मंगलवार, 18 अप्रैल 2023

अनाथ होने का मतलब जिसका कोई संरक्षक नहीं होता है / Meaning of being an orphan who has no guardian

अनाथ होने का मतलब जिसका कोई संरक्षक नहीं होता है / Meaning of being an orphan who has no guardian


प्रस्तावना / Preface


अनाथ होना व्यक्ति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं होता है क्योंकि अनाथ व्यक्ति का मतलब है की एक ऐसा इंसान जिसका दुनिया में कोई नहीं होता है। हमारे समाज में कुछ लोग अपनों को दौलत के लिए अनाथ बना देते है , हम देखते है कुछ लोग समाज के डर से अपने मासूम बच्चों को अनाथ बना देते है ,बहुत से लोग अपने मतलब के लिए बच्चो को अनाथ बनाकर उनको बेच देते है और भीख मगवातें है ,जब किसी बच्चें के माता -पिता का देहांत हो जाता है तब वह बच्चें अनाथ कहलाते है और जब उन बच्चों का कोई नहीं होता तब उनका समाज के कुछ लोग शोषण करते है इसलिए सरकार द्वारा बनाएं गए अनाथालय होते है जहा पर ऐसे सभी बच्चों को रखा जाता है जिनका कोई नहीं होता है और जिनके पास परवरिश के लिए कुछ नहीं होता है। हम देखते है की सरकार के अलावा बहुत सी संस्थाएं अनाथ बच्चों के लिए काम करते है ताकि हमारे देश का भविष्य दिशाहीन ना हो पाएं। 





अनाथ को कैसे परिभाषित करें / how to define orphan


एक ऐसा व्यक्ति जिसका दुनिया में कोई ना हो जो बचपन से एक दर्द के साथ जीना सीखा हो जिसे दुनिया से सिर्फ ठोकरें मिली हो और लोगों की बातों ने हमेशा परेशान किया हो ऐसे अनाथ के दर्द को परिभाषित करना बहुत कठिन होता है। जब हम किसी अनाथ बच्चें के हालात को देखतें है तो उस पर बहुत सोचते है और उसके ऊपर एक सारांश तैयार करते है लेकिन सच तो यह है कि हमारे अन्दर वह क्षमता नहीं है जिससे हम उसके दर्द को बया कर सकें। जिनको किसी का सहारा मिल जाता है वह अनाथ बच्चें अपना जीवन बदलने कामयाब हो जाते है और जिन बच्चों को किसी भी तरह से कोई सहारा नहीं मिलता ऐसे बच्चें गुमराह हो जाते है और समाज के कुछ लोग अपने फायदें के लिए उन लोगों से समाज में अराजकता फ़ैलाने का काम करवाते है। 


अनाथ का अर्थ होता है जिसके पालन -पोषण के लिए माता और पिता ना हो और ना कोई सगा -संबंधी हो ऐसे बच्चें अनाथ होते है अनाथ व्यक्ति का जीवन मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत ही दर्दनाक होता है क्योंकि अनाथ व्यक्ति परिवार के प्रेम ,स्नेह और परिवार के द्वारा की जाने वाली देखभाल का अनुभव नहीं होता है। बहुत से लोग ऐसे भी होते है जो खुद ही अपनी औलाद को त्याग देते है। हमे ऐसे व्यक्तियों को समझना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए क्योंकि जब एक व्यक्ति अपना जीवन बिना किसी के सहारे के जीता है तो उसकी आत्मनिर्भरता के कारण उसमे एक आत्मविश्वास होता है जीवन में बहुत कुछ कर दिखाने का लेकिन कोई सहारा ना होने के कारण उनका आत्मविश्वास डगमगा जाता है मगर फिर भी वह हिम्मत नहीं हारते है। 


अनाथ जिसका कोई नाथ नहीं होता जो इस समाज के होकर भी सामाजिक नहीं होते है क्योंकि ऐसे लोगों के लिए यह समाज एक अलग हो गणना करता है और ऐसा सिर्फ उन लोगों के साथ नहीं होता बल्कि समाज में रह रहें वह लोग भी शामिल होते है जिनकी माँ की मृत्यु हो जाती है और पिता दूसरी शादी कर लेता है लेकिन दूसरी माँ बच्चों से उनके पिता को भी दूर कर देती है इस वजह से वह बच्चें अनाथ ना होते हुए भी अनाथ का जीवन जीने पर मजबूर हो जाते है और ऐसा अक्सर होता है कहने के लिए हम समाज का हिस्सा होते है लेकिन यह समाज अन्नाय के खिलाफ सिर्फ दर्शक बनकर रहें गया है बहुत कम लोग होते है जो किसी के लिए लड़ते है इसी वजह से आज हमारे देश में अनाथों की संख्या बढ़ती जा रही है। 


अनाथालय / Orphanage


हमारे देश में लगभग ५०० से अधिक अनाथालय मौजूद है जिसमे कुछ मर्दो के तो कुछ महिलाओं के और कुछ बच्चों के अनाथालय है जहा पर सरकार की तरफ से उनको खाना ,कपड़ा ,पढ़ाई और रोजगार करने ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों के अनाथालय की बात करें तो वहा पर बच्चों शिक्षा और रोजगार दोनों शिखाएं जाते है ताकि जब वह बड़े हो तब वह किसी पर निर्भर ना रहें वह अपनी जिन्दगी को बेहतर और सुखद बना सकें। अनाथ होना जीवन का बहुत बड़ा अभिशाप है और उनको इस अभिशाप से मुक्ति मिल सकें इसलिए सरकार ने अनाथालय का निर्माण करवाया। बहुत सी संस्थाएं भी सरकार के इस मिशन में सहयोगी बनतें है जिससे उन सभी अनाथ बच्चों महिलाओं और आदमी को अनाथालय में हर प्रकार की सुख -सुविधा मिल सकें जिससे एक अनाथ व्यक्ति अपने जीवन को अन्य व्यक्तियों की तरह बेहतर बना सके। 


अनाथालय का मतलब एक ऐसा स्थान जहा पर ऐसे व्यक्ति या बच्चें रहते है जिनका कोई नहीं होता है वैसे तो कहते है कि जिस व्यक्ति का कोई नहीं होता उसका भगवान होता है और वह किसी ना किसी रूप में आकर मदद भी करता है। ऐसे बहुत से लोग है दुनिया में जो दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझते है और इसलिए ऐसे लोग एक ऐसी संस्था की स्थापना करते है जो उन लोगों का सहारा बन सकें जिनका दुनिया में कोई नहीं है और उन लोगों का भी जो अपने ही लोगों से ठुकराएं हुए लोग है। अनाथालय ऐसी जगह जहा पर सब को शरण मिलती है और वहा पर वह सबकुछ मिलता है जिससे उनका जीवन बेहतर हो सकें। अनाथालय एक घर भी है उन लोगों के लिए जिनका कोई घर नहीं होता है वहांपर अनाथ व्यक्ति एक -दूसरे का परिवार बनतें है जिससे उनकी वह कमी भी दूर हो जाती है। 


अनाथालय के जितने फायदे है तो उससे कुछ नुक्सान भी है चाहें कोई भी अनाथालय हो। जहा पर बहुत से लोग एक साथ रहतें है वहा पर प्रेम ,स्नेह के साथ द्वेष ,जलन और नफरत भी जन्म लेती है क्योंकि कुछ लोग मन में दूसरो से नफरत ही करतें है इस वजह से लोग अक्सर दुर्व्यवहार ,हिंसा ,उपेक्षा और नकारात्मकता का शिकार हो जातें है। अनाथालय एक ऐसी जगह है जहा पर हजारों अनाथ रहतें है और कोई जरूरी नहीं होता की सभी लोग आपस में मिलकर रहेगें। बहुत से लोग परिवार से वंचित होने की वजह से वह लोग मानसिक रोगी हो जाते है। वैसे तो हम सभी अपने जीवन के सफर में अकेले ही होते है मगर परिवार होने से हमारा जिन्दगी जीना आसान हो जाता है लेकिन जो बचपन से परिवार को जानते ही नहीं है उनका जीवन जीना बहुत कठिन होता है क्योंकि परिवार ना होने के कारण वह लोग अनाथालय में रहने के बावजूद अपने जीवन को कभी समझ नहीं पाते है। 


उपसंहार / Epilogue


अनाथ बच्चें और अनाथ लोग ये ऐसे लोग होते है जिनका जीवन सही दिशा ना मिलने के कारण भ्रमित और अपराध युक्त रहता है क्योंकि इनकी ऊगली को थामकर रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं होता है वैसे तो अनाथ बच्चों और अनाथ लोगों के लिए संस्थाए और सरकार बहुत काम करती है लोग भी बड़े स्तर पर अनाथों के लिए काम करते है लेकिन फिर भी उन्हें वह प्यार ,स्नेह ,अपनापन और सुख -सुविधाएं नहीं मिल पाती जो उन लोगों को एक परिवार दे सकता है। एक व्यक्ति के लिए परिवार का होना ही सबसे बड़ी बात होती है फिर भले ही उन्हें कुछ मिले या ना मिले क्योंकि बच्चें  और अनाथ व्यक्तियों के लिए रिश्तो की अहमियत सबसे ज्यादा मायनें रखती है। अनाथालय लोगों को सुविधा देते है रिश्ते नहीं दे पाते जिसकी जीवन में सबसे अधिक जरूरत होती है। 



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