जीवन में लक्ष्य कैसे निर्धारित करें? / how to set goals in life?
प्रस्तावना / Preface
जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने के बहुत तरिके होते है यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने लक्ष्य को कैसे निर्धारित करें। हमारा लक्ष्य हमारे जीवन की रुपरेखा को निर्धारित करता है क्योंकि हम अपने निर्धारित लक्ष्य से अपने लोग ,समाज और देश का विकास निर्धारित करते है और हम उन्हें किस पथ पर देखना चाहते है यह हमारे निर्धारित लक्ष्य से पता चलता है। अपने लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए हमें समय के महत्व को समझना होगा। अपने अन्दर छिपे गुणों की पहचान करनी होगी। हमें अपने लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए उसके प्रति सक्रियता दिखानी होगी उसके लिए हमें सफल व्यक्तियों की सलाह लेनी चाहिए और परिणाम की चिन्ता किए बिना अपने लक्ष्य के लिए काम करना चाहिए। हमारे जीवन में हमारा लक्ष्य छोटा होगा या बड़ा हमें इसकी परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित होना महत्वपूर्ण है।
जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें / set a goal in life
हमारे जीवन के लिए लक्ष्य निर्धारित करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जीवन में अगर हमारा कोई उद्देश्य नहीं तो हमारे जीवन का कोई मतलब नहीं। कभी -कभी हम विचलित हो जाते है और अपने लक्ष्य से भागने लगते है जबकि ऐसे समय में अपने आप में नियंत्रण रखना चाहिए जिससे हमारा आत्मविश्वास बना रहें और हम दोबारा अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए कार्य कर सकें। जब हम लोग अपने आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य करते है तब हम उस लक्ष्य में सफलता जरूर प्राप्त करते है। वैसे तो जीवन यापन के लिए सभी कार्य करते है लेकिन उनमें से कोई एक व्यक्ति लक्ष्य को निर्धारित करके कार्य करता है जो समाज और दुनिया में एक अलग पहचान बनाता है और उस लक्ष्य को प्राप्त करता है जहा तक हर व्यक्ति नहीं पहुंच पाता है।
जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का उद्देश्य सभी के अन्दर होना चाहिए एक व्यक्ति जब लक्ष्य निर्धारण का विचार करता है तभी उसके अन्दर कुछ कर गुजरने की प्रेरणा जन्म लेती है जरूरी होता है कि उसके अन्दर गुण कैसे है ,उसकी इच्छाशक्ति उसमें क्या परिवर्तन लाती है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के किस तरह के लोगो से सलाह लेता है क्योंकि एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजना की जरूरत होती है जो हमारी सफलता के लिए मददगार बनती है लेकिन उसके लिए हमारे गुण ,आत्मविश्वास ,सफलता प्राप्त या अच्छे व्यक्तियों की सलाह ,उस लक्ष्य के बारे में जानना और उसे समझना और सबसे ज्यादा हमारा सकारात्मक होना बहुत जरूरी होता है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमें कभी परिणाम की परवाह नहीं करनी चाहिए। अपने लक्ष्य के लिए समय के महत्व को समझना और उसका सदुपयोग करना जीवन में निर्धारित लक्ष्य को सफल बनाता है।
जब हम लक्ष्य के प्रति अपने नजरियें को साफ कर लेते है और उस पर चलने का फैसला कर लेते है तब हमें लक्ष्य प्राप्ति के सारे रास्ते साफ नजर आने लगते है। लक्ष्य की प्राप्ति उन्ही व्यक्तियों को होती है जिन्हे अपने लक्ष्य के कारण नीद नहीं आती है ,व्यक्ति अपने लक्ष्य में खोए रहते है ,जब सोते है तो उसके सपने देखते है और लक्ष्य के प्रति गंभीर होते है। जीवन में व्यक्ति जब किसी भी चीज की शुरुआत करना चाहता है तब वह बहुत भ्रमित हो जाता है क्योंकि उसके मस्तिष्क में हजारों तरह के ख्याल आते है लेकिन जब हम गंभीरता से विचार करते है तब हमें वह लक्ष्य प्राप्त होता है जिसमें हम सफल हो सकतें है क्योंकि की हमें वही काम करना चाहिए जिसकी कला हमारे अन्दर होती है उसी कार्य को निर्धारित करना चाहिए और उसे महत्वपूर्ण बनाकर सफलतापूर्वक करने के लिए अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।
लक्ष्य निर्धारण नियम / goal setting rules
किसी चीज का लक्ष्य बनाने से पहले व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ नियम बनाना चाहिए जिससे लक्ष्य प्राप्ति को निर्धारित करते समय हमारे अन्दर किसी भी प्रकार से समस्या उत्पन्न ना हो। सर्व प्रथम व्यक्ति को अपने काम के प्रति संयम रखना चाहिए ,व्यक्ति का काम छोटा हो या फिर बड़ा उसके प्रति जिम्मेदार होना चाहिए उसे कभी हीन भावना से नहीं देखना चाहिए ,लक्ष्य निर्धारित करने के लिए व्यक्ति को अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए ,हमें उस लक्ष्य की पूरी योजना बनानी चाहिए ताकि लक्ष्य प्राप्ति में किसी प्रकार समस्या ना हो ,लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमारे मन में एकाग्रता हो और हमारी इन्द्रिया हमारे वश में हो जिससे हमारा दिमाग कहि और ना भटके ,हम क्या करना चाहते है यह हमें स्वयं तय करना है लोग क्या कहते है इसकी परवाह हमें नहीं करनी बल्कि हमें अपने लक्ष्य का बार -बार अध्ययन करते हुए उसे आगे बढ़ाना है जिससे हम उसे जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचा सकें।
हमारे जीवन के लक्ष्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता यह है कि हमारे लक्ष्य की हर एक चीज हमारे लिए महत्वपूर्ण होनी चाहिए हमारा किसी भी चीज को नजरअंदाज करना हमें हमारे लक्ष्य से दूर कर सकता है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को कहि ना कहि से शुरुआत करनी पड़ती है लक्ष्य प्राप्ति की शुरुआत करने वाला समय जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि वह समय हमारे जीवन के लक्ष्य की दशा और दिशा दोनों तय करता है। हम अगर लक्ष्य प्राप्ति में असफल भी हो जाते है तो हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता ही हमें सफलता के लिए प्रेरित करती है। हमने अक्सर देखा कि एक चींटी के रास्ते पर कितनी भी रुकावट हो मगर वह अपना रास्ता बनाई लेती है। ठीक उसी प्रकार हमारा लक्ष्य भी होता है जिसको प्राप्त करने के लिए उसमे बार -बार रुकावटे आती है मगर संतुलित व्यक्ति उसे प्राप्त कर ही लेता है।
नियम व्यक्ति को लक्ष्य के प्रति जिम्मदार बनाते है क्योंकि जब हम अपने वसूलों पर चलते है तो वह वसूल हमारे मन को भटकने से बचाते है। वसूल हमें अपनो के प्रति ,समाज के प्रति ,,परम्पराएं और देश के प्रति आदि चीजों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का हमें एहसास कराते है। हम जीवन के महत्व को गहराई से तभी समझ पाते है। जब हम अपने द्वारा बनाये हुए वसूलों में चलकर अपने लक्ष्यों को निर्धारित कर उन्हें मंजिल तक पहुंचाते है मंजिल मिलने का मतलब यह नहीं है कि हमने सबकुछ पा लिया बल्कि मन्जिल हमे किसी चीज का नेतृत्व करने योग्य बनाती है और वही नेतृत्व हमे दुनिया से अलग बनाता है इसलिए जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्तकरने से पहले अपने जीवन में कुछ नियम बनाओं जिससे हम अपने आपको स्थिर कर सकें क्योंकि जीवन में कोई भी लक्ष्य बनाना बहुत आसान होता है लेकिन बिना स्थिरता के हमें कभी भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकतें है।
उपसंहार / Epilogue
लक्ष्य निर्धारण जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा है जो आपको सबसे अलग बनाता है जो हमे एक ऐसे मुकाम तक पहुंचाता है जहा तक पहुंचना हर व्यक्ति का सपना होता है लेकिन मंजिल उसी को मिलती है जो लक्ष्य के प्रति अपना पूरा योगदान देता है जो अपने लक्ष्य के प्रति अपने आपको स्थिर करता है और लोगों तक अपने काम को पहुंचाता है जिससे उसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का मौका मिलता है और मंजिल तक पहुँचता है। लक्ष्य को मंजिल तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है क्योंकि मंजिल हमारी प्रतिष्ठा को तय करती है जो समाज में हमे एक अलग पहचान देकर स्थापित करती है जहा पर लोग आपको सुनते और समझते है। समाज का युवा आपको देखकर आप जैसा बनने का सपना देखता है क्योंकि वह आपको अपना आदर्श बनाता है इसलिए जीवन में लक्ष्य को निर्धारित करो और उसे पूरा करने के लिए अपने समय का महत्व समझों।
https://hamarizindagi369.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें