एक बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा अपने आचरण से जीवित रहता है / A wise man always lives by his conduct
प्रस्तावना / Preface
बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा अपने आचरण से जाना जाता है मगर इस दुनिया में बुद्धिमान होना ही उनकी विफलता की सबसे बड़ी वजह होती है क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा अपनी परम्पराएं ,सभ्यता ,संस्कृति और आचरण आदि के साथ जीते है। ऐसे व्यक्ति हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर अपना जीवन बिताते है। हम सब प्रभु के द्वारा बनाएं गए ऐसे प्राणी है। जिनको सोचने -समझने की शक्ति प्राप्त है लेकिन हम अगर बुद्धिमान इन्सानों की बात करे तो इसमें भी कई तरह के बुद्धिमान व्यक्ति होते है। जैसे -एक व्यक्ति होता है जो किसी भी चीज को करने से पहले उसके बारे में एक योजना तैयार करता है उसके बारे में तर्क -वितर्क करता है फिर उस कार्य को अंजाम देता है। वही दुनिया में कुछ ऐसे बुद्धिमान लोग होते है जो सिर्फ अपने आपको ही बुद्धिमान समझते है और बाकि सबको मुर्ख समझतें है लेकिन वह कहते है की सत्य कभी नहीं मरता बस कुछ देर के लिए विलुप्त हो जाता है क्योंकि एक बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा अपने आचरण से जीवित रहता है।
बुद्धिमान होने का अर्थ / meaning of being intelligent
एक व्यक्ति जो बुद्धिमान होता है वह व्यक्ति हमेशा सत्य के मार्ग पर चलता है। अपने जीवन उस हर चीज को महत्व देता है जिनके बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है। वह व्यक्ति अपनी बुद्धिमानी से दुनिया का दिल जीत लेता है क्योंकि ऐसा व्यक्ति अपने काम को बहुत सोच -समझ और जानकारी के साथ करता है। बुद्धिमानी से व्यक्ति अपनी बड़ी से बड़ी कठिनाइयों में जीत हासिल कर लेता है क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा हुआ होता है जो बहुत सयम और धैर्य से काम करता है। बुद्धिमान व्यक्ति हमको सिखाता भर नहीं है बल्कि ऐसे व्यक्ति हमसे सीखतें भी है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों की सोच सिर्फ ज्ञान अर्जित करना होता है बुद्धिमान व्यक्ति होने का अर्थ यह भी है की हम अपनी बुद्धि का सही जगह और सही तरिके से इस्तमाल करें। जो व्यक्ति ऐसा करते है सही मायने में वही इंसान विकास का दृष्टिकोण बदलते है क्योंकि ऐसे व्यक्ति विकास की आधारशिला रखतें है।
बुद्धिमान व्यक्ति कभी किसी भी बुद्धिमान व्यक्ति को अपने आप से छोटा नहीं समझते है क्योंकि ऐसे व्यक्ति हमेशा सत्य के साथ जीना पसन्द करते है। बुद्धिमान व्यक्ति पहले से अंदाजा लगा लेते है की सामने वाला व्यक्ति क्या बोलेगा क्योंकि ऐसे व्यक्ति उसके दृष्टिकोण को उसकी बुद्धि से ज्यादा महत्वपूर्ण समझते है विद्वान व्यक्ति अपने आपको साबित करने के लिए नए -नए मोके ढूढ़ते रहते है लेकिन ऐसे व्यक्ति ज्यादातर अकेलेपन के शिकार होते है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को जल्दी कोई समझ नहीं पाता है। आज हम आधुनिकीकरण दुनिया में रह रहें है लेकिन यह दुनिया हमें उन बुद्धिमान व्यक्तियों की वजह से मिली है जिन्होंने उन सभी चीजों का अविष्कार किया जो हमें सुविधा प्रदान करतें है। व्यक्ति सिर्फ पढ़ाई -लिखाई से बुद्धिमान नहीं बनता बल्कि हमारी परिस्थितियां ,हमारे तर्क -वितर्क ,हमारे आस -पास होने वाली गतिविधियां और लोगों को सुनने आदि से हम अधिक बुद्धिमान बनाते है।
आप को अगर किसी की बुद्धिमानी का अर्थ समझना है तो उसके द्वारा किये हुए कार्यो को देखों जिनसे दो ,चार व्यक्तियों का भला नहीं होता बल्कि लाखों ,करोड़ों का भला होता है। इसको हम ऐसे समझ सकतें है जैसे कोई अध्यापक अपनी पूरी जिंदगी में हजारों ,लाखों बच्चों ज्ञान प्रदान करके उनका जिंदगी बना देता है लेकिन वह गुरु वही के वही रहतें है क्योंकि उनका काम सिर्फ ज्ञान बाटना है। बुद्धिमानी से जीने वाले व्यक्ति के अंदर द्वेष ,हीन भावना ,भोग -विलास ,धन -वैभव और कामवासना आदि की महत्वा नहीं होती है। ऐसे व्यक्ति हमेशा लोगों की भलाई के लिए कार्य करते है जो समाज को कर्तव्यपूर्ण बनाता है और इसी लिए वह एक बुद्धिमान पुरुष कहलाते है। हमें अगर किसी की बुद्धिमता को परखना है तो उसके द्वारा किये हुए कार्यो को जाने हमें पता लग जायेगा की वह व्यक्ति कितना प्रभावशाली है
एक बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान / identity of a wise man
हर व्यक्ति में जन्मजात सीखने की योग्यता होती है जो हमें हमारी बुद्धि से प्राप्त होती है और जो व्यक्ति अपनी बुद्धि को सही समय और सही जगह पर उपयोग करता है उसे उस इंसान की बुद्धिमानी कहते है। बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके द्वारा किये हुए कार्यो और उसकी बुद्धिमता से होती है। बुद्धिमान व्यक्ति लोगों की बातों को सुनकर उसमे तर्क -वितर्क करके और उसे समझकर किसी भी चीज का निष्कर्ष निकालता है। हम यह कह सकतें है की यही उस व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान होती है बुद्धिमान व्यक्ति लोगों को सिखाता भी है और उनसे सीखता भी है जो लोग ऐसा करते है वह व्यक्ति हमेशा शिखर में रहते है क्योंकि ऐसे व्यक्ति की बुद्धिमता का परिचय उसके आचरण से मिलता है। बुद्धिमान व्यक्ति ज्यादा प्रसन्न नहीं रह पाते है क्योंकि ऐसे व्यक्ति बहुत गंभीर और अकेले रहने वाले होते है।
जब हम जन्म लेते है तभी से हमारे अंदर कुछ प्रतिभाएं जन्म लेती है और जब उन चीजों को देखतें है तो हम उनकी तरफ आकर्षित होते है और उसी हमारी बुद्धि का विकास होने लगता है उस वजह से हम अपने बुद्धि का इस्तमाल करने लगते है। शारीरिक विकास की एक औसतम समयावधि होती है लेकिन अपनी बुद्धि को तीव्र करने के लिए पूरा जीवन होता है। हम जितना सीखते है उतना ही हम बुद्धिमान बनते है और यही पहचान है बुद्धिमान व्यक्ति की हमें अपने जीवन में जितना भी खाली समय मिले उसे हमे कुछ सीखने में खर्च करना चाहिए। अगर हमें एक बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान बनानी है तो हमें उन बुद्धिमानों की तरह सोचना होगा जिन्होंने सही समय पर अपनी बुद्धिमानी से बड़े -बड़े काम किये और अपनी एक पहचान बनाई है।
जीवन में बुद्धिमान होना क्यों जरूरी है / why is it important to be intelligent in life
आज हमारे जीवन में चारों तरफ बहुत सी समस्याएं है और रोजना नई समस्याएं जन्म भी लेती है जिससे हमारा जीवन बहुत प्रभावित होता है। उन समस्याओं के निवारण हेतु एक व्यक्ति का बुद्धिमान होना बहुत आवश्यक होता है। हमें अपने जीवन को समस्याओं से बाहर निकालने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। बुद्धिमान व्यक्ति को जीवन में कभी -कभी अपनी छोटी—छोटी समस्याओं का निवारण करने हेतु अपनी बुद्धिमता का परिचय देना पड़ता है।जब हम किसी कार्य को करते है तो ऐसे समय में शारीरिक ताकत से ज्यादा बुद्धिमानी की अधिक आवश्यकता होती है जो हमें ज्ञान ,धैर्य ,शिष्टाचार और विनम्रता से प्राप्त होती है। बुद्धिमानी व्यक्ति को एक परिवार ,समाज ,देश और दुनिया का नेतृत्वकर्ता बनाता है। वास्तविक जीवन के अनुभव और होने वाली घटनाएं व्यक्तियों को ज्यादा बुद्धिमान बना देती है।
हमारे जीवन में हजारों उतार -चढ़ाव आते है। जो हमारे संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाते है। संघर्ष हमारे जीवन का कर्तव्य है जिसे हम अपनी बुद्धि से सार्थक बनाते है जिससे हमारा जीवन सफल होता है लेकिन हम बुद्धिमान तभी कहलाते है जब हम अपनी बुद्धिमता से अपने जीवन को संवारते है। व्यक्ति को सारा ज्ञान किताबों से नहीं मिलता बल्कि ज्यादातर ज्ञान हमें सामाजिक गतिविधियों से प्राप्त होता है क्योंकि कहते है कि हमारे सामने होने वाली घटनाएं हमारी बुद्धि को ज्यादा प्रेरित करती है बुद्धिमता को बढ़ाने के लिए गुरुओं द्वारा प्राप्त ज्ञान को एक लक्ष्य की तरह समझना चाहिए जो हमारे कार्यो को करने में मददगार होती है। किसी भी सामान्य व्यक्ति को अगर अपनी बुद्धि को बढ़ाना है तो उसे उन बुद्धिमानों के बारे में पढ़ना चाहिए जिन्होंने अपनी बुद्धिमानी से देश -दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।
उपसंहार / Epilogue
बुद्धिमानी हमारे जीवन में बदलाव लाती है हमें हमारी परिस्थतियों से लड़ना सिखाती है क्योंकि ज्ञान वही होता है जो हमारे जीवन के अस्तित्व को आधार प्रदान करें जिससे हम अपने और अपने लोगों का जीवन बदल सकें। सामान्य लोगों को अपनी बुद्धि के विकास के लिए ऐसे लोगों के बारे में जानना और समझना चाहिए जिनसे हमें कुछ सीखने को मिलें और हम अपनी बुद्धि को विकसित कर सकें। जिससे समाज और देश -दुनिया में हम अपनी एक पहचान बना सकें। बुद्धिमानी के लिए व्यक्ति को योग ,ध्यान ,साधना और पूजा -पाठ में मन लगाना चाहिए जिससे एक व्यक्ति सकारात्मक विचारों वाला बन सकें। किताबें हमें हमारे अतीत से मिलती है जो हमारे पूर्वजों द्वारा किए हुए कार्यो से अनुभव कराती है। हम लोग जब अपने आस -पास के लोगों से तर्क—वितर्क करते है तब हमें अपनी बुद्धिमानी का पता चलता है।
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