो को लगता है कि पैसा ही भगवान है जिसकी कीमत समाज के आम व्यक्ति और गरीब व्यक्तिओं को चुकानी पड़ती है।
उपसंहार / Epilogue
जिन व्यक्तियों के अन्दर लोभ ,मोह ,लालच ,अहम ,ताकत आदि चीजे अपना घर बना लेती है। जो लोग अपने काम के प्रति कभी ईमानदार नहीं होते ,जो लोग दुसरो को परेशान करके और उनका अपमान करके अपने आपको प्रतष्ठित करते है ऐसे व्यक्ति हमेशा हीनभावना के शिकार होते है। हीनभावना होने कि वजह से लोग अपने काम के प्रति जिम्मेदार नहीं बनते है जबकि हमे अपने काम कि इज्जत करनी चहिये क्योकि हमारा काम हमारे जीवन कि सबसे बड़ी उप्लब्धि होती है जो हमारे जीवन का पालन -पोषण करने का सबसे बड़ा जरिया होता है हीनभावना हमारी नकारात्मक सोच है जो हम पर हावी हो जाती है और हमारे अन्दर से मानवता को खत्म करने का काम करती है लेकिन हमें अपने आपमें संतुलन बनाकर रखना चाहिए जिससे हम पूरी ईमानदारी ,निष्ठा ,सच्चाई और मानसिक संतुलन के साथ अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ कर सकें
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