मंगलवार, 24 जनवरी 2023

मुश्किल वक्त में अपनों की परीक्षा / Examination of loved ones in difficult times

 मुश्किल वक्त में अपनों की परीक्षा / Examination of loved ones in difficult times


प्रस्तावना / Preface


मुश्किल वक्त हर व्यक्ति के जीवन में आता है और हर इंसान उस मुश्किल वक्त का सामना भी करता है  लेकिन उस मुश्किल वक्त में अपनों का साथ मिल जाये तो वह वक्त आसानी से कट जाता है लेकिन अगर मुश्किल वक्त में अपने साथ छोड़ दे तो वह वक्त पहाड़ से भी ज्यादा बड़ा और चटटान से भी ज्याद कठोर हो जाता है लेकिन जिंदगी तो इसी को कहते है। श्री कृष्ण ने भगवत गीता कहा है कि हर प्राणी जीवन में अकेला होता है। इस बात को सच हमारा मुश्किल वक्त बनाता है क्योकि तब हमारे अपने ही हमारा साथ छोड़ देते है लेकिन अगर कोई इन्सान हमारे मुश्किल वक्त में हमारा सहयोगी बन जाता है तो हमें यह समझना चाहिए की यह हमारे अच्छे कर्मो का फल है जो हमें मिल रहा है। 


Examination of loved ones in difficult times



मुश्किल वक्त में अपनों का किनारा करना / to stand by one's side in difficult times


दुनिया में ऐसा कोई प्राणी नहीं जिसके ऊपर कभी कोई मुश्किल वक्त ना आता हो और ऐसे वक्त में ही पता चलता है कौन हमारा अपना है कौन नहीं क्योकि अक्सर ऐसा देखा गया है कि जैसे ही हमारे ऊपर मुश्किल वक्त आता है वैसे ही वह लोग सबसे पहले हमसे दूर हो जाते है जिन लोगो पर हमें सबसे ज्यादा भरोसा होता है और ऐसा वक्त हमें बताता है कि इस जीवन में हर प्राणी सबके होने पर भी उसे अपनी मुश्किल घड़ी का सामना अकेले ही करना पड़ता है। मुश्किल भरे वक्त में ही हमें सही और गलत लोगो कि पहचान होती है। हमारा मुश्किल वक्त हमें बताता है कि मानवता नाम की वस्तु का हनन बहुत तेजी से हो रहा है जिस वजह से हम अपनों से दूर होते जा रहे है। 


आज इन्सान स्वार्थी और हीनभावना वाले होते जा रहे है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योकि मानवता नाम कि चिड़िया को लोगो ने मारकर दफन कर दिया है जिसकी वजह से लोगो की मानसिकता और शहनशीलता खत्म हो चुकी है जिस कारण सुख में सभी लोग हमारे साथ होते है और जैसे ही दुख हमारा दरवाजा खटखटाता है सबसे पहले हमारे अपने ही हमें छोड़कर भाग खड़े होते है क्योकि कोई भी व्यक्ति जिम्मेदारी नहीं निभाना चाहता है और इस कारण हमारे अपने हमसे दूर भागते है क्योकि हमारी आवश्यक्ता जरूरत पर निर्भर करती है अगर हम किसी की जरूरत नहीं बन सकतें तो किसी को हमारी आवश्यकता नहीं होती है क्योकि सभी लोग अब व्यावहारिक (practical)होते जा रहे है। 


मानवता ने आज व्यावहारिक रूप ले लिया है और कोई चीज एक व्यावहारिक हो जाये तो उसमे ना तो अपनापन रह जाता है ना तो प्रेम रह जाता है और जहां पर यह सब ना हो वहा पर मानवता एक चीज या वस्तु बनकर रह जाती है जिसकी हमारे समाज को कोई जरूरत नहीं महसूस होती और इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2020 में आयी महामारी जिसे हम करोना कहते है जिसने हमें बताया की कौन अपना है और कौन पराया क्योकि करोना में अपनों ने अपनों का साथ छोड़ दिया। करोना में बहुत से लोगो की मृत्यु हुई लेकिन हमने देखा कि लोगो ने अपनों का ना तो दाह संस्कार किया और ना तो किसी ने अपनों को छुआ पसन्द किया। ऐसी तस्वीर हमको यह आभास कराती है  कि लोग अपनी जान बचाने के लिए कभी भी किसी को भी साथ छोड़ सकतें है। 


हम यह नहीं कह सकतें कि दुनिया से मानवता पूरी तरह से खत्म हो गयी है। आज भी दुनिया में ऐसे लोग है जो जीवन के हर सफर में अपनों का साथ निभाते है और उनका खयाल रखते है  क्योकि हमारे संस्कार अभी भी बहुत से लोगो के अन्दर जिन्दा है मुश्किल वक्त कभी बताकर नहीं आता लेकिन जब आता है तब लोगो की पहचान हो जाती है। आज हम बहुत तरक्की कर रहे है आगे बढ़ रहे है लेकिन मानवता हमसे क्षीण होती जा रही है और धर्म हमसे दूर होता जा रहा है। हम अपने शुभचिंतकों का तिरष्कार और बुरे लोगो को सम्मान देते है यह बताता है कि हमारी बुद्धि -विवेक खो चूका है और असन्तुलित हो चुके है। 


आज हमसे ज्यादा मानवता अन्य प्राणिजति में है लेकिन हम लोग अपने स्वार्थ वस उन्हें भी खत्म करने का काम कर रहे है  उदाहरण स्वरूप जंगलों को उजाड़ना ,पहाड़ो को खत्म करना ,नदियों को प्रदूषित करना और हमारे आधुनिकीकरण से बहुत से जीव -जन्तु खत्म हो चुके और आने वाले समय में बहुत सी प्रजातिया विलुप्त हो जाएगी क्योकि हम अपने स्वार्थ और तरक्की के आगे अन्धे हो गये है जिस कारण हमारी मानवता खत्म हो रही है और इसीलिए आज मुश्किल वक्त के समय लोग अपनों से किनारा कर लेते है अगर इसी प्रकार हमारी प्रकृति से खिलवाड़ होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इंसान की वजह से धरती के हर प्राणिजति के जीवन का हर पल मुश्किल वक्त में बदल जायेगा। 


मुश्किल वक्त जिंदगी का सच बताता है / Tough times tell the truth of life


मुश्किल वक्त जीवन का सच बताता है फर्क सिर्फ इतना होता है कि हम उसको किस नजर से देखते है। कभी -कभी मुश्किल वक्त जीवन का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप लोग सोच रहे होंगे कि हमारे जीवन का मुश्किल वक्त भी कभी कोई विकल्प हो सकता है या फिर मुश्किल वक्त का कोई विकल्प होता ही नहीं यह सारी बातें सच भी है और नहीं भी क्योकि हमारा जीवन कदम -कदम पर परिश्रम से भरा होता है हाला कि हम सभी यह जानते है कि परिश्रम और मुश्किल वक्त में बहुत अन्तर होता है लेकिन जो व्यक्ति परिश्रम कर सकता है वह मुश्किल वक्त का मुकाबला भी कर सकता है। फिर भी हम मुश्किल वक्त में एक विकल्प ढूढ़ते है क्योकि उस कठिन समय में हमें सहारा ,प्रेम और स्नेह की जरूरत होती है। 


मुश्किल वक्त हमारे जीवन का सबसे बड़ा सच बताता है जो हमें बताता है कौन कितना अपना है और कौन नहीं क्योकि आज लोग व्यावहारिक हो चुके है जिसके कारण समाज में बहुत ज्यादा हमें देखने को मिलता है कि जब हमे किसी अपने की जरूरत होती है तब वह व्यक्ति हमें नजर नहीं आता है और इसका नतीजा यह होता है कि वह व्यक्ति अंदर पूरी तरह से टूट जाता है और यह हमारे मुश्किल वक्त में जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई है जिसे हम कभी झुठला नहीं सकतें है लेकिन कहि ना कहि इन सब के लिए हम खुद जिम्मेदार होते है क्योकि जब जिन्दगी हमें विकल्प देती है तब हम एक सही चुनाव नहीं करते है और हमारे गलत फैसलों के कारण उसका खामियाजा हमें हमारे जीवन के मुश्किल वक्त में हमें वह सच समझ में आता है। 


उपसंहार / Epilogue


मुश्किल वक्त एक ऐसा समय होता है जब हमें पता चलता है कि कौन हमें अपना समझता है और कौन नहीं ,कौन सा व्यक्ति हमारे धन और जायदाद के लिए हमारे साथ है क्योकि अगर आप एक मुश्किल वक्त का सामना कर रहे है और आपके पास कुछ नहीं है तो हमारे अपने ही हमसे दूर हो जाते है और अगर हमारे पास धन -दौलत ,जायदाद सबकुछ है तो दूर -दूर के लोग भी हमारे अपने हो जाते है। यही मुश्किल वक्त की पहचान है इसलिए हमें हमेशा ऐसी सोच रखनी चाहिए जिससे हम जीवन में आने वाले मुश्किल हालात अच्छे से सभांल सकें और अपने जीवन के मुश्किल वक्त से लड़ सकें। 



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