विचारो में मतभेद और उनका उन्मूलन / Differences in opinion and their abolition
प्रस्तावना / Preface
विचार एक जीवन को जन्म देते है यह हमें तय करना होता है कि हमें अच्छे विचारों को लेकर अपना जीवन बनाना है या बुरे विचारों को क्योकि विचार एक सोच है ,एक प्रक्रिया जीवन जीने के लिए इसलिए हमें हमेशा दूसरों के विचारो को सुनना चाहिए और अगर विचार अच्छे है तो उन्हें अपने जीवन में उतारना चाहिए उन पर एक बहस करनी चाहिए ताकि हमें उन विचारों का सही मतलब समझ आ सकें अगर ऐसे विचारो से हमारे जीवन की तस्वीर बदल सकें तो हमें ऐसे विचारों का कभी उन्मूलन नहीं होने देना चाहिए। हमारे अन्दर कई तरह के व्यक्ति जन्म लेते है और ऐसा हमारे अन्दर कई तरह के विचारों के कारण होता है जिससे हम भ्रमित हो जाते है
विचारों में मतभेद / difference of opinion
हमारे देश में ज्यादातर तीन पीढ़ियां एक साथ रहती है और तीनो पीढियों में एक -एक पीढ़ी का अन्तर होता है जिस वजह से हमारे बीच अक्सर विचारों की वजह से मतभेद होते रहते है इस कारण कभी -कभी लड़ाई -झगड़े भी हो जाते है और ऐसा हमारे विचारों के मतभेदों के कारण होता है क्योकि हमारे बुजुर्गो के पास अपना एक अनुभव होता है और हमारे पास वर्तमान का आधुनिकीकरण जिसके कारण हमारे बीच हमेशा एक दूरी बनी रहती है जो कभी खत्म नहीं हो पाती जिसके कारण हमारे बीच मतभेद बने रहते है कभी -कभी हमारे अन्दर बहुत से विचार एक साथ जन्म लेते है और एक साथ आये हुए विचारों से हमारे अन्दर बहुत से मतभेद पैदा हो जाते है जिससे हमें समझ नहीं आता की हम किस विचार के साथ आगे बढ़े।
विचारों में मतभेद होना स्वाभाविक है क्योकि हर व्यक्ति के अपने विचार होते है जिस कारण हमारे अपने और जानने वालो के साथ हमेशा विचारों को लेकर मतभेद होते रहते है लेकिन यह मतभदे ज्यादातर इसलिए होते है क्योकि हम किसी के विचारो का कभी मूल्यांकन नहीं करते है और हमारे विचार अच्छे बस उसी में अडिंग रहते है यही हमारी सबसे बड़ी मूर्खता होती है क्योकि विचार एक भूमिका है जीवन को बेहतर बनाने के लिए वह विचार किसी के भी हो हमें उन्हें सुनना और समझना चाहिए फिर अपने विचारो को प्रकट करना चाहिए क्योकि मतभेदों से कभी विचार नहीं बदलते।हमारे विचार ज्यादातर मतभेद की वजह नहीं होते बल्कि हमारा घमंड विचारों के मतभेद की वजह होता है क्योकि हम कभी किसी को अपने से ऊपर मानते है
हमारे विचारों के कारण लगभग सभी से हमारे मतभेद होते रहते है सबसे पहले हमारे मतभेद हमारे परिवार से होते है उसके बाद उस स्कूल में जहा हम पढ़ने जाते लेकिन तब हमें उस चीज का कोई तजुर्बा नहीं होता उसके बाद कॉलेज में फिर उस जगह जहा पर हम नौकरी करते है या व्यापार करते है इसके अलावा उन चीजों में मतभेद होते है जिनपर हम अपने दोस्तों के साथ ,परिवार के साथ बैठकर चर्चा करते है जैसे -राजनीति ,देश की अर्थव्वस्था ,बेरोजगारी और पानी आदि पर सभी लोग अपने विचार रखकर उसपर बहस करते है लेकिन कभी -कभी हम उस बहस को अपने दिल दिमाग में ले लेते है जिसकी वजह से हम मानसिक रूप से परेशान हो जाते है जो हमारे लिए खतरनाक है
विचारों को फीका न पड़ने दें / don't let your thoughts fade
हम जीवन में कुछ भी करें लेकिन हमें कभी ऐसे काम नहीं करना चाहिए जिससे हमारे विचार फीके पड़ जाये क्योकि हमारे विचार हमारे संस्कारों और हमारी परम्पराओ से बनते है इसलिए हमारे विचारों का खत्म होना मतलब हमारे संस्कार और परम्पराओं का खत्म होना। हमारी विचारधारा हमें समाज में कैसे स्थापित करती है यह हमे हमारे विचारों से समझना होगा क्योकि विचारधारा का पतन हमारे पतन का कारण होती है। हमारे बुजुर्ग हमेशा किसी ना किसी व्यक्ति या किसी कहानी के द्वारा हमें समझने की कोशिश करते रहते है ताकि हमारे अन्दर से हमारे विचारो की स्मृति धूमिल ना हो पाये और अगर हमारे विचार धूमिल हो गए तो हमारा जीवन अन्धकार मय हो जायेगा।
विचार क्या है और कैसे पैदा होते है यह विचार और क्यों हमेशा हमको कहा जाता है कि हमेशा अपने विचारों के साथ जीवन और कभी इनको धूमिल मत होने देना। हमारे बुजुर्ग हमें क्यों हमेशा अपने संस्कारों और परम्पराओ के साथ जीने कि बात कहते है हम आज भी अपनी पॉँच हजार पुरानी सभ्यता के साथ जीते है उसकी वजह यह है कि वह सभ्यता हमें अपने जीवन को उसके अस्तित्व से मिलाने की प्रेरणा देती है क्योकि जीवन वही जो सार्थक और समर्पित हो जाये लेकिन आज अत्याधुनिक तकनीक की वजह से अपनी विचारधारा से हटते जा रहे और लोगो का मस्तिष्क शून्य होता जा रहा है जिसकी वजह से लोग अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे है और उसके अपने विचार खत्म होते जा रहे है।
विचारों के मतभेद और उनके उन्मूलन को कैसे रोके / Differences of opinion and how to prevent them
हमारे विचारों के मतभेदों को रोकने के लिए हमें दूसरों के विचारों को सम्मान पूर्वक सुनना होगा और फिर उन विचारों को गंभीरता से समझना होगा तभी हम विचारों के मतभेदों को रोक सकतें है और उनका हनन होने से भी बचा सकतें है लेकिन ऐसा बहुत कम होता है क्योकि हर व्यक्ति अपने आपको सर्वोच्य समझते है और इसलिए लोग दूसरों के विचारों को कमजोर और बेहूदा समझते है जिस दिन हम लोग दूसरों के विचारो एक रास्ता निकालना सीख लेंगे उस दिन हमारे बीच मतभेद होना बन्द हो जायेगे आज हमारे विचारों का हनन इसलिए हो रहा है क्योकि हमारे अंदर की शक्ति खत्म होती जा रही जिससे हमारी मानसिक प्रवृति दूषित होती जा रही है।
हमें अगर अपने विचारों के मतभेदों से बचाना है और उनका हनन होने से बचाना है तो हमें अपने संस्कारों पुनः जीवित करना होगा और अपनी आत्म शक्ति को बढ़ाना होगा ,योग साधना से अपने आपको प्रबल बनाना होगा ,अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों को पुरे मन से निभाना होगा क्योकि यही हमारे पूर्वजों की धरोहर है जिसे हमें लेकर चलना होगा और हमारी आने वाली पीढ़ी को समर्पित करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कृति और सभ्यताओं के साथ जी सकें और उनका पालन कर सकें जिससे हमारी लाखों साल पुरानी संस्कृति जिन्दा रह सकें और उसकी छत्रछाया में हमारी पीढियाँ हमारे विचारों को लेकर अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
उपसंहार / Epilogue
विचारों को लेकर हमेशा से दो व्यक्तियों में ,दो पीढ़ियों में और दो भागो में बटें रहे क्योकि हर जगह लोग अपने विचारों को ज्यादातर महत्व देते है और अपने विचारों को महान बताते रहें और उसका परिणाम यह रहा कि लोग कभी अपने विचारों में समानता नहीं ला पाये जिसके कारण आज भी मतभेद बने हुए है और अब तो लोग विचारों को खत्म करने का काम कर रहें है जिसकी वजह से हम लोग विचारहीन होते जा रहे। विचारों के खत्म होने का मतलब हमारा जीवन खत्म होना क्योकि बिना विचारों के जीवन में ना तो किसी के प्रति आदर और सम्मान होगा ,ना किसी के लिए प्रेम और अपनापन होगा।
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