हमारी इच्छाएं हमारे व्यक्तित्व पर निर्भर करती है / Our desires depend on our personality
प्रस्तावना / Preface
इच्छा एक ऐसी मनोवृति जो कभी समाप्त नहीं होती है। इच्छा को हम ,लालसा ,आरजू ,चाह ,अरमान ,ख्वाहिश ,कामना ,अभिलाषा और तमन्ना आदि से भी जान सकतें है। हमारे जन्म लेते ही हमारी इच्छाएं भी जन्म लेती है। हम अक्सर देखते है की एक बच्चा जब किसी चीज को देखता है तो वह उसे पाने की इच्छा करता है। यह उसकी मनोवृति को दर्शाता है। ऐसे ही हर प्राणी की इच्छाएं होती है फर्क सिर्फ इतना है की हर कोई अपने आधार पर इच्छा रखता है और जिन लोगों की इच्छाएं असीमित होती है। ऐसे लोग जीवन में अदभुत होते है जैसे दुनिया के सबसे बड़े व्यापारी ,बड़े अभिनेता ,राजनेता ,खिलाडी ,महापुरुष और संत आदि होते है जो दुनिया में अपना नाम करते है क्योंकि इच्छाएं व्यक्ति के अंदर के स्वरूप को निखारती है। हमारी इच्छाएं ही हमारी प्रतिभा को जागृत करती है जो हमें देश ,दुनिया और समाज में एक पहचान देती है। इच्छा का मतलब किसी वस्तु ,व्यक्ति या फिर किसी परिणाम की ख्वाहिश रखना होता है यूही नहीं कहा किसी ने कि ख्वाहिशें पूरी करने के लिए लड़ना पड़ता और उन्हें आसान बनाने के लिए समझना पड़ता है।
इच्छाओं को कैसे महत्व दें / how to value desires
हमें अपनी इच्छाओं का महत्व समझने के लिए हमें अपनी इच्छाएं प्रचण्ड करनी चाहिए क्योंकि जब हमारे इरादें मजबूत होते है तभी हम अपनी इच्छाओं को एक आधार दे पाते है और उन्हें पूरा करने में सक्षम बन पाते है। इच्छाएं ,सपने और इरादें हमें जिम्मेदार की तरफ अग्रसर करते है जिससे हम जीवन में कुछ कर पाने के लिए अपनी प्रतिभा को जागृत करते है। हम अपनी इच्छाओं को महत्व तभी दे सकतें है जब हम उन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कार्य करें और उस मार्ग में चलने को प्रेरित करें जो सफलता प्राप्त करने में हमारी मदद कर सकें। हमारे मन और मश्तिष्क में हर रोज बहुत सी ख्वाहिशें जन्म लेती है लेकिन हमारी हर इच्छा को पूरा करना हमारे वश नहीं होता है यह हमारी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है क्योंकि इच्छाएं होने से कुछ नहीं होता है जब तक हमारी इच्छाएं हमारी इच्छाशक्ति से ना जुडी हो क्योंकि हमारी इच्छाशक्ति हमें दृढ़ संकल्प से जोड़ती है तभी हम लोग अपनी बाधाओं से लड़ने में सक्षम बन पाते है।
इंसान की इच्छाओं की कोई सीमा नहीं है क्योंकि वह अनंत होती है। जहा अनन्त इच्छाएं होती है वहापर बहुत से लोगों के लिए हम यह कह सकते है की वह भ्रम का जीवन जीते है। वास्तविकता से उनका कोई लेना -देना नहीं होता है क्योंकि बहुत ज्यादा ख्वाहिशें इंसान को उसके मार्ग से भटका देती है और नकारात्मक विचार के होने से उसका जीवन ऐसा उलझ जाता है की सकारात्मक विचारों की कोई जगह नहीं होती है। व्यर्थ की इच्छाएं जीवन में तकलीफ देती है इसलिए हमें उन इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए जो हमें जीवन में एक मार्ग दिखाती है जिससे हम अपने और अपने समाज को आगे बढ़ानें का काम करते है। अच्छी और बुरी इच्छाएं हमारी आदत पर निर्भर करती है जिससे हमारे जीवन को सही और गलत रास्ते का बोध कराती है इसलिए हमें अपनी इच्छाओं को अपने में समाहित करके रखना चाहिए।
हमारी इच्छाएं कभी स्थाई नहीं होती है इसीलिए हमारे मन में रोज नई इच्छाएं जन्म लेती है कारण यह है की हम अपनी इच्छाओं को अपनी इच्छाशक्ति से नहीं जोड़ पाते है जिससे हम दृढ़ संकल्प भी नहीं होते है। इसलिए हमें प्रयास करना चाहिए की हमारी मन की शक्ति हमारे वश में हो और हमें इच्छाशक्ति बनाएं रखने के लिए उसे प्रेरित करते रहना चाहिए। जिससे हमारा आत्मविश्वास कभी डगमगा ना सकें और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। हमारी इच्छाएं हमारी एकाग्रता पर निर्भर करती है। वैसे तो हम पुरे समय नई -नई इच्छाएं उत्पन्न करते रहते है लेकिन हम वही इच्छाएं पूरी कर पाते है जिन्हें हम एकाग्रता से अपने मन और मश्तिष्क में जन्म देते है। जब हम अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कार्य करते है तो उसमे आने वाली परेशानियों से हम विचलित हो जाते है और काम को बन्द करने के लिए सोचने लगते है ऐसे में हमें अपनी मन की शक्ति का संचार करना चाहिए। जिससे हमें हमारी इच्छा को पूरा करने का रास्ता मिल सकेंगा और हमारी ऊर्जा में बृद्धि होगी जो हमारे कार्य को करने के लिए हमें दृढ़ संकल्प बनाएगी।
व्यक्ति के जीवन में इच्छाओं का आधार क्या है / What is the basis of desires in a person's life
आज की दुनिया मानव जाति की भीड़ से भरी हुई है और इस भीड़ में हर तरह का प्राणी होता है। एक आमिर है तो एक बहुत आमिर है और एक गरीब है तो एक बहुत गरीब है और यही दुनिया की वो तस्वीर है जो हमेशा से प्रदर्शित होती रही है लेकिन इच्छा का भाव हर तस्वीर में होता है क्योंकि सभी को अपने जीवन में आगे बढ़ना होता है और सभी को अपने सपने पुरे करने होते है। हमारी इच्छाएं अगर प्रबल हो ,दृढ़ संकल्प हो तो उन्हें पूरा करने में प्रभु भी हमारी पूरी मदद करते है लेकिन अगर हम आज कोई इच्छा पालते और कल कोई और इच्छा अपने मन में प्रकट करते है तो ऐसे में हमारा जीवन भ्रमित रहता है और हमारी कोई भी इच्छा पूरी नहीं होती है इसलिए हमे अपनी इच्छाओं के प्रति गंभीर होना चाहिए और उन्हें अपने जीवन का आधार बनाना चाहिए। जिससे हम अपने जीवन की इच्छाओं को पूरा कर सकें।
व्यक्ति को अपनी इच्छा को आधार बनाने के लिए जीवन में कुछ कार्य करने पड़ते है जो हमें अपनी इच्छाओं के प्रति गंभीर बनाती है व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से श्वस्थ होना चाहिए जिसके लिए उसे योग और साधना को महत्व देना चाहिए। इससे हमारा शरीर श्वस्थ रहता है और ऊर्जावान होता है जिससे हमारा काम में मन लगता है। काम के दौरान आने वाली परेशानियों की वजह से हम बहुत विचलित हो जाते है जिससे हमारा मन करता है की हम काम करना बंद कर दें ऐसे में योग बहुत सहायक होता है क्योंकि योग हमें अंदर से मजबूत बनाता है जिससे हमारे लक्ष्य के प्रति हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। जो हमें हमारी इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प से प्राप्त होता है यदि हम इन दोनों की गुणवक्ता को समझें तो हम कभी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हट सकतें है।
इच्छाओं को पूरा करने के लिए अध्ययन करना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि अध्ययन हमें हमसे मिलाता है जो हमें दुनिया के तौर -तरिके सिखाता है। अध्ययन करने से हम हर चीज के बारे में जान और समझ सकतें है। अध्ययन करने से हम यह जान पाते है की हम अपनी इच्छाओं को कैसे पूरा कर सकतें है और उन्हें कैसे अंजाम दें सकतें है क्योंकि इच्छाएं पालने भर से कुछ नहीं होता है अगर हम उन्हें पूरा नहीं कर सकतें है। इंसान बहुत ज्यादा भाग्य के भरोसे बैठे रहते है क्योंकि उन्हें लगता है की प्रभु ने जो हमारे भाग्य में लिखा है वही होगा जबकि लोग यह भूल जाते है की भाग्य उन्ही का बनता है जो उसे खुद लिखतें है और ऐसे लोग ही इच्छाओं को अपने जीवन का आधार बना सकतें है तथा ऐसे लोग हमारी इच्छा शक्ति को प्रेरित कर उसे दृढ़ संकल्प बनाने में हमारी मदद करते है जिससे हमें सफलता का मार्ग दिखाई देता है।
उपसंहार / Epilogue
इच्छाएं हमें प्रेरित करती है अपना जीवन बदलने के लिए जिससे हम अपने समाज और देश -दुनिया में एक पहचान बनाते है मगर ऐसा तभी होता है जब हम अपनी इच्छाओं को प्रबल बनाते है और उनके प्रति दृढ़ संकल्प होते है तथा हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है। जीवन में इच्छा कोई भी हो लेकिन जब तक उसमे प्रभाव नहीं डालते है तब तक उसका परिणाम हमें नहीं मिलता है। हमारी इच्छाएं हमें जीवन का अर्थ समझाती है। हर रोज हमारे अंदर कई इच्छाएं जन्म लेती है लेकिन फलीभूत वही इच्छा होती है जिसका जीवन में एक आधार होता है क्योंकि बिना आधार के किसी चीज का कोई मतलब नहीं होता है।
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