शनिवार, 22 अप्रैल 2023

गुमनामी वह अंधेरा है जो धीरे-धीरे अस्तित्व को खत्म कर देता है / Oblivion is the darkness that slowly erodes existence

गुमनामी वह अंधेरा है जो धीरे-धीरे अस्तित्व को खत्म कर देता है / Oblivion is the darkness that slowly erodes existence


प्रस्तावना / Preface


गुमनाम शब्द किसी व्यक्ति या किसी चीज पर नहीं बल्कि उस हर चीज पर लागु होता है जो भी अपना अस्तित्व खों देता है। गुमनाम का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति या कोई चीज खों गयी हो बल्कि जब कोई व्यक्ति या कोई चीज इस दुनिया में होते हुए भी अपने अस्तित्व को खों देते है उसे गुमनाम या गुमनामी के अंधेरे में खोया हुआ कहते है। दुनिया में बहुत से ऐसे सितारें है जिन्हे किसी पहचान की जरूरत नहीं है लेकिन वह लोग गुमनाम है जिन लोगों ने उन्हें सितारा बनाया। यह ठीक उसी प्रकार है जिस तरह फिल्मों में किरदार निभाने वाला कलाकार सामने होता है उस किरदार को वास्तविक रूप देने वाला पर्दे के पीछे काम करता है लेकिन उनको कोई नहीं जानता है क्योंकि वह गुमनाम होते है। जब हम किसी ईमारत ,किला ,राजमहल या फिर किसी अद्भुत दृश्य को देखतें है तब हम उसकी तारीफ करते है और कहते है कि इसे फलाने राजा ने बनवाया था लेकिन हम उनके बारे में नहीं पूछतें जिन्होंने उसको बनाने में अहम भूमिका निभाई थी क्योंकि वह लोग गुमनाम होते है और उनका कहि नाम नहीं होता है। 





गुमनाम की परिभाषा / definition of anonymous



गुमनाम जीवन का एक ऐसा शब्द है जिसे समझना बहुत कठिन है क्योंकि यह शब्द उन सभी चीजों में लागु होता है जो बनाएं जाते है या पैदा होते है और गुमनाम हो जातें है जैसे हम बात करें भाषा की तो बहुत सी भाषाएं है जो गुमनाम हो चुकी है और इसी कारण जब कोई बहुत पुराने लेख सामने आ जातें है तो लोग उन्हें समझ नहीं पातें है वही हम बात करें कला कृतियों की तो पहले के समय में जब लोग इमारतें या राजमहल बनवाते थे तो उसमें हस्तशिल्प कला द्वारा कला -कृतियों को बनाया जाता था जो आज भी हमारे मन को मोह लेती है। हम आज एक टेक्नोलॉजी वाला जीवन जी रहें है और इस वजह से हमारे संस्कार गुमनाम होते जा रहें है। हमें यह समझना होगा की हमारी धरोहर ही हमारी पहचान है जिसको गुमनामी से बचाना हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है। 



गुमनाम होना परिस्थिति भी एक कारण है क्योंकि वक्त किसी भी एक चीज पर नहीं टिकता है हर चीज की एक समय सीमा होती है वह निर्जीव हो या सजीव हो और परिवर्तन ही संसार का नियम है और इसीलिए लोग पुरानी चीजों को छोड़ आने वाली चीजों पर ज्यादा ध्यान देता है मगर समय यह नहीं कहता की आप अपनी विरासत को गुमनामी के अधेरो में ढकेल दो बल्कि समय आपकी विरासत को सभाल कर रखने की बात करता है। हम जब गुमनाम को परिभाषित करना चाहतें है तो बहुत कठिन लगता है और वह इसलिए क्योंकि आधुनिकीकरण के कारण हमनें जीवन में बहुत कुछ खों दिया है। अपनी विरासत ,प्रकृति का अस्तित्व और अपने रिश्ते और उनकी अहमियत को। गुमनामी एक ऐसा अंधेरा है जो सबकुछ निगल जाता है क्योंकि उस गुमनामी की सुबह नहीं होती है। 



अद्भुत कला का प्रसार करने वाले क्यों गुमनाम हैं दुनिया में / Why are those who spread amazing art anonymous in the world



हम दुनिया में अद्भुत कलाओं का संग्रह देखतें है लेकिन हम उनको नहीं जानते जिन्होंने उन कलाओं को बनाया या उसे आकार दिया। अगर हम बात भी करते है तो यह कि इस इमारत को एक राजा ने बनवाया था लेकिन हम उन लोगों की कभी बात नहीं करते है जिन लोगों ने उसका एक नक्सा तैयार किया और फिर उसको आकार दिया। कितने लोगों ने उसे बनाने के लिए अपना योगदान दिया या कितने लोगों ने उस अद्भुत कारीगरी को बिखेरने के लिए कितनी मेहनत की होगी और इसीलिए ऐसे लोग गुमनाम कहलाते है। हम कह सकतें है की हमारी दुनिया में अजूबों की कमी नहीं है उनमें से आठ अजूबे ऐसे है जो अकल्पनीय ,अद्भुत और आश्चर्यजनक है लेकिन किसने बनाया यह कोई नहीं जानना चाहता है क्योंकि यह सब हमारे विचार में ही नहीं आता है। 



हमारे देश में आज भी ऐसी कला -कृतियाँ जिनको आज के समय में अंजाम दे पाना बहुत मुश्किल है और हम उनको पुनः जीवन देने के बारे में सोचतें भी नहीं है क्योंकि वह हमारी सोच में नहीं है और  इस वजह से वह कला गुमनामी के अधेरों में विलुप्त होती जा रही है। आज लोग आधुनिकीकरण की तरफ भाग रहें है जिस कारण हर चीज गुमनाम होती जा रही है। हमारे स्वार्थ के कारण नदिया  ,पहाड़ ,जंगल और उपजाऊ जमीन गुमनाम हो रहें है जिस कारण प्रकृति अपना अस्तित्व खों रही है क्योंकि हम स्वार्थ वश अपने ही हाथों से अपना विनाश लिख रहें है वही अगर हम बात करे अपने विज्ञानं की जो हमें हमारे ऋषि -मुनियों द्वारा मिला जो हमारे लिए और प्रकृति के लिए बिलकुल नुक्सान दे नहीं था लेकिन हम उस विज्ञानं को भुलाकर विनाशकारी विज्ञानं को जन्म दे रहें है जिससे आज सबकुछ बर्बाद कर रहा है। 



गुमनामी में इंसान / man in oblivion



हम बड़े नेता को देखतें है अभिनेता को देखतें है लेकिन हम उनको कभी नहीं जान पाते है जिनकी बजह से उन नेता और अभिनेता का बौजूद बनता है क्योंकि वह लोग गुमनाम होतें है और ना ही कभी उन्हें बौजूद में लाया जाता है क्योंकि ऐसा करने से नेता ,अभिनेता की छवि पर असर पड़ता है लेकिन ऐसा करने वाले यह भूल जातें है की एक दिन वह भी गुमनाम हो जायेगें क्योंकि एक दिन उनके मुकाबले में कोई और होगा जो उन्हें गुमनामी के अधेरे में ढकेल के आगे बढ़ेगा। ऐसे ही हम व्यापारियों की कम्पनियों को भी देखतें है तो कभी रिलायंस नम्बर वन होती है तो कभी अमेजॉन और कभी माइक्रोसॉफ्ट यह कहि ना कहि यह बताता है की लोग आज हर चीज को पीछे ढकेलकर अपने आपको चमकाना चाहतें है जबकि हम सभी यह जानतें है कि हमारी एक समय सीमा है जिसके बाद हम भी अन्य लोगों की तरह गुमनाम हो जायेगे। 



उपसंहार / Epilogue



गुमनाम सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि एक ऐसे जीवन को कहतें है जो अधेरों में बिताने को मजबूर हो जाता है। जब हम एक खण्डर को देखतें है तो वह खण्डर अपनी गुमनानी की कहानी बया करता है। एक प्रचलित व्यक्ति जो दुनिया में नाम कमाता है एक पहचान बनाता है लेकिन एक दिन उसकी जगह कोई ओर ले लेता है और वह व्यक्ति गुमनामी के अधेरों में खों जाता है इसलिए गुमनाम को एक अवधि के रूप में हम देख सकतें है और अगर ऐसा नहीं हुआ तो ना तो हम आगे कोई नया निर्माण कर सकतें है और ना ही नया कोई व्यक्ति अपनी पहचान बना सकता है। इसलिए हम यह कह सकतें कि गुमनामी का संबन्ध समय परिवर्तन से होता है क्योंकि यह लेखन किसी एक व्यक्ति या एक चीज पर आधारित नहीं है। इसलिए इसमें हर चीज शामिल है जो परिवर्तन प्रक्रिया के तहत गुमनाम हो जाते है। 











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