जीवन को आसानी से जीने के लिए बेहतर / Better to live life easily
प्रस्तावना / Preface
कभी लोग अपने जीवन को बहुत साधारण रूप से जिया करते थे लेकिन लगभग १०० सालों से सुख -सुविधाओं कि ऐसी लत लगी कि लोग आज साधारण रूप से जीवन जीना भूल चुके है। जीवन को आसानी से जीने के लिए बेहतर है। जीवन को साधारण और सरल तरीके से जीना। जब हम लोग अपने जीवन को सरल और साधारण तरीके से जीते है तो उस जिन्दगी में बनावटी जिन्दगी कि कोई जगह नहीं होती है। हमारी आसान जिंदगी में हमारी दिनचर्या सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। हम अपने जीवन को आसानी से जीने के लिए अपने विचारों को सकारात्मक बनाए ,अपने जीवन को कर्तव्यवान बनाए ,सामाजिक बनें ,अपनों के प्रति हमारे अन्तर मन में प्यार होना चहिये ,हमें सिद्धांतवादी होना चाहिए ,प्रकृति के प्रति लगाव होना चाहिए और यही सारी बातें हमको एक साधारण जीवन जीने के लिए बेहतर बनाती है।
आसानी से जीवन जीने के बेहतर तरीके / better ways to live life easier
जीवन में जो व्यक्ति सुख -सुविधाओं को त्यागकर साधारण और सरल जीवन जीते है सही मायने में जीवन वही है। जो लोग सुख -सुविधाओं के पीछे भागते रहते है। ऐसे लोग पूरा जीवन भ्रम और बनावटी जीवन जीते है। आसान जीवन जीने के बहुत तरीके है जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में सहायक है अगर हम वह सबकुछ अपने जीवन में उतार ले तो हमारा आसानी से जीवन जीना और बेहतर हो जाता है। हमें अपने जीवन को सादा और सरल बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों का सहारा लेना चाहिए भीड़ -भाड़ वाली जगह कि अपेक्षा हमें शान्त माहौल वाली जगह का चुनाव करना चाहिए जहा कम से कम लोग रहते हो। हमें अपने जीवन को प्रभु को समर्पित करना चाहिए जिससे हमें साधारण जीवन गुजारने में मदद मिल सकें। जीवन को आसानी से जीने के लिए और बेहतर तरीके नीचें निम्नलिखित है।
हमारी दिनचर्या / our routine
हमारे जीवन को आसान और बेहतर बनाने के लिए दिनचर्या एक मुख्य आधार है क्योंकि अगर हमारी दिनचर्या अच्छी नहीं होगी तो हम अपने आसान जीवन को कभी बेहतर नहीं बना पाएंगे इसलिए हमें सूर्यदेव के उदय होने से पहले जगना चाहिए जिससे हम सुबह का एहसास कर सकें। जब सबेरा होता है तब ठण्डी हवाएं अपने होने का एहसास कराती है ,पंक्षियों का झुण्ड देखकर बड़ा सुकून मिलता है ,सूर्यदेव कि लालिमा हमें ऊर्जा प्रदान करती है ,चिड़ियों कि चहचहाहट सुनकर मन प्रसन्न हो जाता है ,सुबह उठने से हमारे अन्दर अच्छे विचारों का आगमन होता है और एक सुख दिनचर्या कि शुरुआत होती है इस तरह पूरा दिन हम विनम्रता भरी मुस्कान के साथ अपनी दिनचर्या को बिताते है क्योंकि सबेरा एक उम्मीद है हमारी जिन्दगी को और अधिक बेहतर करने के लिए।
हमारा भोजन / our food
जीवन को आसानी से जीने के लिए हमारा भोजन बिलकुल सादा और साधारण होना चाहिए क्योंकि जब हम लोग मसालेदार और विभिन्य प्रकार का मांसाहारी भोजन करते है तो वह कहि ना कहि हमें शारीरिक और मानसिक पीड़ा देता है। पहले के युगों में लोग अपनी दिनचर्या के साथ अपने भोजन का भी पूरा ख्याल रखते थे तभी वे लोग सैकड़ों सालों तक जीवित रहते थे। भोजन को ग्रहण करने का एक समय भी निर्धारित होता है। हमारे ऋषि -मुनियों ने कहा है कि हमें भोजन शारीरिक ऊर्जा के लिए करना चाहिए ना कि स्वाद के लिए क्योंकि भोजन ऊर्जा का स्रोत है जिसके बिना हमारा शरीर मेहनती और बलवान नहीं बन सकता है इसलिए हमें अपने जीवन को आसानी से जीने उसे और बेहतर बनाने के लिए हमें स्वास्थ्य वर्धक भोजन ही करना चाहिए।
हमारा रहन -सहन और वस्त्र / our lifestyle and clothes
साधारण जीवन के आधार पर हमारा रहन -सहन और हमारे वस्त्र भी साधारण होने चाहिए अगर हमारा रहन -सहन और हमारे वस्त्र साधारण नहीं होंगे तो हम सादा और सरल जीवन का आवाहन नहीं कर सकतें है इसलिए हमारे पारम्परिक वस्त्र ही हमें साधारण जीवन जीने में मदद कर सकतें है क्योंकि उन्ही वस्त्रों से ही हमारी पहचान होती है और उन्ही वस्त्रों से हमारे शरीर को आराम मिलता है। हमारे पूर्वजों ने जो भी परम्पराएं बनाई है उसी से हमारा जीवन सुन्दर और सरल बनता है लेकिन हम आज अपनी पारम्परिक चीजों को छोड़कर उन चीजों को अपना रहें है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रही है और हमारे जीवन के अस्तित्व को मिटा रही है जैसे शरीर से चिपकने वाले वस्त्र जो कहि ना कहि हमारे शरीर के रक्तसंचार को रोकने का काम कर रहें है जिससे हमारा शरीर कमजोर और असहाय हो रहा है।
हमारी परम्पराएं / our tradition
हमें अपना जीवन अपनी परम्पराओं के आधार पर जीना चाहिए क्योंकि हमारी परम्पराएं हमारे जीवन को वास्तविकता से जोड़ती है। इसीलिए हमारी पहचान हमारी परम्पराओं से होती है क्योंकि हमारी परम्पराएं हमारे देश को अतुल्य और अकल्पनीय बनाता है और यही हमारी पहचान है। हमारी परम्पराएं हमें अपने त्योहारों ,योग -साधना ,प्रभु कि आराधना ,हस्त शिल्पकला ,नृत्य ,प्रकृति के निकट होना ,वेद -पुराण ,ग्रन्थ ,वास्तु कला ,ऋषि -मुनियों के द्वारा प्राप्त ज्ञान और अद्भुत कलाओं से निर्मित हमारे मन्दिर आदि परम्पराएं हमें आसान जीवन जीने के लिए उसे और अधिक बेहतर करने कि प्रेरणा देती है। परम्पराएं हमें प्रकृति से मिले संसाधनों कि उपलब्धि को समझाती है। हमारी परम्पराएं हमें सिद्धांतवादी ,निष्ठावान ,कर्तव्यपरायण और विनम्रता पूर्वक जीवन जीने का सन्देश देती है और हमारे जीवन के उददेशों को हमें समझाती है।
आत्मसम्मान से जीवन जीना / living life with self respect
आत्मसम्मान जीवन का सबसे बड़ा अस्तित्व है क्योंकि जिनका जमीर अन्दर से मर जाता है वह अपना सारा व्यक्तित्व खो देते है। आत्मसम्मान हमें हमारे व्यक्तित्व से मिलाता है जिससे हमें अपना सर उठाकर जीने कि प्रेरणा मिलती है लेकिन आज लोग पैसों कि वजह से अपने आत्मसम्मान को बेंच रहें है। धन पाने कि लालसा में लोग कुछ भी करने को तैयार है। ऐसे लोग अपनी परम्पराओं से मिले संस्कारों को धन के आगे मार दिया है। हमारे मन में बहुत सी शक्तियां होती है जिसमें से एक है आत्मसम्मान जो हमारी आत्मा से प्रकट एक अदृश्य शक्ति होती है जो हमें समाज में एक अलग पहचान दिलाती है। आत्मसम्मान हमारे अन्दर इंसानियत को जन्म देता है लोगों के दुःख -दर्द को महसूस करने कि प्रेरणा देता है हम समाज के लोगों को आत्मसम्मान से जीने के तरीके सिखाते है जो लोगों को अपने सामाजिक स्तर को सुधारने और आत्मसम्मान से जीने के लिए जागरूक करता है।
अपने लोगों और समाज के करीब / Closer to your people and society
जब हम साधारण जीवन को और बेहतर बनाने का विचार करते है उस समय हमें अपने लोगों के प्रेम और समाज के साथ कि सबसे अधिक जरूरत होती है क्योंकि सादा जीवन हमें अपने लोगों और समाज के लिए जीना सिखाता है इससे साधारण जीवन जीने के लिए हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है जो कहि ना कहि हमारे इरादों को मजबूत बनाता है जिससे हम बनावटी चीजों कि अधिकता को कम करके भौतिक चीजों के साथ प्रसन्नता पूर्वक जीते है क्योंकि भौतिक चीजें हमारे जीवन में अपने महत्व को बताती है और अपने होने का एहसास कराती है। हमारी अंतरात्मा हमारे कर्तव्यपरायण जीनव को जिन्दगी से संघर्ष करना सिखाती है ,सहनशीलता का संचार करती है ,प्रेम ,स्नेह और अपनों से जोड़ती है ,हमें समाज में प्रतिष्ठावान बनाती है और लोगों के प्रति उदार बनाती है और हम इससे आसानी से जीवन जीने के लिए और बेहतर बनते है।
उपसंहार / Epilogue
आसानी से जीवन जीने के लिए बहुत से बेहतर तरीके है लेकिन हमें उन्हें अपने अन्दर उतारने पड़ते है जो हमें जीवन के प्रति हमारे एहसासों के जगाते है और उन प्रेरक रास्तों में चलने कि प्रेरणा देते है जो रास्ते हमारे सादे और सरल जीवन को और बेहतर बनाते है। हमारा साधारण जीवन जो कठिनाइयों से भरा होता है जिसे प्रेरक रास्ते आसान बनाते है। मानव जब सारी कठिनाइयों को पारकर ऊपर उठता है तब उसके जीवन से बनावटी जिन्दगी दूर हो जाती है जिससे वह अपने आपमें एक सुकून महसूस करता है और उसे अपना जीवन जीना बेहद आसान लगने लगता है जिससे उसे उन चीजों कि आवश्यकता नहीं पड़ती है जिन्हे लोगों ने अपनी सुख -सुविधा के लिए बनाया है क्योंकि मूलभूत सुविधाएं सामन्य रूप से जीवन जीने के लिए बहुत होती है
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